रोहतास: बिहार के सासाराम में एनएच-2 पर एक भीषण सड़क हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 15 अन्य घायल हो गए। यह घटना उस समय हुई जब एक तेज रफ्तार बस ने खड़े ट्रक में टक्कर मार दी। मरने वाले सभी लोग राजस्थान के जलावर जिले के निवासी थे और वे पिंडदान के लिए गया जा रहे थे। हादसे की जानकारी घटना रोहतास जिले के चेनारी शिवसागर थानाक्षेत्र के खुर्माबाद के पास हुई। पुलिस के अनुसार, बस अचानक अनियंत्रित हो गई और सीधे खड़े ट्रक से टकरा गई। यह हादसा इतना गंभीर था कि तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। मृतकों की पहचान गोवर्धन सिंह, बालू सिंह और राजेंद्र सिंह के रूप में हुई है। सभी मृतक जलावर के निवासी थे। घायलों की स्थिति हादसे में घायल हुए 15 लोगों में महिलाएं और पुरुष शामिल हैं, जिनका इलाज सासाराम के सदर अस्पताल में चल रहा है। सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई। घायलों को फौरन अस्पताल में भर्ती कराया गया। पुलिस ने मृतकों के परिवार वालों को फोन के जरिए सूचित कर दिया है, जिससे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया हादसे के बाद आसपास के इलाकों में हड़कंप मच गया। लोगों की भीड़ मौके पर इकट्ठा हो गई, जिससे घटनास्थल पर अफरा-तफरी का माहौल बन गया। स्थानीय निवासियों ने इस घटना को दुखद बताया और कहा कि सड़क सुरक्षा पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। सड़क सुरक्षा पर सवाल यह दुर्घटना एक बार फिर सड़क सुरक्षा और ट्रैफिक नियमों के पालन की आवश्यकता को उजागर करती है। एनएच-2 पर तेज रफ्तार और लापरवाह ड्राइविंग अक्सर ऐसे गंभीर हादसों का कारण बनती है। स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि वे ऐसे मामलों की रोकथाम के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। निष्कर्ष इस दुखद घटना ने न केवल मृतकों के परिवारों को दुखी किया है, बल्कि समाज में सड़क सुरक्षा के मुद्दे को फिर से जागरूक करने की आवश्यकता को भी रेखांकित किया है। अधिकारियों को चाहिए कि वे दुर्घटनाओं की रोकथाम के लिए उचित कदम उठाएं और लोगों को सुरक्षित यात्रा की दिशा में प्रेरित करें।
राजस्थान में भजनलाल सरकार लगातार प्रशासनिक मोर्चे पर आलोचना का सामना कर रही है। मंत्री पुत्रों से जुड़े विवाद हों या अफसरों के लगातार तबादले, सरकार हर दिशा से सवालों के घेरे में है। राज्य में हालात इतने खराब हैं कि बार-बार अफसरों के तबादले किए जाने के बावजूद 69 बड़े विभाग और संस्थान अब भी एडिशनल चार्ज के सहारे चल रहे हैं। इसका सीधा असर शासन-प्रशासन पर पड़ रहा है, क्योंकि फुल-टाइम अफसरों की अनुपस्थिति में विभागीय कामकाज ठप होने के कगार पर है। तबादलों का खेल: नौकरशाही बनी फुटबॉल कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार के इस अस्थिर तबादला प्रक्रिया पर गंभीर कटाक्ष किया है। डोटासरा ने सोशल मीडिया पर लिखा कि “360 डिग्री परीक्षण का दावा करने वाली भाजपा सरकार ने अधिकारियों को तबादले के नाम पर फुटबॉल बना दिया है।” पिछले दस महीनों में 4 आरएएस अधिकारियों के 5 बार तबादले हुए हैं, जबकि 15 अधिकारियों का चार बार तबादला हुआ। इतना ही नहीं, 50 आरएएस अधिकारियों के भी तीन बार तबादले हुए हैं। IAS अफसरों की स्थिति और खराब आईएएस