चुनावी गहमा-गहमी के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अमित वाजपेयी, शादाब अहमद और सुनील सिंह सिसोदिया की हुई विशेष बातचीत के मुख्य अंश…
Congress President Mallikarjun Kharge
नई दिल्ली/ जयपुर। मल्लिकार्जुन खरगे के अनुसार यह लोगों में गलतफहमी हो रही है कि मोदी को गालियां दी जा रही है। भाजपा और मोदीजी खुद गालियां खाने के लिए हर बात को मोदी से जोड़ देते हैं। ऐसा लगता है कि भगवान का नाम कम और मोदी का नाम ज्यादा हो रहा है। खुद मोदी अपने भाषण में मोदी-मोदी बोलते हैं। चुनावी गहमा-गहमी के बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से अमित वाजपेयी, शादाब अहमद और सुनील सिंह सिसोदिया की हुई विशेष बातचीत के मुख्य अंश…
सवाल: कांग्रेस ने 2014 में चायवाला, 2019 में चौकीदार चोर है और अब चंदे का धंधा नारे लगाकर मोदी पर सीधे निजी हमले किए, आपको नहीं लगता कि इससे कांग्रेस को फायदे की जगह नुकसान ज्यादा होता?
जवाब: देखिए, मोदी ने खुद ही कहा कि वो ट्रेन में चाय बेचते हैं। यदि किसी ने अपमान करने के लिए व्यक्तिगत टिप्पणी की है तो वो गलत है। मैं चायवाला था, जब कोई चुनाव में सहानुभूति के लिए यह बोलता है तो यह भी अनुचित है। मैंने कभी नहीं कहा कि मेरे पिता टैक्सटाइल मजदूर थे। मैंने 53 साल में कभी भी सहानुभूति के लिए यह नहीं बोला। भारत के लोग बेहद भावुक है। अरे यह बेचारा गरीब है। वहीं संविधान ने ही आपको प्रधानमंत्री और मुझे नेता प्रतिपक्ष बनाया। उसको बचाना भी हमारा फर्ज है। अब चंदा दो, धंधा लो कर ही रहे हैं। भाजपा ने कभी यह नहीं बोला कि यह भाजपा की गारंटी नहीं बोला। वो बोलते हैं कि मोदी ने यह किया, वो किया। यह मोदी गारंटी है, मोदी है तो मुमकिन है। इसलिए आप मुझे बताए कि विपक्ष किस पर टिप्पणी करे। यह लोगों में गलतफहमी हो रही है कि मोदी को गालियां दी जा रही है। माफ कीजिए, भाजपा और मोदी जी खुद गालियां खाने के लिए हर बात को मोदी से जोड़ देते हैं। ऐसा लगता है कि भगवान का नाम कम और मोदी का नाम ज्यादा हो रहा है। क्योंकि वो खुद ही बोलते फिर रहे हैं। मीडिया भी भाजपा का घोषणा पत्र नहीं बताता, बल्कि मोदी की गारंटी बताता है।
सवाल: आप पहले पर्यवेक्षक बनकर राजस्थान आए अब अब पार्टी अध्यक्ष बन चुके हैं। न तो तब और न ही अब तक आप अशोक गहलोत एवं सचिन पायलट के बीच सुलह करा पाए। आप राजस्थान में कांग्रेस का भविष्य किसके हाथ ज्यादा सुरक्षित मानते हैं?
जवाब: देखिए, यह व्यक्तिगत सवाल है। गहलोत और पायलट को छोड़ो, कांग्रेस पार्टी रहनी चाहिए। यह पार्टी 139 साल से जिंदा है। आगे भी जिंदा रहेगी। व्यक्ति आएंगे और जाएंगे। व्यक्ति से संस्था का कोई मतलब नहीं है। जिसका कांग्रेस विचारधारा में विश्वास है, वही रहते हैं। गहलोत और पायलट हमारे बड़े लीडर है। मैं दोनों का सम्मान करता हूं। कांग्रेस में हमेशा लोकतंत्र रहा है। हमारे यहां बड़े नेताओं में हमेशा डिफरेंसेस रहे हैं। गांधीजी और नेहरूजी के समय भी डिफरेंसेस रहे। गांधीजी और सुभाषचन्द्र बोस में भी डिफरेंसेस थे। भाजपा में एक आदमी बोलता है और दूसरा उस पर अमल करता है। उनके यहां दो लोग है और हमारे यहां सैकड़ों लोग है राय देने वाले काम करने वाले।
सवाल: मोदी और भाजपा तो 400 पार सीट की गारंटी दे रहे हैं, कांग्रेस की कितनी सीट की गारंटी है?
