मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव पर भारत में मौजूद इजरायली नागरिकों की चिंताएं में इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव ने विश्वभर में चिंता का माहौल बना दिया है, जिसका असर भारत में मौजूद इजरायली नागरिकों पर भी पड़ रहा है। खासकर, हिमाचल प्रदेश, गोवा, और राजस्थान में ठहरे हुए इजरायली नागरिक वर्तमान घटनाक्रम को लेकर काफी चिंतित हैं। इन क्षेत्रों में इजरायली नागरिकों की सुरक्षा को लेकर भी स्थानीय प्रशासन ने कदम उठाए हैं, और इजरायली नागरिकों ने भारत सरकार से भी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। हिमाचल प्रदेश: कुल्लू में इजरायली नागरिकों की सुरक्षा पर खास ध्यान हिमाचल प्रदेश का कुल्लू जिला, खासकर मणिकर्ण घाटी का कसोल और मनाली, लंबे समय से इजरायली पर्यटकों के पसंदीदा स्थलों में से एक रहा है। यहां करीब 300 से ज्यादा इजरायली नागरिक ठहरे हुए हैं। हाल के मिडिल ईस्ट तनाव को देखते हुए कुल्लू पुलिस ने इन पर्यटन स्थलों पर सुरक्षा बढ़ा दी है। इजरायली नागरिक, जो भारत में त्योहार मनाने आए थे, अब चिंतित हैं क्योंकि इस समय इजरायल के प्रमुख त्योहार भी हैं। कुल्लू के इजरायली नागरिकों ने त्योहारी समय में अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है, क्योंकि त्योहारों के दौरान ये लोग एकत्रित होकर पूजा-अर्चना करते हैं। हालांकि, तनाव के बढ़ते माहौल के कारण कई इजरायली नागरिक भारत छोड़कर अपने देश वापस लौट चुके हैं, लेकिन अभी भी कुछ इजरायली नागरिक यहां ठहरे हुए हैं। गोवा: इजरायली नागरिकों की सुरक्षा की मांग गोवा में भी बड़ी संख्या में इजरायली पर्यटक मौजूद हैं, जो मौजूदा हालात को लेकर चिंतित हैं। इन इजरायली नागरिकों ने भारत सरकार से सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। गोवा का तटीय इलाका भी इजरायली पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय है, और यहां पर पर्यटन स्थल में भी सुरक्षा इंतजामों को लेकर इजरायली नागरिक जागरूक हैं। राजस्थान: पुष्कर में इजरायली नागरिकों की प्रार्थना राजस्थान के पुष्कर में मौजूद इजरायली नागरिकों ने मिडिल ईस्ट में बढ़ते तनाव को लेकर प्रार्थना की है। पुष्कर, जो अपने आध्यात्मिक माहौल और शांतिपूर्ण वातावरण के लिए जाना जाता है, यहां मौजूद इजरायली नागरिकों ने मंदिरों में जाकर विशेष प्रार्थनाएं कीं और ईरान और इजरायल के बीच शांति की कामना की। राजस्थान में इजरायली नागरिकों ने हिंदू परंपराओं का सम्मान करते हुए हिंदी में मंत्रोच्चार किया और महाआरती में भाग लिया। इस दौरान उन्होंने दुनिया में शांति और सामंजस्य की प्रार्थना की। मिडिल ईस्ट के तनाव का व्यापक असर ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव का असर केवल मिडिल ईस्ट में ही नहीं, बल्कि दुनिया के विभिन्न हिस्सों में फैले इजरायली नागरिकों पर भी पड़ रहा है। भारत में ठहरे हुए इजरायली पर्यटकों ने न केवल अपने देश के लिए बल्कि विश्व शांति के लिए भी प्रार्थना की है। इस संकट के बीच, भारत में इजरायली नागरिकों के लिए सुरक्षा की मांग को देखते हुए स्थानीय प्रशासन सतर्क है और सुरक्षा इंतजामों को पुख्ता कर रहा है। इजरायली नागरिकों की भावनाएं और भविष्य की चिंता हिमाचल, गोवा, और राजस्थान में मौजूद इजरायली नागरिक इस वक्त अपने परिवारों और देश की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं। वे लगातार अपने देश के हालात पर नज़र बनाए हुए हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि मिडिल ईस्ट में तनाव जल्द खत्म हो। भारत के शांतिपूर्ण वातावरण में रह रहे इन नागरिकों ने भारतीय संस्कृति और धार्मिक परंपराओं का हिस्सा बनकर यहां शांति और सांस्कृतिक