अधिकारियों की स्थिति भी बेहतर नहीं है। तबादलों की दो सूचियों में 22 अफसरों को एक ही महीने में बार-बार बदला गया। इसके बावजूद हालात यह हैं कि 46 आईएएस अधिकारियों के पास 69 विभागों का अतिरिक्त चार्ज है। इसका परिणाम यह हुआ है कि कई विभागों में कोई स्थाई नेतृत्व नहीं है, और अधिकारी एक ही समय में तीन-तीन पदों की जिम्मेदारी निभा रहे हैं। मुख्य सचिव खुद भी अतिरिक्त चार्ज संभाल रहे हैं। प्रमुख आईएएस अधिकारियों के पास अतिरिक्त चार्ज विभागों में कार्यप्रणाली ठप सरकार की इस ‘एडिशनल चार्ज’ व्यवस्था का असर यह हो रहा है कि इन विभागों में न तो अधिकारी दिलचस्पी ले रहे हैं और न ही नीचे की मशीनरी सही तरीके से काम कर पा रही है। अतिरिक्त चार्ज का बोझ अधिकारी सही से संभाल नहीं पा रहे हैं, जिससे विभागीय कामकाज अधूरा और लचर हो रहा है। स्थाई अफसरों की अनुपस्थिति में निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी हो गई है, जो प्रशासनिक कार्यों को गंभीर रूप से प्रभावित कर रही है। निष्कर्ष राजस्थान में भजनलाल सरकार के अफसरों के बार-बार तबादले और विभागों में फुल-टाइम अफसरों की अनुपस्थिति ने सरकार की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इससे न केवल शासन की गति धीमी हो रही है, बल्कि नौकरशाही का मनोबल भी प्रभावित हो रहा है। यदि जल्द ही इस स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो यह प्रशासनिक संकट और गहरा सकता है।
Bihar Weather Alert: पटना, बेगूसराय समेत कई जिलों में बारिश और वज्रपात का अलर्ट मौसम विभाग ने बिहार के कई जिलों में भारी बारिश और वज्रपात के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। पटना, बेगूसराय, समस्तीपुर, और मुजफ्फरपुर जैसे जिलों में लोगों से सतर्क रहने की अपील की गई है। विभाग ने कहा है कि तेज बारिश और बिजली गिरने की संभावना के चलते लोग घरों के भीतर ही रहें। खुले मैदान या खेतों में जाने से बचें, खासकर किसानों को खेतों में काम करने से मना किया गया है। यदि आप बाहर हों, तो तुरंत पक्की जगहों में शरण लें और सुरक्षित रहें। Bihar Flood News: बाढ़ से बेहाल शिक्षक, सिर पर कॉपी और हाथ में चप्पल लेकर स्कूल जाने को मजबूर बिहार में बाढ़ की स्थिति विकट होती जा रही है, खासकर उत्तरी बिहार के कई जिलों में। दरभंगा, मधुबनी, और कटिहार जैसे क्षेत्रों में बाढ़ ने जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। दरभंगा जिले के जमालपुर के भूभौल गांव में कोसी नदी के तटबंध टूटने से पानी दर्जनों गांवों में घुस गया है, जिससे ग्रामीणों का जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इस बीच, तिकेश्वरस्थान थाना क्षेत्र के एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक बाढ़ के बावजूद मूल्यांकन करने के लिए कमर तक पानी में चलकर स्कूल जा रहे हैं। शिक्षकों को पानी में चलने के दौरान अपने हाथ में चप्पल और सिर पर कॉपियां रखनी पड़ीं। बिहार सरकार की पहल: बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों के लिए नाव की व्यवस्था बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए बिहार सरकार ने जिला प्रशासन को निर्देश दिया है कि जिन क्षेत्रों में जलभराव के कारण स्कूलों तक पहुंचना संभव नहीं है, वहां या तो स्कूल अस्थायी रूप से बंद कर