Bikaner में 10 से 12 जनवरी तक अंतरराष्ट्रीय ऊंट उत्सव का आयोजन किया जाएगा। जिला कलेक्टर नम्रता वृष्णि ने सोमवार को उत्सव के पोस्टर का विमोचन किया और अब तक की तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आयोजन को भव्य और गरिमामय बनाने के लिए सभी तैयारियां समय पर पूरी की जाएं।
पहले दिन: सांस्कृतिक संध्या और प्रदर्शनी
10 जनवरी को उत्सव की शुरुआत भव्य सांस्कृतिक संध्या से होगी, जिसमें स्थानीय और बाहरी कलाकार अपनी प्रस्तुतियां देंगे। जूनागढ़ परिसर में हैंडीक्राफ्ट और स्थानीय विशेषताओं की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
दूसरे दिन: परंपरागत प्रतियोगिताएं और शोभायात्रा
11 जनवरी को राष्ट्रीय उच्च अनुसंधान केंद्र में ऊंट नृत्य, ऊंट फर कटिंग, ऊंट सज्जा और ऊंट दौड़ जैसे कार्यक्रम होंगे। दोपहर 3:30 बजे जूनागढ़ से शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सजे-धजे ऊंट, तांगे, हेरिटेज गाड़ियां, लोक कलाकार और स्कूली विद्यार्थी हिस्सा लेंगे। शाम को डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में मिस्टर बीकानेर, मिस मरवन और ढोला मरवण शो आयोजित किए जाएंगे। सांस्कृतिक संध्या का आयोजन भी होगा।
तीसरे दिन: रायसर में पारंपरिक खेल और अन्य गतिविधियां
12 जनवरी को रायसर गांव में रस्साकशी, कुश्ती, कबड्डी, खो-खो, साफा बांधने की प्रतियोगिता और महिला मटका दौड़ जैसी प्रतियोगिताएं होंगी। ड्यून रेस, सैंड आर्ट एग्जिबिशन, फूड बाजार, हैंडीक्राफ्ट, हॉर्स रेस और कैमल कार्ट सफारी जैसी गतिविधियां भी आकर्षण का केंद्र होंगी। शाम 6 से रात 10 बजे तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा।
सोशल मीडिया से प्रचार और पीले चावल से न्योता
जिला कलेक्टर ने कहा कि उत्सव का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से किया जाएगा। साथ ही, 2 जनवरी को पीले चावल बांटकर आमजन को उत्सव का न्योता दिया जाएगा। इस दौरान लोक कलाकार और सजे-धजे ऊंट-घोड़े भी मौजूद रहेंगे।
बैठक में शामिल अधिकारी
इस अवसर पर पर्यटन विभाग के उपनिदेशक अनिल राठौड़ ने अब तक की तैयारियों की जानकारी दी। बैठक में नगर निगम आयुक्त मयंक मनीष, अतिरिक्त कलेक्टर रमेश देव, एएसपी सौरभ तिवारी, और कई अन्य अधिकारी एवं पर्यटन व्यवसायी उपस्थित रहे।
जिला कलेक्टर ने कहा कि ऊंट उत्सव बीकानेर की पहचान से जुड़ा है। राजस्थान की संस्कृति और परंपराओं को नई पहचान दिलाने के लिए यह आयोजन बेहद खास होगा।