सौहार्द को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। इस पूरे माहौल में, इजरायली नागरिकों के बीच एक गहरी चिंता व्याप्त है, लेकिन साथ ही वे भारत में रहकर शांति और सुरक्षा का अनुभव कर रहे हैं। भारतीय प्रशासन और स्थानीय पुलिस का सहयोग और सुरक्षा व्यवस्था उन्हें एक सुकून का अहसास करा रही है, जिससे वे त्योहारों के बीच भी अपनी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हैं। भारत में इजरायली नागरिकों की सुरक्षा और उनकी चिंताओं को देखते हुए यह स्पष्ट है कि भारत में उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जा रही है, और मिडिल ईस्ट के तनाव के बावजूद यहां उन्हें सहयोग और समर्थन मिल रहा है।
सिरोही मादक पदार्थ तस्करी में वांछित गांजा सप्लायर गिरफ्तार जिले की रोहिड़ा पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करी के मामले में लंबे समय से वांछित गांजा सप्लायर को गिरफ्तार कर बड़ी सफलता हासिल की है। आरोपी, जो जुलाई में तस्करी के दौरान फरार हो गया था, पुलिस की कड़ी निगरानी और विशेष अभियान के तहत पकड़ा गया है। जुलाई की घटना और तस्करी का खुलासा इस साल 28 जुलाई की रात पुलिस ने सरूपगंज थाना क्षेत्र में नाकाबंदी के दौरान एक ईको कार से 31.5 किलोग्राम अवैध गांजा बरामद किया था। उस वक्त कार में मौजूद तस्कर मुकेशचंद चौधरी और उसका साथी पुलिस को चकमा देकर फरार हो गए थे। कार से मुकेश चौधरी के नाम का आधार कार्ड मिला, जिस पर पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था। इस मामले की जांच रोहिड़ा थानाधिकारी जितेन्द्रसिंह को सौंपी गई थी। तस्करों की गिरफ्तारी और नेटवर्क का खुलासा जांच के दौरान पुलिस ने मुकेश चौधरी के सहयोगियों को भी ट्रेस किया और एक के बाद एक आरोपी गिरफ्तार होते चले गए। मुकेश के साथ गांजा लेने आए हंसराज मीणा, सप्लाई प्राप्तकर्ता रविंद्र शर्मा, और मुकेश को फरार कराने में सहयोग करने वाले अन्य आरोपियों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका था। लेकिन मुख्य सप्लायर बकाराम गमेती, जो तस्करी का प्रमुख कड़ी था, तब से फरार चल रहा था। पुलिस का विशेष अभियान सफल सिरोही जिले में मादक पदार्थों की तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस द्वारा चलाए गए विशेष अभियान के तहत बकाराम गमेती को अब गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस की इस बड़ी कार्रवाई से तस्करी के नेटवर्क को तोड़ने में मदद मिली है, और इससे पुलिस ने यह साबित कर दिया है कि मादक पदार्थों की तस्करी पर सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। सिरोही मादक पदार्थ तस्करी में वांछित गांजा सप्लायर गिरफ्तार आगे की कार्रवाई पुलिस अब इस गिरफ्तारी के बाद पूरे तस्करी नेटवर्क की गहराई से जांच करेगी और अन्य संभावित संदिग्धों पर भी शिकंजा कसने की योजना बना रही है। पुलिस का यह विशेष अभियान मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ भविष्य में भी जारी रहेगा। सिरोही पुलिस की इस सफलता से तस्करों के हौसले पस्त हुए हैं, और पुलिस ने यह संदेश दिया है कि अवैध गतिविधियों के खिलाफ उनकी कार्रवाई कठोर और परिणामकारी होगी।