जवाब: मुद्दा यह नहीं है कि मोदीजी क्या कहते हैं? वो तो 600 पार का नारा भी दे सकते हैं। वैसे भी मोदी अपने आंकड़े बढ़ाते रहते हैं। वो चाहते हैं कि रूस की तरह यहां चुनाव हो, लेकिन देश की जनता ऐसा होने नहीं देगी। पहले भाजपा ने इंडिया शाइनिंग भी बोला था। आजकल मोदी के साथ अमित शाह 400 पार का प्रचार कर रहे हैं। इंडिया शाइनिंग के 2004 के नारे के समय हुआ क्या, शाइनिंग धरी रह गई और कांग्रेस के नेतृत्व में यूपीए की सरकार बन गई। वैसा ही आज भी लोगों में भ्रम पैदा कर रहे हैं कि हम आने वाले हैं। मुझे राजनीति में 50 साल हो गए लेकिन ऐसा कभी नहीं देखा कि चुनाव घोषित होने के बाद कोई प्रधानमंत्री अपने सचिवों को बुलाकर आगे के 5 साल का प्लान तैयार करने बैठ जाए। यह सिर्फ अहंकार है। लोग इस अहंकार को तोडक़र रहेंगे। हमारा आंकड़ा उनको हराने के न्यूनतम अंक से ज्यादा होगा।
सवाल: मध्यप्रदेश में लगता है कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को पार्टी ने चुनाव में अकेला छोड़ दिया है। साथ ही कांग्रेस सरकार को गिराकर भाजपा में गए ज्योतिरादित्य सिंधिया के खिलाफ भी पार्टी की रणनीति कमजोर नजर आती है।
जवाब: ऐसा नहीं है। हम सभी जगह मजबूती से चुनाव लड़ते हैं। चुनाव के चरणवार प्रचार होता है। मध्यप्रदेश में भी मजबूती के साथ प्रचार किया जाएगा। आप लोग ख़ुद देख रहे हैं, सभी नेता मिलजुल कर प्रचार कर रहे हैं। सभी पार्टी के कैंडिडेट हैं, किसी लीडर के नहीं। सभी एकजुट और एकसाथ है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी पूरी कांग्रेस एकजुट होकर काम कर रही है। इसके सुखद परिणाम सामने आयेंगे।
सवाल: भाजपा मोदी की गारंटी पर चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस के पास चुनाव जीतने की क्या रणनीति और विजन है?
जवाब: हमने ‘कांग्रेस न्याय पत्र’ के नाम से घोषणा पत्र दिया है। हमारे 5 न्याय और 25 गारंटी के एजेंडे में युवा, महिला, किसान, श्रमिक एवं सभी दलित, आदिवासी, पिछड़े वर्ग, जनरल वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर, सभी धर्म, सभी जाति, सभी वर्ग के लोग शामिल हैं। हम गारंटी कार्ड लेकर घर-घर जा रहें हैं। डिजिटल माध्यम से करोड़ों लोगों तक पहुंचा है। कर्नाटक, तेलंगाना, हिमाचल में कांग्रेस गारंटी पूरी होने का लोगों को अनुभव है। आप कर्नाटक की गृह लक्ष्मी योजना को देखें, इसमें 1.22 करोड़ गरीब महिलाओं को हर माह 2000 रुपए दिए जा रहे हैं। ताकि उनका आर्थिक सशक्तिकरण हो। इसी तर्ज़ पर देश के गरीब परिवार की प्रत्येक महिला मुखिया को हर साल 1 लाख रुपए देने का वादा किया गया है। ये कोई मामूली बात नहीं है। हमारी गारंटी सच्ची है और मोदी गारंटी घोटाला। मोदी गारंटी झूठ, फरेब और उन्हीं के शब्दों में कहें तो एक जुमला है। कांग्रेस की गारंटी और मोदी की गारंटी में ज़मीन आसमान का फर्क है। हम जो कहते हैं, वह करते हैं। मोदी जी की गारंटी झूठ का पुलिंदा है।
सवाल: राजस्थान में कांग्रेस 10 साल से सभी सीटें हार रही है। अब इस चुनाव में भाजपा के हैट्रिक बनाने के दावे के आगे कांग्रेस कहां खड़ी है?