दिए जाएं या शिक्षकों, छात्रों और अन्य कर्मचारियों के लिए नाव की व्यवस्था की जाए। सरकार की इस पहल का उद्देश्य बाढ़ प्रभावित इलाकों में शैक्षणिक गतिविधियों को सुचारू रूप से जारी रखना है, जबकि लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देना भी सुनिश्चित किया जा रहा है। सड़क दुर्घटना: तीन लोगों की मौत, घायलों का इलाज जारी बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ, जिसमें तीन लोगों की जान चली गई। हादसे में मारे गए सभी लोग राजस्थान के निवासी थे, और उनके परिवारों को घटना की सूचना दे दी गई है। पुलिस ने बताया कि दुर्घटना का कारण तेज गति से चलती हुई गाड़ी का नियंत्रण खोना था। घायलों का इलाज नजदीकी अस्पताल में चल रहा है, और पुलिस मामले की जांच में जुटी है। नेपाल में भारी बारिश से बिहार में बाढ़ का कहर नेपाल में हुई भारी बारिश का सीधा असर बिहार के दरभंगा और मधुबनी जिलों पर पड़ा है। दरभंगा जिले के कई गांवों में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने से तटबंध टूट गए हैं, जिससे गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिए हैं, और कई इलाकों में नावों की व्यवस्था की जा रही है। अधिकारियों ने कहा है कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत सामग्री पहुंचाई जा रही है, लेकिन जलभराव के कारण कुछ स्थानों तक पहुंचना मुश्किल हो रहा है। निष्कर्ष: बिहार में वर्तमान में बाढ़, बारिश और सड़क दुर्घटनाओं ने जनजीवन को कठिन बना दिया है। सरकार और प्रशासन बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं।
IAS: टीना डाबी और रिया की मां हिमानी कौन हैं? जानें उनकी प्रेरणादायक कहानी IAS बहनें टीना डाबी और रिया डाबी देश की चर्चित और प्रेरणादायक हस्तियों में शामिल हैं। टीना डाबी, जो वर्तमान में बीकानेर की कलेक्टर हैं, और रिया डाबी, जो उदयपुर के गिर्वा में उपखंड अधिकारी एवं मजिस्ट्रेट के रूप में कार्यरत हैं, ने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से सफलता की बुलंदियों को छुआ है। लेकिन, उनकी इस सफलता के पीछे एक अनदेखा नायक है—उनकी मां हिमानी डाबी। हिमानी ने अपनी बेटियों को आईएएस अफसर बनाने के लिए अपने करियर का बलिदान दिया। आइए जानते हैं उनकी प्रेरणादायक कहानी।हिमानी डाबी: बेटियों की सफलता की नींवहिमानी डाबी ने भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT) से इंजीनियरिंग की थी और उन्होंने खुद UPSC की परीक्षा पास कर भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) में अधिकारी के रूप में कई सालों तक काम किया। शादी के बाद, जब परिवार और बच्चों की जिम्मेदारी बढ़ी, तो उन्होंने अपने करियर को पीछे छोड़ते हुए अपनी बेटियों के भविष्य को प्राथमिकता दी। हिमानी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेकर अपनी बेटियों की परवरिश और उनकी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया।टीना डाबी: IAS टॉपर बनने की प्रेरणाहिमानी डाबी के समर्पण का परिणाम यह रहा कि उनकी बड़ी बेटी, टीना डाबी, ने 2015 में UPSC सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप किया। टीना की सफलता के पीछे उनकी मां की कुर्बानियों का अहम योगदान है। हिमानी ने अपनी नौकरी छोड़ते समय यह समझा कि UPSC की तैयारी के लिए छात्रों को पूरी तरह से समर्पित होना पड़ता है, और यही सोचकर उन्होंने अपनी बेटियों की तैयारी के लिए पूरा समय दिया।