प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को झारखंड के हजारीबाग में ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ का शुभारंभ किया। इस महत्वपूर्ण योजना का उद्देश्य आदिवासी समाज के सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक उत्थान को बढ़ावा देना है। प्रधानमंत्री ने इस मौके पर कुल 83,700 करोड़ रुपये की योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया, जो आदिवासियों के जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आदिवासियों को प्राथमिकता देना उनकी सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ के तहत देश के 549 जिलों में 79,150 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे, जिससे 65,000 गांवों के पांच करोड़ से अधिक आदिवासी लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर पीएम मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा की धरती से इस योजना की शुरुआत पर प्रसन्नता जाहिर की और कहा कि गांधी जी का भी यही सपना था कि आदिवासी समाज का विकास हो, तभी देश का समग्र विकास संभव है।
83,700 करोड़ रुपये की योजनाओं का शुभारंभ
हजारीबाग के विनोबा भावे विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने 83,700 करोड़ रुपये की योजनाओं का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह योजनाएं आदिवासी समाज को प्रगति के समान अवसर प्रदान करेंगी। पीएम मोदी ने इस अवसर पर यह भी बताया कि पिछले साल भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर शुरू की गई पीएम जन मन योजना के तहत झारखंड में 950 गांवों में हर घर में जल पहुंचाने का काम पूरा किया जा चुका है।
आदिवासी समाज को प्राथमिकता
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “आदिवासी समाज का विकास हमारी सरकार की प्राथमिकता है और यह योजना इसका जीवंत प्रमाण है।” मोदी ने इस अवसर पर कहा कि उनकी सरकार आदिवासी युवाओं को सशक्त बना रही है और उन्हें आगे बढ़ने के सभी अवसर प्रदान कर रही है।
हेमंत सोरेन सरकार पर हमला
पीएम मोदी ने हजारीबाग के गांधी मैदान में आयोजित भाजपा की परिवर्तन महारैली को संबोधित करते हुए राज्य की हेमंत सोरेन सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने भ्रष्टाचार, जमीन की लूट, कोयला माफिया, ट्रांसफर उद्योग और आदिवासियों से जुड़े मुद्दों पर राज्य सरकार की नीतियों की कड़ी आलोचना की।
महिला की पीएम से मिलने की कोशिश
कार्यक्रम के दौरान एक दिलचस्प घटना हुई, जब कोडरमा की रहने वाली कुसुम साहू नामक महिला ने पीएम मोदी से मिलने की कोशिश की। महिला मंच के पास पहुंच गई थी और उसने साउंड बॉक्स पर चढ़कर अपनी मांगों को सामने रखने का प्रयास किया। पीएम मोदी ने तुरंत सुरक्षाकर्मियों का ध्यान इस ओर आकर्षित किया और महिला को शांतिपूर्वक नीचे उतारने को कहा। बाद में, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि महिला पीएम को ज्ञापन सौंपना चाहती थी।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का झारखंड दौरा आदिवासी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण साबित हुआ है। उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं यह दर्शाती हैं कि आदिवासी समाज को सशक्त बनाने और उन्हें प्रगति के समान अवसर प्रदान करने की दिशा में सरकार प्रतिबद्ध है। इस दौरे से यह भी स्पष्ट होता है कि झारखंड और देश के अन्य आदिवासी क्षेत्रों का विकास उनकी प्राथमिकता में सबसे ऊपर है।
राजस्थान की राजनीति में भी चर्चा
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा आदिवासियों के विकास पर दिए गए जोर का असर केवल झारखंड तक ही सीमित नहीं है, बल्कि राजस्थान जैसे राज्यों में भी इसकी गूंज सुनाई दे रही है। राजस्थान में भी आदिवासी समाज को प्राथमिकता दी जा रही है और सरकार की योजनाओं से उन्हें लाभ पहुंचाने की कोशिशें जारी हैं।