Pali Medical college में 2024 का तीसरा देहदान सोजत के रहने वाले प्रकाश गुर्जर के निधन के बाद हुआ। उनके परिवार ने यह महान कदम उठाते हुए उनकी देह चिकित्सा शिक्षा के लिए दान कर दी।
नेत्रदान से देहदान तक की यात्रा
प्रकाश गुर्जर का असामयिक निधन होने के बाद उनके परिजनों ने आई बैंक सोसायटी से संपर्क कर उनकी आंखें दान करने का निर्णय लिया। आई बैंक सोसायटी पाली चैप्टर के अध्यक्ष हुक्मीचंद मेहता ने परिजनों को नेत्रदान के बाद देहदान के महत्व के बारे में बताया। परिवार ने सहमति जताई, जिसके बाद प्रकाश गुर्जर की देह भी मेडिकल कॉलेज को दान की गई।
उनकी आंखों से प्राप्त कॉर्निया को जयपुर भेजा गया, जहां यह दो दृष्टिहीन व्यक्तियों को रोशनी प्रदान करेगी।
पाली मेडिकल कॉलेज: देहदान की बढ़ती संख्या
पाली मेडिकल कॉलेज में 2024 में अब तक तीन देहदान हो चुके हैं। कॉलेज के प्राचार्य एवं नियंत्रक डॉ. दिलीप सिंह चौहान ने बताया कि अब तक कुल 22 परिवारों ने अपने प्रियजनों का देहदान किया है। यह कदम मेडिकल छात्रों को शारीरिक संरचना और चिकित्सा विज्ञान को बेहतर तरीके से समझने में मदद करता है।
परिवार और समाज की भूमिका
प्रकाश गुर्जर के पिता हरिराम गुर्जर, मां सुखीदेवी, और बहन दुर्गा गुर्जर सहित परिवार के अन्य सदस्यों ने इस पहल में सक्रिय भाग लिया। देहदान के दौरान समाज के कई प्रतिष्ठित लोग भी उपस्थित रहे, जिनमें मंगलाराम, सोहन पंवार, पियुष चौहान, देवाराम गुर्जर, और कानाराम शामिल थे।
देहदान: मानवता की सेवा में अनमोल योगदान
देहदान और नेत्रदान जैसे कदम न केवल चिकित्सा क्षेत्र में योगदान देते हैं, बल्कि मानवता के लिए भी प्रेरणा का स्रोत बनते हैं। पाली और उसके आसपास के क्षेत्रों में बढ़ती जागरुकता से यह पहल और मजबूत हो रही है, जो आने वाले समय में सामाजिक बदलाव का प्रतीक बनेगी।