टीना डाबी की व्यक्तिगत यात्राटीना डाबी 2015 में UPSC की परीक्षा में टॉप करने के बाद देशभर में सुर्खियों में आईं। 2018 में उन्होंने अपने सहपाठी और कश्मीर के आईएएस अधिकारी अतहर आमिर खान से शादी की, लेकिन यह रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला और दोनों ने तलाक ले लिया। इसके बाद 2022 में टीना ने आईएएस प्रदीप गंवाड़े से शादी की, और अब दोनों की एक बेटी भी है। टीना सोशल मीडिया पर भी काफी सक्रिय रहती हैं और अपने प्रशंसकों के साथ जुड़े रहती हैं।रिया डाबी: हिमानी की दूसरी बेटी का भी UPSC में जलवाहिमानी की छोटी बेटी, रिया डाबी, ने भी अपनी बड़ी बहन की तरह UPSC परीक्षा में सफलता पाई। 2020 में रिया ने UPSC परीक्षा में अखिल भारतीय 15वीं रैंक हासिल की और वर्तमान में उदयपुर में पदस्थ हैं। रिया ने आईपीएस अधिकारी मनीष कुमार से शादी की है, और उनकी शादी की तस्वीरें सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में रही थीं।मां का संघर्ष और बेटियों की सफलताहिमानी डाबी का जीवन इस बात का उदाहरण है कि एक मां का समर्पण किस तरह से उनके बच्चों को जीवन में ऊंचाइयों तक पहुंचा सकता है। उन्होंने अपने करियर को छोड़कर अपनी बेटियों के लिए जो मेहनत की, उसका फल आज उनकी दोनों बेटियों की IAS के रूप में सफलता से देखा जा सकता है।हिमानी डाबी ने न सिर्फ अपनी बेटियों को सफलता की राह दिखाई, बल्कि यह भी साबित किया कि एक मां अपने बच्चों के भविष्य को संवारने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है।
चौंकाने वाली प्रथा: मां बने बिना शादी नहीं, गरासिया जनजाति में लड़कियां बदलती हैं पार्टनर, जानें अनोखी परंपरा आजकल लिव-इन रिलेशनशिप का चलन बड़े शहरों में तेजी से बढ़ रहा है। कई प्रेमी जोड़े एक-दूसरे को बेहतर समझने के लिए लिव-इन में रहते हैं। लेकिन राजस्थान की गरासिया जनजाति सदियों से इस परंपरा का पालन करती आ रही है। हमारे समाज में लिव-इन रिलेशनशिप को लेकर भले ही अलग-अलग धारणाएं हों, लेकिन गरासिया जनजाति के लिए यह सामान्य जीवन का हिस्सा है। यहां शादी से पहले लड़की का मां बनना एक जरूरी शर्त है, और यह प्रथा आपको हैरान कर देगी।शादी से पहले मां बनना जरूरीराजस्थान के सिरोही, उदयपुर, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, और पाली जिलों के पहाड़ी इलाकों में बसे गरासिया जनजाति के लोग लिव-इन रिलेशनशिप में रहते हैं। यहां की लड़कियां अपने लिए पार्टनर खुद चुनती हैं और उनके साथ लिव-इन में रहती हैं। खास बात यह है कि शादी करने के लिए लड़की का मां बनना अनिवार्य है। अगर लड़की मां नहीं बनती, तो उसे शादी करने की अनुमति नहीं होती, और वह जब तक चाहे, अपना पार्टनर बदल सकती है।गरासिया जनजाति की अनोखी परंपरागरासिया जनजाति में लड़कियों को अपने जीवन के फैसले खुद लेने का अधिकार होता है। किसके साथ रहना है और कब रहना है, यह फैसला पूरी तरह से लड़की का होता है। परिवार या समाज इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं करता। जब लड़की गर्भवती हो जाती है, तभी उसकी शादी होती है। यदि इस दौरान लड़की को अपना पार्टनर बदलना हो, तो वह ऐसा करने के लिए स्वतंत्र होती है।