Rajasthan बीजेपी ने संगठनात्मक प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए 16 जिलों के जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा कर दी है। 5 फरवरी तक प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन भी पूरा कर लिया जाएगा। हालांकि, निर्धारित समयसीमा से देरी होने के कारण बीजेपी को कई आलोचनाओं का सामना करना पड़ा है।
प्रदेश में संगठनात्मक संरचना
-52,163 बूथ, 1135 मंडल, और 44 संगठनात्मक जिलों में से अब तक 16 जिलाध्यक्षों का चुनाव हो चुका है।
-शेष 28 जिलाध्यक्षों का चुनाव 31 जनवरी तक पूरा करने की योजना है।
घोषित जिलाध्यक्षों की सूची
सोमवार को निम्न जिलों में जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा की गई:
-कोटा शहर
-कोटा देहात
-गंगानगर
-हनुमानगढ़
-बीकानेर देहात
-नागौर शहर
-नागौर देहात
-बाड़मेर
-बालोतरा
-जोधपुर शहर
-जोधपुर देहात
इससे पहले 25 जनवरी को अजमेर शहर, अजमेर देहात, भरतपुर, अलवर दक्षिण, और अलवर उत्तर के जिलाध्यक्षों का ऐलान हुआ था।
मंडल स्तर की राजनीति में अड़चनें
1.सहमति में देरी:
मंडल अध्यक्षों के चयन में स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, जिला पदाधिकारी और अन्य प्रमुख नेताओं की सहमति आवश्यक थी।
2.नामों की अधिकता:
प्रत्येक पद के लिए तीन नामों का पैनल बनाने की प्रक्रिया थी, लेकिन कई जगह 20 से अधिक नाम सामने आ गए।
3.विवाद और अनुशासन समिति का हस्तक्षेप:
-कुछ नियुक्तियों पर विवाद इतना बढ़ गया कि अनुशासन समिति को हस्तक्षेप करना पड़ा।
-16 मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति पर अंतरिम रोक लगाई गई।
-पांच नियुक्तियों को निरस्त भी किया गया।
आगे की योजना
.31 जनवरी तक: सभी जिलाध्यक्षों का चुनाव।
.5 फरवरी तक: प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन।
निष्कर्ष
हालांकि बीजेपी ने देरी के बाद जिलाध्यक्षों के नामों का ऐलान करना शुरू कर दिया है, लेकिन मंडल स्तर पर असहमति और विवाद ने संगठनात्मक प्रक्रिया को प्रभावित किया है। अब पार्टी की प्राथमिकता 5 फरवरी तक प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव पूरी पारदर्शिता और सामंजस्य के साथ संपन्न करना है।