जवाब: आप निश्चिंत रहिए, राजस्थान में कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। हम थोड़ा सा चूक गए राज्य के चुनावों में पर हम इस बार बेहतर प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस का राजस्थान में मजबूत संगठन है। हमने अच्छे प्रत्याशी चुनाव में उतारे हैं। सभी मिलकर और मजबूती से चुनाव लड़ रहे हैं।
सवाल: राजस्थान में कांग्रेस की सरकार चली गई, आपको कहां लगता है कि कमी रह गई?
जवाब: कुछ तो कमी थी तभी हम चूक गए। हमने इस पर मंथन किया है और लोकसभा चुनाव के लिए ठोस कदम उठाए हैं। अबकी बार कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन करेगी। हमारे इरादे और हमारा संगठन दोनों मज़बूत हैं। भाजपा की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है।
सवाल: राजस्थान सहित कई प्रदेशों में बड़े नेताओं ने चुनाव में उतरने से परहेज किया, क्या हार का डर सता रहा है?
जवाब: ऐसा नहीं है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और स्पीकर, सीपी जोशी जी चुनाव लड़ रहे हैं। सचिन पायलट को हमने छत्तीसगढ़ से सीटें जिताने की जिम्मेदारी दी है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी, पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत चन्नी, संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल जी चुनाव लड़ रहे हैं। बड़े नेताओं को संगठन चलाने का लंबा अनुभव है। हमें उस अनुभव का इस्तेमाल ज्यादा सीटें जीतने के लिए करना है। नौजवानों व युवाओं को भी हमें चांस देकर नई लीडरशिप तैयार करनी है। कांग्रेस अपने नेताओं के अनुभव और युवाओं की शक्ति से चलती है।
सवाल: राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड जैसे कई राज्यों में कांग्रेस की सीटें शून्य है। इस बार आपकी क्या रणनीति है?
जवाब: यह सच है कि हमें पिछले दो लोकसभा में इन राज्यों से सीटें नहीं मिलीं। परंतु इस बार बात अलग है। आपने ख़ुद भी महसूस किया होगा। लोग अब भाजपा सरकार असलियत से वाकिफ हो गए। लोग हमारी योजनाओं को मौक़ा देना चाहते हैं। हम लोगों से उनके मुद्दों को हल करने की बात कर रहे हैं। इन राज्यों में इस बार हम मजबूत स्थिति में हैं। दिल्ली में हम इंडिया गठबंधन के साथ लड़ रहे हैं और हम अच्छा प्रदर्शन करेंगे। आप 4 जून को देखेंगे कि भाजपा सत्ता से बाहर होगी और जनता की जीत होगी। ये चुनाव भाजपा बनाम जनता है।
सवाल: कांग्रेस की नीतियों से खफा होकर बहुत नेता पार्टी छोड़ गए, आखिर संगठन में कहां कमी है, क्या पार्टी बिखराव की दिशा में बढ़ रही है?
जवाब: बिलकुल नहीं। इस देश में ऐसा कोई गांव नहीं है, जहां कांग्रेस के नेता या कार्यकर्ता नहीं हैं। आपने एक कहावत सुनी होगी कि जहां मिठाई होती है, वहां मक्खियां भिनभिनाती है। तो आजकल सत्ता की मिठाई, भाजपा के पास है। जिनको जाना था वो गए। जो हमारे पास हैं, वो धनबल-बाहुबल से नहीं डरते। वह सच्चे कांग्रेसी हैं। मेरा राजनीति में 5 दशकों से अधिक का अनुभव है। मैं हमेशा कांग्रेस के चुनाव चिह्न पर ही चुनाव लड़ा। पहले गाय बछड़ा और अब हाथ का पंजा। ऐसे बहुत सारे नेता हैं, जो हमेशा से कांग्रेस में है और कहीं नहीं जाने वाले। हम बीज हैं, हमें जितना दबाएंगे, हम नए पौधे जैसे उतने ही उगते जाएंगे।
सवाल: कांग्रेस में क्या इन दिनों अनुशासन में कमी है। कोई भी नेता पार्टी नेतृत्व पर ही सवाल खड़े कर देता है?