गौर मेला: पार्टनर चुनने का अवसरगरासिया समाज में हर साल गौर मेले का आयोजन किया जाता है। इस मेले में लड़के और लड़कियां एक-दूसरे को पसंद कर लिव-इन में रहने के लिए चले जाते हैं। जब यह जोड़ा वापस लौटता है, तो लड़के के परिवार वाले लड़की वालों को कुछ रुपये देते हैं। अगर दोनों साथ रहना चाहते हैं, तो रहते हैं, वरना अगले साल के मेले में लड़की फिर से अपना नया पार्टनर चुन सकती है। लेकिन, अगर लड़की लिव-इन में रहते हुए मां बन जाती है, तो उनकी शादी करा दी जाती है। इस जनजाति की परंपरा के अनुसार, शादी के लिए सबसे महत्वपूर्ण शर्त लड़की का मां बनना है।यह अनोखी परंपरा गरासिया जनजाति को बाकी समाज से अलग और अनूठा बनाती है। इस समाज में महिलाओं को दी गई आजादी और उनके फैसले लेने की स्वतंत्रता ने इसे प्रगतिशील माना जाता है।
राजस्थान: सचिवालय के बाहर लगे ‘यहां संपर्क न करें’ के नोटिस, कर्मचारियों के तबादलों पर अनिश्चितता जारी राजस्थान में भजनलाल सरकार के 9 महीने बाद भी कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक नहीं हटाई गई है, जिससे कर्मचारी निराश और असंतुष्ट हैं। भले ही IAS, IPS, और RAS अधिकारियों की ट्रांसफर सूचियां जारी हो चुकी हैं, पर कर्मचारियों के तबादलों को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है। इस असमंजस में कर्मचारी लगातार सचिवालय के चक्कर काट रहे हैं, जिससे परेशान होकर कई अधिकारियों ने अपने कार्यालयों के बाहर नोटिस लगा दिए हैं, जिन पर लिखा है, “स्थानांतरण के लिए यहां संपर्क न करें।”कर्मचारियों में निराशा और असंतोषभजनलाल सरकार बनने के बाद कर्मचारियों को उम्मीद थी कि अफसरों की ट्रांसफर सूची जारी होने के बाद उनके तबादलों पर भी रोक हट जाएगी। हालांकि, तीनों प्रमुख वर्गों—IAS, IPS, और RAS—की सूचियां जारी होने के बावजूद कर्मचारियों के तबादलों पर कोई फैसला नहीं हुआ है। इस बीच, कई विधायक और मंत्री भी तबादलों की सूची तैयार कर चुके हैं, लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं, जिससे कर्मचारियों के बीच नाराजगी बढ़ रही है।सचिवालय में चक्कर लगाने से परेशान अधिकारीट्रांसफर की आस में कर्मचारियों की भीड़ सचिवालय का रुख कर रही है, जिससे अधिकारियों का कामकाज बाधित हो रहा है। परिणामस्वरूप, कई अधिकारियों ने अपने चैंबर के बाहर नोटिस चस्पा कर दिया है, जिसमें स्पष्ट लिखा गया है कि स्थानांतरण के लिए उनसे संपर्क न किया जाए।महासंघ की मांग: जल्द खुले तबादलेराजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शर्मा ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों के तबादलों पर लगी रोक जल्द से जल्द हटाई जाए। उन्होंने कहा कि कर्मचारी लंबे समय से तबादले खुलने का इंतजार कर रहे हैं और इस असमंजस में बार-बार सचिवालय आ रहे हैं, जिससे उनकी परेशानी बढ़ रही है।सरकार पर तबादलों को लेकर बढ़ते दबाव और कर्मचारियों की नाराजगी को देखते हुए जल्द ही इस पर कोई निर्णय आने की उम्मीद है।
