Los Angeles Fire- अमेरिकी राज्य कैलिफोर्निया के प्रमुख शहर लॉस एंजेलेस में लगी जंगल की आग ने विकराल रूप धारण कर लिया है और अब तक हजारों एकड़ जमीन जलकर खाक हो चुकी है। इस आग पर लाख कोशिशों और संसाधनों के बावजूद काबू नहीं पाया जा सका है। वैज्ञानिकों के अनुसार, आग के तेजी से फैलने का कारण दक्षिणी कैलिफोर्निया में अत्यधिक सूखे की स्थिति और प्रतिकूल मौसमीय परिस्थितियां हैं।
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय-सैन डिएगो के जलविज्ञानी मिंग पैन के मुताबिक, दक्षिणी कैलिफोर्निया की मिट्टी में नमी का स्तर ऐतिहासिक रूप से केवल 2 प्रतिशत है। इस क्षेत्र में अक्टूबर से जनवरी के बीच बारिश का मौसम होता है, लेकिन इस बार बारिश बेहद कम हुई, जिससे प्राकृतिक जल स्रोत सूख गए। हवा के गर्म और शुष्क होने की वजह से मिट्टी और पौधों से पानी वाष्पित हो गया, जिससे जंगलों में सूखापन बढ़ गया। यही स्थिति आग के तेजी से फैलने का मुख्य कारण बनी।
इसके अलावा, शक्तिशाली सांता एना हवाओं ने भी इस आग को और विकराल बनाने में अहम भूमिका निभाई। ये शुष्क और तेज हवाएं दक्षिणी कैलिफोर्निया के पहाड़ों से तट की ओर बहती हैं। जनवरी 2025 की शुरुआत में इन हवाओं की रफ्तार 80 मील प्रति घंटे तक पहुंच गई थी, जिससे आग पर नियंत्रण पाना और मुश्किल हो गया।
अब तक इस आपदा में कम से कम 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 180,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। आग ने हजारों घरों, स्कूलों और संरचनाओं को भी नष्ट कर दिया है। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी है कि आग के बाद क्षेत्र में सूखा पड़ने की संभावना है, जिससे हालात और बदतर हो सकते हैं।
हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि एक या दो अच्छी बारिश से स्थिति में सुधार हो सकता है। इसके लिए लंबे समय तक वनों के प्रबंधन और जल स्रोतों को पुनर्जीवित करने की आवश्यकता होगी। इस घटना ने एक बार फिर पर्यावरणीय संतुलन और जलवायु परिवर्तन के गंभीर प्रभावों पर ध्यान केंद्रित किया है।
सूत्र:
-कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, सैन डिएगो
-स्थानीय मौसम विभाग
-क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन रिपोर्ट