Rajasthan में राजनीतिक हलचल एक बार फिर बढ़ गई है। बीजेपी के बड़े नेताओं के लगातार दिल्ली दौरे और मुलाकातों के चलते राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
वसुंधरा और भजनलाल की सक्रियता
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा दोनों की दिल्ली सक्रियता ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। वसुंधरा राजे, जो पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वन-टू-वन मुलाकात कर चुकी हैं, अब फिर से दिल्ली पहुंची हैं। वहीं, सीएम भजनलाल ने आज गृह मंत्री अमित शाह और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की।
मंत्रिमंडल विस्तार की अटकलें
सूत्रों के अनुसार, राज्य में मंत्रिमंडल विस्तार जनवरी के पहले सप्ताह में या फिर मार्च के बाद होने की संभावना है। आगामी बजट सत्र, जो जनवरी के अंत में संभावित है, और अगले साल होने वाले लोकल बॉडी चुनाव को देखते हुए सरकार कुछ नई राजनीतिक नियुक्तियां करने की तैयारी में है।
उपचुनाव और सरकार की रणनीति
हाल ही में हुए उपचुनावों में मिली सफलता और सरकार के एक साल पूरे होने पर हुए आयोजनों से उत्साहित भजनलाल सरकार मंत्रिमंडल में फेरबदल पर विचार कर रही है। बीजेपी में यह भी चर्चा है कि वसुंधरा राजे कैंप के लोगों को मंत्रिमंडल में अधिक मौका मिल सकता है, क्योंकि वसुंधरा राजे इस बार पहले से ज्यादा सक्रिय नजर आ रही हैं।
राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी
दिल्ली में शीर्ष नेताओं से हुई मुलाकातों के बाद, राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर सुगबुगाहट बढ़ गई है। सरकार की कोशिश है कि इन नियुक्तियों के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं को संतुष्ट किया जाए और आगामी चुनावों में बेहतर प्रदर्शन की तैयारी की जाए।
वसुंधरा की बढ़ती भूमिका?
वसुंधरा राजे का लगातार संघ और दिल्ली के नेताओं से संपर्क बनाए रखना यह संकेत दे रहा है कि उनकी भूमिका आने वाले दिनों में बीजेपी में बढ़ सकती है। उनके समर्थक भी मंत्रिमंडल में अपनी हिस्सेदारी की उम्मीद कर रहे हैं।
अगले कदम पर नजर
राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार, बजट सत्र, और लोकल बॉडी चुनाव के मद्देनजर, राज्य की राजनीति आने वाले महीनों में और गरमा सकती है। बीजेपी के भीतर चल रही इस हलचल से साफ है कि पार्टी आगामी चुनावों की रणनीति को लेकर गंभीर है।