Tina Dabi का दबंग अंदाज: शहर की सफाई के लिए उतरीं सड़क पर, दुकानदारों को दी सख्त चेतावनी बाड़मेर कलेक्टर टीना डाबी ने नवो बाड़मेर अभियान के तहत शहर की सफाई व्यवस्था की खुद निगरानी की। अपने दबंग अंदाज में उन्होंने दुकानदारों को साफ निर्देश दिया कि जिनके पास डस्टबिन नहीं होगा, उनकी दुकानें बंद करवा दी जाएंगी। सफाई अभियान के दौरान जब लोग सड़कों पर रुककर तमाशा देखने लगे तो टीना डाबी ने कहा, “या तो यहां से चले जाओ, या फिर सफाई में हाथ बंटाओ। अगर रुकोगे, तो सफाई करवाऊंगी।”टीना डाबी, जो अक्सर सोशल मीडिया पर चर्चा में रहती हैं, आज बाड़मेर शहर की सड़कों पर सफाई के लिए उतरीं। उन्होंने मुख्य चौराहे अहिंसा सर्कल से लेकर राजकीय अस्पताल तक सफाई अभियान का नेतृत्व किया। इस दौरान डाबी माइक लेकर लोगों से सफाई के महत्व पर जोर देती नजर आईं।उन्होंने दुकानदारों और ठेला संचालकों को अपनी दुकानों के आगे साफ-सफाई रखने के लिए सख्त हिदायत दी। टीना ने चेतावनी दी कि यदि अगली बार सफाई नहीं मिली, तो जुर्माना लगाया जाएगा और अस्थाई ठेले जब्त किए जाएंगे।डाबी का कहना है कि किसी भी आदत को विकसित होने में 90 दिन का समय लगता है, इसलिए यह अभियान 90 दिन तक चलेगा। उनका उद्देश्य है कि शहरवासी सफाई को अपनी आदत बना लें, जिससे बाड़मेर शहर की तस्वीर बदल जाए। उन्होंने जोर देकर कहा, “सफाई करने में कोई शर्म नहीं है। यह हमारा घर है, और उसे साफ रखना हमारी जिम्मेदारी है।”टीना डाबी की इस पहल की सोशल मीडिया पर काफी सराहना हो रही है, और उनका यह वीडियो वायरल हो गया है।
अजमेर: सुभाष नगर फाटक रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध वस्तु मिलने से हड़कंप, 15 मिनट रुकी ट्रेन अजमेर रेल मंडल के सुभाष नगर फाटक पर बुधवार रात रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध वस्तु मिलने से हड़कंप मच गया। एक पैसेंजर ट्रेन के सहायक लोको पायलट ने ट्रैक के बीच में कुछ संदिग्ध देखा, जिसके बाद उन्होंने तुरंत ट्रेन रुकवा दी और रेलवे स्टाफ को सूचना दी।घटना के बाद रेलवे प्रशासन में हड़कंप मच गया। देशभर में ट्रेन पलटाने की साजिशों के चलते खतरे की आशंका थी। अहमदाबाद की ओर जा रही पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट ने ट्रैक पर यह संदिग्ध वस्तु देखी और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन को रोक दिया गया। सूचना मिलने पर रेलवे के अधिकारी और रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) मौके पर पहुंचे और जांच शुरू की। तलाशी अभियान में संदिग्ध वस्तु एक खाली गत्ते का कार्टन निकला, जिसके बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली।हालांकि, यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह कार्टन किसी ट्रेन से गिरा था या जानबूझकर किसी शरारती तत्व द्वारा रखा गया था। एहतियातन डीएफसीसी (डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर) की लाइन पर आ रही एक मालगाड़ी को भी कुछ समय के लिए रोका गया।गौरतलब है कि 20 दिन पहले अजमेर के लामाना इलाके में डीएफसीसी ट्रैक पर सीमेंट का ब्लॉक पाया गया था, जिसे लेकर रेलवे प्रशासन ने पुलिस में मुकदमा भी दर्ज करवाया था। इस तरह की घटनाओं ने रेलवे प्रशासन को सतर्क बना दिया है, जिससे संभावित दुर्घटनाओं को समय रहते टालने के प्रयास किए जा रहे हैं।