दीवाली से पहले राजस्थान सरकार की बड़ी सौगात जयपुर: दीपावली से पहले राजस्थान के सरकारी कर्मचारियों के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बड़ी घोषणा की है, जिसने प्रदेश के 6 लाख कर्मचारियों के चेहरों पर खुशी ला दी है। मुख्यमंत्री ने राज्य कर्मचारियों को बोनस देने की मंजूरी दी है, जिससे दीपोत्सव का यह अवसर उनके लिए और भी खास बन जाएगा। सरकार की इस सौगात से कर्मचारियों के बीच उत्साह का माहौल है। बोनस की मंजूरी के बाद प्रत्येक कर्मचारी को अधिकतम 6774 रुपये मिलेंगे, जिसमें से 75% राशि का नकद भुगतान किया जाएगा, जबकि बाकी 25% राशि कर्मचारी के भविष्य निधि (जीपीएफ) में जमा कर दी जाएगी। दीवाली से पहले राजस्थान सरकार की बड़ी सौगात किसे मिलेगा बोनस? यह बोनस सातवें वेतनमान के अंतर्गत उन सरकारी कर्मचारियों को मिलेगा, जिनका पे लेवल एल-12 या उससे कम है, अथवा 4800 ग्रेड पे वाले कर्मचारी इसका लाभ उठा सकेंगे। वित्तीय भार और लाभान्वित कर्मचारी इस तदर्थ बोनस योजना से सरकार के खजाने पर लगभग 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त वित्तीय भार आएगा। इसका लाभ केवल राज्य कर्मचारियों तक ही सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पंचायत समिति और जिला परिषद के कर्मचारी भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे। बोनस का वितरण यह बोनस 31 दिनों के माह के आधार पर दिया जाएगा, और 30 दिन की अवधि के लिए यह गणना की जाएगी। बोनस प्राप्त करने वाले कर्मचारियों में पंचायत स्तर से लेकर जिला स्तर तक के कई अधिकारी और कर्मचारी शामिल होंगे, जिससे प्रदेश भर में कर्मचारियों के उत्साह को बढ़ावा मिलेगा। गहलोत सरकार का कदम मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की इस घोषणा ने राज्य के कर्मचारियों को दीवाली से पहले एक खुशखबरी दी है। यह घोषणा उन कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण राहत के रूप में आई है जो नई पेंशन योजना (एनपीएस) और पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) के बीच असमंजस में थे। इस बोनस से उन्हें वित्तीय मदद मिलेगी और त्योहार को और भी उत्साहपूर्वक मना सकेंगे। यह कदम राज्य सरकार द्वारा कर्मचारियों के हित में उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों में से एक है, जो उनके कामकाजी माहौल और जीवनस्तर में सुधार लाने का प्रयास है। दीवाली के इस उत्सवी माहौल में, राजस्थान सरकार का यह निर्णय लाखों कर्मचारियों के लिए आर्थिक सहारा साबित होगा और उनके त्योहारी उत्साह को बढ़ाएगा।
छतरपुर समाचार MP: छतरपुर में पटाखा फैक्टरी में विस्फोट के छतरपुर जिले के हरपालपुर नगर में एक अवैध पटाखा फैक्टरी में बुधवार को विस्फोट हुआ। यह फैक्टरी रहवासी इलाके में स्थित है और इसका लाइसेंस 2011 में निरस्त कर दिया गया था, फिर भी यहां पटाखों का निर्माण जारी था। विस्फोट के समय कई मजदूर वहां काम कर रहे थे, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया। टीकमगढ़ जिले के एफएसएल अधिकारी डॉ. प्रदीप यादव ने फैक्टरी का निरीक्षण किया और बीडीएस टीम से जांच की अनुशंसा की। डॉ. यादव ने बताया कि निरीक्षण के दौरान विस्फोटक सामग्री बरामद की गई है। यह मामला बीडीएस टीम से संबंधित है, जो पता लगाएगी कि विस्फोट के लिए कौन सा बारूद इस्तेमाल किया गया। पुलिस ने पलट दी कहानी हरपालपुर पुलिस ने घटना को लेकर एफआईआर में कुछ बिंदुओं को पलट दिया है। जबकि कर्मचारी फैक्टरी को पटाखा फैक्टरी बता रहे हैं, पुलिस ने इसे पटाखा गोदाम के रूप में दर्ज किया है। पुलिस ने फैक्टरी मालिक सियाशरण और पुरुषोत्तम के खिलाफ विस्फोटक अधिनियम की मामूली धाराओं के तहत केस दर्ज किया है। इस पर स्थानीय लोगों ने सवाल उठाए हैं कि पुलिस ने ऐसा क्यों किया और इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं। एसडीएम ने कहा कि मामले की जांच चल रही है और जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हरदा कांड के बाद निरीक्षण, पर कार्रवाई नहीं याद रहे कि हरदा जिले में 6 फरवरी 2024 को एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था, जिसमें कई लोगों की जान चली गई थी। इसके बाद मुख्यमंत्री ने सभी जिलों के कलेक्टरों और एसपी को पटाखा