Rajasthan News मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रविवार को गोवर्धन परिक्रमा विकास परियोजना का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना से गिरिराजजी परिक्रमा क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिलेंगी और धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य बिंदु:
- परियोजना का उद्देश्य:
- आध्यात्मिक और सांस्कृतिक सौंदर्य को बनाए रखते हुए तीर्थयात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाना।
- 2 करोड़ श्रद्धालु प्रतिवर्ष इस परिक्रमा में भाग लेते हैं, और यह परियोजना उनकी यात्रा को सुविधाजनक बनाएगी।
- मुख्यमंत्री का बयान:
- “गिरिराजजी के आशीर्वाद से राज्य को समृद्ध बनाना हमारा सपना है।
- तीर्थ स्थलों के विकास के साथ बुनियादी ढांचे में सुधार हमारी प्राथमिकता है।”
चार जोन में होगा विकास
- पहला जोन:
- धार्मिक स्थल: श्रीनाथजी मंदिर, पूंछरी का लौठा, दाऊजी मंदिर, गंगा मंदिर।
- पर्यटक स्थल: मयूर वाटिका, बॉटेनिकल गार्डन, राधा वाटिका।
- कुंड: नरसिंह कुंड, अप्सरा कुंड।
- दूसरा जोन:
- भव्य प्रवेश और निकास द्वार।
- मार्ग का सौंदर्यीकरण और रोशनी की व्यवस्था।
- फूड जॉइंट्स और भगवान श्री कृष्ण से संबंधित मूर्तियां।
- तीसरा जोन:
- एंट्री प्लाजा और ग्रीन कैनाल वाटर फ्रंट।
- गिरिराज म्यूजियम और पौराणिक आर्ट गैलरी।
- सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक केंद्र।
- चौथा जोन:
- 250 फीट ऊंची भव्य मूर्ति।
- आश्रम गांव, गौशालाएं, और मेडिटेशन हॉल।
- राजस्थानी हैंडीक्राफ्ट बाजार।
वित्त पोषण और प्रदर्शनी:
मुख्यमंत्री ने परियोजना को संभव बनाने के लिए वेदांता समूह का आभार व्यक्त किया।
- उन्होंने प्रदर्शनी का अवलोकन कर परियोजना के डिजाइन और सुविधाओं का जायजा लिया।
निष्कर्ष:
गोवर्धन परिक्रमा विकास परियोजना धार्मिक, आध्यात्मिक, और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से एक महत्वपूर्ण पहल है। यह न केवल श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाएं प्रदान करेगी, बल्कि क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा देगी।