जवाब: ऐसा कुछ नहीं, बहुत नेताओं के अपनी मजबूरियां होती होंगी। पार्टी छोड़ने से पहले उनको कोई ना कोई एक बहाना देना होता है। तो वो कुछ न कुछ गलत आरोप लगाकर पार्टी छोड़ते हैं। अगर बिना बहाने बनाए पार्टी छोड़ेंगे तो उनका अवसरवाद बाहर आ जाएगा। ऐसे लोग केवल सत्ता से प्रेम करते हैं। हालांकि ऐसे बहुत लोग पार्टी में हैं, जो सत्ता में न होकर पार्टी के साथ हैं और हमेशा रहेंगे।
सवाल: कांग्रेस का इंडिया गंठबंधन में शामिल होकर कम सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला आत्मघाती तो नहीं है?
जवाब: कांग्रेस करीब 350 से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ रही है। हमारा स्ट्राइक रेट काफी अच्छा रहने वाला है। हमें ज्यादा सीटों पर लड़कर अपनी मौजूदगी दर्ज कराने के बजाय ज्यादा से ज्यादा सीटें जीतनी हैं। इंडिया गठबंधन में 28 पार्टियों का एलायंस है। सब छोटे-बड़े दल मिलकर चल रहे हैं। हमारे लिए यह समझौता नहीं बल्कि संविधान और लोकतंत्र को बचाने का प्रयास है।
सवाल: राहुल गांधी की न्याय यात्रा को भारत जोड़ो यात्रा जितनी प्रसिद्धि नहीं मिली, क्या रणनीति में कोई चूक हुई?
जवाब: भारत जोड़ो यात्रा राहुल जी ने लगभग 5 महीने में पूरी की थी। कन्याकुमारी से कश्मीर तक वे पैदल चले थे। वहीं भारत जोड़ो न्याय यात्रा एक हाइब्रिड-यात्रा थी। यह मणिपुर से मुंबई तक 65 दिनों में पैदल-बस-जीप से पूरी की गई। राहुल जी इस यात्रा के दौरान हर तबके के लोगों से मिले। किसान, नौजवान, महिला, स्वयं सहायता समूह के लोगों से मुलाकात की। जो सार्वजनिक जीवन में काम करते हैं उनसे मिले। इन दोनों यात्राओं के अनुभवों को शामिल करके कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार हुआ है। इसमें इन सब लोगों के विचार सम्मिलित किए गए हैं।
सवाल: मोदी ने भारत को विश्व की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का दावा किया है। वहीं कांग्रेस गरीबी जैसे मुद्दों की बात कर रही है? यह क्या रणनीति है?