फैक्ट्रियों की जांच के निर्देश दिए थे। इस दौरान नौगांव तहसीलदार संदीप तिवारी ने इस फैक्टरी का निरीक्षण किया था, लेकिन उस समय कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। संदीप तिवारी अब भी तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं। यह घटनाक्रम सुरक्षा और मानकों की अनदेखी के गंभीर संकेत देता है, जिसके चलते आगे की कार्रवाई की आवश्यकता है। #umasamwad #daily news rajasthan #daily news ajmer #daily news jaipur #hindi news #lastest news in hindi #daily news in hindi #daily news in hindi today #Rajasthan news in hindi #Chhatarpur #FirecrackerFactory #Explosion #PoliceInvestigation #IllegalManufacturing #SafetyConcerns #MadhyaPradeshNews
विमेंस टीम इंडिया का वर्ल्ड कप सफर: एक नजर में विमेंस क्रिकेट का 9वां टी-20 वर्ल्ड कप हाल ही में शुरू हुआ है, जिसमें भारतीय टीम अपना अभियान आज से न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू करेगी। भारत ने अब तक 18 वर्ल्ड कप में हिस्सा लिया है, जिसमें 10 वनडे और 8 टी-20 वर्ल्ड कप शामिल हैं। हालांकि, टीम को अब तक कोई खिताब नहीं मिला है। आइए जानते हैं भारत के विमेंस क्रिकेट के सफर के बारे में 10 महत्वपूर्ण बिंदुओं में: विमेंस टी-20 वर्ल्ड कप के इस सफर में टीम इंडिया का प्रदर्शन और आगे की राह उनके खेल के प्रति समर्पण और मेहनत का प्रमाण है।
तुलजा भवानी मंदिर: रामायण-महाभारत युग से जुड़ा: मध्यप्रदेश के खंडवा में स्थित तुलजा भवानी माता मंदिर का संबंध रामायण और महाभारत काल से है। यहां विराजित मां भवानी की स्वयंभू मूर्ति को भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण, अर्जुन और छत्रपति शिवाजी के साथ जोड़कर देखा जाता है। इस मंदिर का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व अत्यधिक है, और इसे शक्ति पीठ माना जाता है। रामायण और महाभारत कालीन मंदिर तुलजा भवानी मंदिर: रामायण-महाभारत युग से जुड़ा यह प्राचीन मंदिर खंडवा के भवानी माता वार्ड में स्थित है। रामायण काल के दौरान भगवान श्रीराम ने अपने 14 वर्षों के वनवास में खांडव वन (वर्तमान खंडवा) में समय व्यतीत किया। श्रीराम ने इस मंदिर में नौ दिनों तक मां तुलजा भवानी की आराधना की और यहां से अस्त्र-शस्त्र प्राप्त किए। इसके बाद, उन्होंने दक्षिण की ओर प्रस्थान किया। महाभारत काल में, भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन ने भी इस पवित्र स्थल पर मां की पूजा की थी। अर्जुन के धनुर्विद्या की परीक्षा के समय यहां अग्निदेव का अर्जीण रोग ठीक हुआ था, और देवी की शक्ति से इंद्र की वर्षा को भी रोका गया था। शिवाजी को मिला था शमशीर वरदान मां तुलजा भवानी मराठा सम्राट छत्रपति शिवाजी की आराध्य देवी रही हैं। माना जाता है कि इसी मंदिर में मां भवानी ने शिवाजी को शमशीर प्रदान की थी, जिससे उन्होंने मुगलों का सामना किया और मराठा साम्राज्य की स्थापना की। यह शमशीर शिवाजी के संघर्ष और विजय का प्रतीक है। मां भवानी का दिव्य स्वरूप मंदिर में मां तुलजा भवानी की अष्टभुजी प्रतिमा स्थापित है, जिसमें वे सिंह पर सवार होकर राक्षस का वध कर रही हैं। यह प्रतिमा भक्तों के लिए साक्षात सिद्धिदात्री के रूप में पूज्यनीय है। मंदिर के पुजारी के अनुसार, प्रतिदिन मां का अभिषेक और विशेष श्रृंगार किया जाता है। सुबह और रात आठ बजे महाआरती होती है, जिसमें बड़ी संख्या में भक्त शामिल होते हैं। नवरात्रि पर विशेष आयोजन नवरात्रि के अवसर पर मंदिर में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं। सुबह से लेकर रात तक भक्तों की भीड़ लगी रहती है। नवरात्रि के दौरान माता के दरबार में भक्तों द्वारा विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस दौरान मां का विशेष श्रृंगार और महाआरती का आयोजन किया जाता है, जिससे भक्तगण माता की कृपा का अनुभव करते हैं। यह मंदिर न केवल धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व के कारण भी प्रसिद्ध है। रामायण, महाभारत, और मराठा इतिहास से जुड़े इस मंदिर का दर्शन करना एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव है।