Sirohi News: छह दिन पहले चोरी हुए लोहे के पाइप बरामद, तीन आरोपी गिरफ्तार 18 सितंबर 2024 की रात को सतापुरा ओपन वेल के पास रखे 63 एमएम के 20 फीट और 10 फीट के लोहे के पाइप चोरी हो गए थे। इस घटना की रिपोर्ट 20 सितंबर को भैराराम द्वारा पुलिस में दर्ज कराई गई थी। सिरोही जिले की बरलूट पुलिस ने चार दिन बाद इस चोरी का खुलासा करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस कार्रवाई की जानकारी:जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार के निर्देशानुसार संपत्ति संबंधी अपराधों की रोकथाम और वांछित अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए एक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। इसी अभियान के तहत, बरलूट थानाधिकारी गोपाललाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने सतापुरा और मनोरा के निवासियों वचनाराम भील, भगवानाराम जोगी, और मांगीलाल जोगी को गिरफ्तार किया है। इनके द्वारा चुराए गए लोहे के पाइप भी बरामद किए गए हैं। घटना का विवरण:भैराराम, जो वर्तमान में जलदाय विभाग सवणा-रायपुरिया की ऑडम स्कीम के तहत कार्यरत है, ने पुलिस में अपनी शिकायत में बताया कि 18 सितंबर को सतापुरा ओपन वेल के पास रखे पाइप चोरी हो गए। जांच के दौरान पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया और चोरी किए गए पाइप बरामद कर लिए।यह कार्रवाई पुलिस की तत्परता और सक्रियता का एक उदाहरण है, जो संपत्ति संबंधी अपराधों को रोकने के लिए लगातार प्रयासरत है।
Dausa News: लग्जरी वाहन से वारदात करने वाले कौद गैंग के तीन गुर्गे गिरफ्तार दौसा थाना पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई में अंतर्राज्यीय “कौद गैंग” के सरगना और उसके दो गुर्गों को गिरफ्तार किया है। ये बदमाश चोरी, लूट, डकैती, नकबजनी और एटीएम लूट में शामिल थे। पुलिस ने उनके पास से चोरी किया गया डंपर और वारदात में इस्तेमाल की गई XUV300 गाड़ी भी बरामद की है। पुलिस कार्रवाई की जानकारी:पुलिस अधीक्षक रंजीता शर्मा ने बताया कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से बादीकुई-जयपुर एक्सप्रेसवे लिंक रोड पर खड़े डम्परों में से एक डम्पर चोरी हो गया था। इस मामले में कोलवा थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गैंग के सरगना अहमद उर्फ कौद मेव, मुस्ताक मेव, और रहीस मेव को गिरफ्तार किया। पुलिस ने 36 घंटे के भीतर मामले को सुलझाते हुए डम्पर और घटना में इस्तेमाल की गई गाड़ी बरामद की। गैंग की गतिविधियाँ:बांदीकुई के डिप्टी एसपी रोहिताश देवंदा ने बताया कि ये तीनों आरोपी कई बार चोरी, लूट, डकैती, नकबजनी और एटीएम लूट जैसी वारदातों को अंजाम दे चुके हैं। 20 सितंबर की रात को इन आरोपियों ने कोलवा थाना क्षेत्र के समेल गांव से एक डम्पर चुराया था। पुलिस ने 200 किलोमीटर तक के सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद इन्हें पकड़ने में सफलता पाई। इस मामले में अभी दो अन्य आरोपी फरार हैं, जिनकी तलाश जारी है। अहमद मेव का आपराधिक इतिहास:अहमद उर्फ कौद मेव पर 66 से अधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें अलवर, भिवाड़ी, कोटपूतली, मेवात और हरियाणा के क्षेत्र में लूट, चोरी, और डकैती के मामले शामिल हैं। वह हाल ही में अलवर की किशनगढ़ बास जेल से लगभग 8-10 दिन पहले रिहा हुआ था, जहाँ वह चार साल से बंद था। मुस्ताक और रहीस पर भी कई गंभीर मामले दर्ज हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इन आरोपियों से और भी कई वारदातों का खुलासा होगा।
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