जवाब: आप भी अपने दिल पर हाथ रखकर सोचिए। क्या मोदीजी ने 2 करोड़ नौकरी हर साल देने की गारंटी नहीं दी। क्या बीस करोड़ नौकरियां मिली। उन्होंने 15 लाख रुपए हर जने के खाते में डालने की बात नहीं कही। क्या काला धन वापस आया। जाहिर है ना यह उनकी गारंटी थी। कांग्रेस को इतना बदनाम कर भाजपा सत्ता में आई है। किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया। मोदी जी जैसा झूठ किसी पीएम ने नहीं बोला। अब तीसरे नंबर पर लाने और कभी-कभी दूसरे नंबर की बात करते हैं। यूपीए के समय देश पर कर्ज 55 लाख करोड़ था, अब 155 लाख करोड़ रुपए हो गया। भाजपा और आरएसएस के प्रचारक ट्रेनिंग देते हैं कि इतना झूठ बोलो, जोर से झूठ बोलो, जिससे वो सच लगने लगे।
सवाल: आप विपक्षी नेताओं पर बदले की भावना से कार्रवाई के आरोप आप लगा रहे है, जबकि भाजपा का दावा है कि जिसने गड़बड़ी की, उन सब पर कार्रवाई हो रही है।
जवाब: आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते 95 प्रतिशत केस राजनीतिक लोगों के ऊपर हैं। ईडी, आईटी, सीबीआई, विजिलेंस का दुरुपयोग पिछले 10 वर्षों में मोदी सरकार ने जमकर किया। पहले भाजपा नेता विपक्षी नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हैं। फिर जब उन्हें अपनी पार्टी में शामिल कराना होता है तो भाजपा की वॉशिंग मशीन में साफ करते हैं। इससे उनके सारे आरोप खत्म हो जाते हैं। सारे केस वापस ले लिए जाते हैं। ऐसे 25 विपक्षी नेताओं को जिन्हें भाजपा में शामिल किया, उसमें से 23 नेताओं के केस बंद कर दिए गए। ऐसा क्यों किया। भाजपा ने संवैधानिक संस्थानों को कमज़ोर किया है। हम लगातार 10 साल से इसके खिलाफ लड़ रहे हैं।
सवाल: इलेक्टोरल बॉन्ड को आप घोटाला बता रहे हैं। वहीं पीएम मोदी इसका श्रेय ले रहे हैं। कैसे मुद्दा बना पाएंगे आप?
जवाब: हम मानते हैं कि कानून अच्छा हो सकता है लेकिन उसको अमल कराने वाले ठीक नहीं हैं। वह उसका दुरूपयोग करते हैं तो सबको पता चल जाता है। हमें भी ऐसे ही पता चला कि भाजपा भ्रष्ट है। प्रधानमंत्रीजी ने खुद इलेक्टोरल बॉन्ड को इस चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा बना दिया। अब वह खुलेआम लोगों को गुमराह कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जी भ्रष्टाचार खत्म करने की दुहाई देकर सत्ता में आए थे। उनके लाख छुपाने के बावजूद सुप्रीम कोर्ट के कड़े फैसले की वजह से सरकार के ‘चंदा दो, धंधा लो’ वाले काले कारनामे खुलकर सामने आए। सबको पता चला कि भाजपा कितनी सफाई से कारोबारियों से रिश्वत ले रही थी। जो लोग चंदा नहीं देते उनके पीछे ईडी, सीबीआई, आईटी लगा दी जाती है। आप खुद सोचिए केवल भाजपा को ही मालूम है कि कौनसी कंपनी किस पार्टी को चंदा दे रही है और कौन सी कंपनी ने किस पार्टी को कितना चंदा दिया। इसीलिए सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम को गैरसंवैधानिक और गैरकानूनी बताया है। भाजपा ने इसका दुरुपयोग किया है। मोदीजी कहते हैं कि पेपर ट्रेल मिली है पर असली पेपर ट्रेल से पता चल गया कि मोदीजी ने किस किस तरीके से चंदा जुटाया है। ऐसे आरोप लगे हैं की कई कंपनियों पर पहले रेड पड़ी और उसके कुछ महीनों बाद उन्होंने ही भाजपा को चंदा दिया। ऐसे भी आरोप हैं कि कई कंपनियों को बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स मिले और फिर उन्होंने भाजपा को करोड़ों का चंदा दिया। हमने इसकी निष्पक्ष जांच की मांग की है। हम चाहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट इसकी जांच करें और जब कांग्रेस सत्ता में आएगी तो हम इसकी निष्पक्ष जांच जरूर कराएंगे।
सवाल: देश में बेरोजगारी और महंगाई के गंभीर मुद्दे हैं फिर भी लोग कांग्रेस को वोट नहीं करते। क्या कांग्रेस जनता के बीच इसे मुद्दा बनाने में विफल साबित हो रही है?