केकड़ी न्यूज़: भिनाय पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 1020 किलो अवैध डोडा पोस्त के साथ दो तस्कर गिरफ्तार अजमेर जिले के केकड़ी में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ बड़ी सफलता हासिल करते हुए भिनाय थाना पुलिस ने 1020 किलो अवैध डोडा पोस्त के साथ दो फरार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दोनों आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर पूछताछ जारी है। विशेष अभियान के तहत कार्रवाई केकड़ी न्यूज़ भिनाय पुलिस की बड़ी कार्रवाई द्वारा जिले में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई। पुलिस को सूचना मिली थी कि ग्राम राजपुरा (सरवाड़) के पास केकड़ी रोड पर एक संदिग्ध वाहन खड़ा है, जिसमें अवैध मादक पदार्थ होने की संभावना है। स्पेशल टीम ने मौके पर पहुंचकर वाहन की तलाशी ली और उसमें से 1019 किलो 700 ग्राम डोडा पोस्त बरामद किया। गिरफ्तारी और वाहन जब्ती पुलिस ने RJ 01 GC 8698 नंबर की बोलेरो गाड़ी को जब्त कर लिया, जिसमें यह अवैध मादक पदार्थ ले जाया जा रहा था। गिरफ्तार किए गए आरोपी मुकेश गुर्जर और गोपाल गुर्जर लंबे समय से फरार चल रहे थे। दोनों तस्करों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की जांच की जा रही है। यह कार्रवाई पुलिस के सतर्कता और अवैध मादक पदार्थों की तस्करी के खिलाफ प्रतिबद्धता का प्रमाण है। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर उनके नेटवर्क और अन्य संलिप्त लोगों का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव के लिए राजनीतिक हलचल तेज जयपुर हरियाणा विधानसभा चुनाव प्रचार गुरुवार को समाप्त होते ही अब राजस्थान में सात विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक गतिविधियां तेज़ हो गई हैं। प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक हलचल धीमी हो गई थी, क्योंकि कांग्रेस और भाजपा दोनों के वरिष्ठ नेता हरियाणा चुनाव प्रचार में व्यस्त थे। अब प्रचार के थमने के साथ ही नेता वापस राजस्थान लौट आए हैं और उपचुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं। कांग्रेस और भाजपा की सक्रियता राजस्थान में सात सीटों पर उपचुनाव के लिए राजनीतिक हलचल तेज कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को हरियाणा चुनाव के लिए वरिष्ठ पर्यवेक्षक नियुक्त किया गया था। उनके साथ सचिन पायलट, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और अन्य वरिष्ठ नेता चुनावी अभियानों में सक्रिय रहे। उधर, भाजपा की तरफ से सतीश पूनिया, राजेन्द्र राठौड़ और अरुण चतुर्वेदी समेत कई बड़े नेता लगातार हरियाणा में दौरे कर रहे थे। पूनिया हरियाणा भाजपा के प्रभारी भी हैं। हरियाणा के बाद राजस्थान में चुनावी धूम हरियाणा में चुनाव प्रचार समाप्त होते ही अब राजस्थान में उपचुनाव की तैयारियां जोर पकड़ रही हैं। