Udaipur-सुप्रीम कोर्ट ने जून 2022 में हुए कन्हैयालाल हत्याकांड के एक आरोपी मोहम्मद जावेद को जमानत दिए जाने के खिलाफ नोटिस जारी किया है। कन्हैयालाल के बेटे यश तेली ने इस साल सितंबर में राजस्थान हाईकोर्ट द्वारा आरोपी को दी गई जमानत के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
घटना का पूरा विवरण
2022 में उदयपुर के दर्जी कन्हैयालाल की हत्या ने देशभर में सनसनी फैला दी थी। आरोप है कि रियाज अटारी और गौस मोहम्मद नाम के दो मुख्य आरोपी ग्राहक बनकर कन्हैयालाल की दुकान पर पहुंचे और धारदार हथियारों से उनकी हत्या कर दी। घटना के बाद उन्होंने हत्या का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिसमें सांप्रदायिक नारे लगाए गए थे और प्रधानमंत्री समेत अन्य लोगों के खिलाफ धमकी दी गई थी। इस घटना का उद्देश्य साम्प्रदायिक वैमनस्य फैलाना था, और इसे लेकर देशभर में आक्रोश देखा गया।
आरोपी जावेद की भूमिका
मामले की जांच एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने की, जिसमें जावेद समेत कई लोगों को आरोपी बनाया गया। आरोप है कि जावेद ने हमलावरों को कन्हैयालाल की लोकेशन और उपस्थिति की जानकारी दी थी। जावेद पर आरोप है कि उसने मुख्य आरोपियों को हत्या को अंजाम देने में सहायता प्रदान की थी।
हाईकोर्ट में जमानत पर फैसला और सुप्रीम कोर्ट का नोटिस
सितंबर 2023 में राजस्थान हाईकोर्ट ने जावेद को जमानत दे दी, यह कहते हुए कि उसके खिलाफ प्रथम दृष्टया आरोप साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। हाईकोर्ट के अनुसार, अभियोजन पक्ष यह नहीं दिखा सका कि जावेद ने साजिश रची थी। इसी आधार पर उसे जमानत दी गई, क्योंकि जावेद जुलाई 2022 से जेल में बंद है और एनआईए उसकी लोकेशन कोर्ट में पेश नहीं कर पाई थी।
सुप्रीम कोर्ट में याचिका की मुख्य बातें
कन्हैयालाल के बेटे ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने जावेद के अपराध की गंभीरता पर ध्यान नहीं दिया। याचिका में कहा गया कि जावेद ने मुख्य आरोपियों को लोकेशन बताकर हत्या में सहयोग किया और उसके साथ साजिश रची। अधिवक्ता नेमी सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट में तर्क दिया कि जावेद इस साजिश में सक्रिय सदस्य था और उसके खिलाफ एनआईए के आरोप पत्र में पर्याप्त साक्ष्य हैं।
अब सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए और आरोपी जावेद से इस मामले में जवाब तलब किया है और अगली सुनवाई में स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है।