जवाब: पिछले बार भाजपा भावनात्मक मुद्दों को चुनावी मुद्दा बनाने में सफल हो गई। और जनता भी चाहती थी कि मोदी जी को विकास करने का पूरा अवसर मिले। मोदी जी चाहते हैं कि 45 वर्षों की भीषणतम बेरोजगारी, महंगाई और आर्थिक असमानता को जनता नजरअंदाज कर दे। हर साल 11 हजार किसान आत्महत्या कर रहे हैं। यह मोदी जी की किसानों के प्रति उदासीनता है। किसानों का कर्ज माफ नहीं होता पर मित्रों का 16 लाख करोड़ का बैंक कर्ज माफ कर दिया जाता है। खाते में न्यूनतम बैलेंस ना रख पाने की छह से मोदी ने गरीबों के खाते से 35 हजार करोड़ निकाल लिए। इसी तरह बुजुर्गों के मिलने वाले रेलवे छूट को खत्म कर दिया। इन वजहों से अब लोगों के मन में बदलाव है। क्योंकि लोग जानते हैं कि कांग्रेस ही बेरोजग़ारी और महंगाई का हल निकाल सकती है।
सवाल: कांग्रेस के बैंक खाते सीज हो गए। आयकर बकाया का नोटिस भी मिला है। ऐसे में कांग्रेस प्रचार में पिछड़ती दिख रही है। चुनावी खर्च कैसे मैनेज करेंगे?
जवाब: मोदी सरकार ने डिपार्टमेंट का दुरुपयोग करके 30 साल पुराना सीताराम केसरी जी के वक्त का नोटिस भी भेजा है। हमें ऐसे कई नोटिस भेजे गए हैं। इसके अलावा हमारा 135 करोड़ रुपया जब्त कर लिया है। अगर इस देश के आयकर विभाग के लिए एक जैसी कानून व्यवस्था बची होती तो समान तथाकथित अपराध के लिए उसी हिसाब से भाजपा के 4600 करोड़ सीज होने चाहिए थे। पर हमें 3567 करोड़ के नोटिस दिए गए हैं। ये कौन सी लेवल प्लेइंग फील्ड है? हां, फंड हमारे पास कम है पर हम कोर्ट के शुक्रगुज़ार हैं। उसने चुनावों तक और फंड्स जब्त करने पर रोक लगा दी। हर रोज हम जनसभा कर रहे हैं। राहुल जी और प्रियंका जी की मीटिंग हो रही है। इंडिया पार्टी के साथ हम संयुक्त तौर पर बड़ी रैलियां कर रहे हैं। सोनिया जी भी रैली में शामिल हो रही हैं। हम प्रचार में बता रहे हैं कि भाजपा ने 8200 करोड़ रुपए गैर संवैधानिक इलेक्टोरल बॉन्ड से जुटाए हैं। जो कि कुल इलेक्टोरल बॉण्ड का 56 प्रतिशत है और सभी दलों में सबसे ज्यादा है। अगर उसमें बाकी इलेक्टोरल ट्रस्ट का चंदा मिला लिया जाए तो भाजपा के पास करीब 13 हजार करोड़ रुपए हैं। इतना पैसा तो चुनाव लडऩे के लिए किसी भी पार्टी के पास नहीं है। जनता देख रही है चुनाव के पहले राजनीतिक विरोधी दलों के खिलाफ षड्यंत्र रचकर ऐसी कार्रवाई करना तो सत्ता का दुरुपयोग।
सवाल: आपको क्या लगता है कि केन्द्र सरकार ने विदेश नीति में जो बदलाव किए हैं, उससे देश की छवि सुधरी है?
जवाब: आप कैसी विदेश नीति की बात कर रहे हैं? वो विदेश नीति जो चीन को हमारी जमीन पर कब्जा करने के लिए क्लीन चिट देती है? पहले तो मोदीजी ने क्लीन चिट दी, उसके बाद हाल ही में उनके विदेश मंत्री जी कहते हैं की हमारी कोई जमीन चीन के कब्जे में नहीं है। सीधी कार्रवाई की बजाय हम उनसे आयात बढ़ा लेते हैं, ये कौन सी मजबूरी है? ये कौन सी विदेश नीति की बात हो रही है, जिसमें इतिहास में पहली बार पाकिस्तान रूस से सैन्य हथियार खरीद रहा है? ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। ये कैसी विदेश नीति है, जिसमें डोकलाम की वजह से हमने भूटान से अपने रिश्ते दांव पर लगा दिए? नेपाल के आंतरिक मामलों में प्रधानमंत्री के बयानों से हस्तक्षेप की वजह से हमारे रिश्तों में खटास आई? हम सबने देखा कि तमिलनाडु में चंद वोट के फायदे के लिए श्रीलंका को विवाद में घसीट लिया। विदेश नीति व्यक्तिपूरक नहीं होती, इसमें एक निरंतरता होती है। जिनका विभिन्न सरकार पीढ़ी दर पीढ़ी अनुसरण करती हैं। केवल विदेशों में जाकर अपने नाम के नारे लगवाने को विदेश नीति नहीं बोलते। मादी जी की विदेश नीति दिशाहीन है।
सवाल: देश की सीमा की रक्षा को लेकर आप आरोप लगाते रहते हैं। क्या आपको देश की सेना पर भरोसा नहीं है?
जवाब: देश को अगर किसी ने सुरक्षित रखा है तो हमारी सेना ही है। यह बात उस दल को बताने की जरूरत नहीं, जिसे पांच दशकों से अधिक लोगों ने सेवा का मौका दिया। देश की सेना का असल अपमान तो मोदी सरकार ने अग्निवीर योजना को थोपकर किया। मुझे मालूम है कि राजस्थान और अन्य राज्यों के युवा, वह इससे बहुत आक्रोशित हैं। मोदी सरकार ने रातों-रात उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया। अब अग्निवीर लाकर उन्होंने सेना में युवाओं की भागीदारी केवल 4 वर्ष तक ही सीमित कर दी है। ये है हमारे सैनिकों का अपमान। ये है हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़। हमने तय किया है कि कांग्रेस की सरकार बनते ही हम अग्निवीर योजना बंद करेंगे। सेना का अपमान तो मोदी जी ने किया है, जब गलवान में हमारी सेना के 20 जवानों ने देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया तब मोदी जी ने कहा कि सीमा के अंदर कोई घुसा ही नहीं और चीन को क्लीन चिट पकड़ा दी। यह सवाल आपको उनसे पूछना चाहिए, हम से नहीं।
सवाल: मोदी ने कांग्रेस के न्याय पत्र को मुस्लिम लीग की विभाजनकारी विचारधारा वाला बताया है। आप क्या कहेंगे?
जवाब: शायद मोदी जी ने हमारे न्याय पत्र को पढ़ा नहीं है। क्या युवाओं को पक्की नौकरी, सरकारी नौकरी के 30 लाख रिक्त पद भरने का वादा, पेपर लीक रोकना, 5 हजार करोड़ का अर्बन फंड रखना मुस्लिम लीग का कार्यक्रम है। श्रमिकों को न्यूनतम 400 रुपए मेहनताना, किसानों को एमएसपी कानून की गारंटी देने का वादा मुस्लिम लीग से कैसे संबंधित हो सकता है? इतिहास गवाह है कि कि मोदीजी के राजनीतिक और वैचारिक पुरखों का राजनीतिक स्वार्थ के लिए मुस्लिम लीग से गठबंधन रहा है। उनके वैचारिक पुरखों ने 1940 के दशक में बंगाल, एनडब्ल्यूएफपी और सिंध में मुस्लिम लीग से मिलकर सरकार चलाई हैं। क्या ये सच नहीं कि 1942 में जब पूरा देश गांधीजी के आह्वान पर अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा रहा था, तब भाजपा के वैचारिक पुरखों ने अंग्रेजों का साथ दिया। दरअसल, पिछले 10 वर्षों में भाजपा और संघ ने मात्र अपने राजनीतिक फायदे के लिए हिंदू-मुसलमानों के सौहार्दपूर्ण वातावरण को बड़ा नुक़सान पहुंचाया है। पिछले 1 साल से मणिपुर हिंसा की आग में जल रहा है। दिल्ली के चुनाव के पहले यहां दंगे हुए, एक राज्य की पुलिस तो भारतीय सेना पर ही केस कर देती है। यह हमें मोदीजी के शासनकाल में देखने को मिला। सीबीआई के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस रातों-रात कब्जा कर ले, यह हम सबने जीवन में पहली बार देखा।