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों के नेता प्रदेश में अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए समर्थन जुटाने के लिए सक्रिय हो गए हैं। सीएम भजनलाल शर्मा का कांग्रेस पर हमला मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी ने “झूठ और लूट की दुकान” खोल रखी है और उसे भ्रष्टाचार की जननी बताया। उन्होंने कांग्रेस शासनकाल में जमीन, आकाश, और पाताल तक घोटाले होने के आरोप लगाए और कहा कि जनता अब कांग्रेस के झूठे वादों को समझ चुकी है। टीकाराम जूली का दावा कांग्रेस नेता टीकाराम जूली ने हरियाणा में अंतिम दिन की सभाओं में कहा कि यह चुनाव जनता की उन्नति और प्रदेश में सकारात्मक बदलाव का मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि जनता अब कांग्रेस को सत्ता में लाने के लिए तैयार है। वहीं, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने भी रोहतक में जनसभा को संबोधित किया और कांग्रेस के समर्थन में माहौल बनाने की कोशिश की। अब देखना होगा कि राजस्थान में आगामी उपचुनाव में किस पार्टी को जनता का समर्थन मिलता है, क्योंकि दोनों दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
राजस्थान पुलिस की कार्यप्रणाली में जल्द ही बड़ा बदलाव होने जा रहा है। प्रदेश के गृह राज्यमंत्री जवाहर सिंह बेढम ने पुलिस के कामकाज में इस्तेमाल होने वाले उर्दू शब्दों को हटाने का निर्देश दिया है। उन्होंने इस संबंध में पुलिस महानिदेशक (DGP) को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने पुलिस द्वारा अनुसंधान पत्रावलियों, आधिकारिक पत्राचार और अन्य कार्यों में उर्दू शब्दों के अत्यधिक प्रयोग पर चिंता जताई है। पत्र की मुख्य बातें गृह राज्यमंत्री बेढम ने अपने पत्र में उल्लेख किया कि पुलिस के ज्यादातर आधिकारिक दस्तावेज़ों में उर्दू शब्दों का प्रयोग व्यापक रूप से होता है, जिससे आम जनता को इन दस्तावेज़ों को समझने में कठिनाई होती है। उन्होंने यह भी कहा कि भाषा को सरल और जनसुलभ बनाने के लिए उर्दू शब्दों की जगह हिंदी या अन्य सामान्य शब्दों का उपयोग किया जाना चाहिए, ताकि पुलिस की कार्यवाही को आम जनता तक आसानी से पहुंचाया जा सके। राजस्थान पुलिस सरल भाषा की आवश्यकता राज्यमंत्री बेढम ने यह भी कहा कि पुलिस कार्यवाही को पारदर्शी और सुगम बनाने के लिए यह कदम आवश्यक है। उनके अनुसार, आम लोग अक्सर उर्दू शब्दों को समझने में कठिनाई महसूस करते हैं, जिससे जानकारी के अभाव में पुलिस कार्रवाई से संबंधित कई प्रक्रियाओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। राज्यव्यापी निर्देश इस निर्देश के बाद, पूरे राजस्थान में पुलिस विभाग से जुड़े सभी आधिकारिक कार्यों में उर्दू शब्दों के स्थान पर हिंदी या क्षेत्रीय भाषा के सरल शब्दों का उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा। इस कदम का उद्देश्य पुलिस कार्यप्रणाली को ज्यादा प्रभावी और जनसुलभ बनाना है, जिससे लोगों को पुलिस दस्तावेज़ और कार्यवाहियों को आसानी से समझने में मदद मिलेगी। पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया इस निर्देश के बाद पुलिस प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि इसे अमल में लाने के लिए जल्द ही आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। पुलिस अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जाएंगे और सभी स्तरों पर भाषा सुधार की प्रक्रिया को तेज किया जाएगा। राज्य सरकार के इस फैसले का उद्देश्य न केवल प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना है, बल्कि जनता और पुलिस के बीच बेहतर संचार स्थापित करना भी है।
बूंदी, राजस्थान: बूंदी जिले के नैनवा उपखंड क्षेत्र में बुधवार रात एक दर्दनाक हादसा हुआ। देई थाना क्षेत्र के तलवास गांव में स्थित श्रीमद गुरु कार्ष्णि गुरुकुल में भीषण आग लग गई। इस अग्निकांड में तीन नाबालिग बच्चे गंभीर रूप से झुलस गए। इनमें से दो की हालत नाजुक बनी हुई है। घायलों को तुरंत उपचार के लिए कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज चल रहा है। घटना का विवरण जानकारी के अनुसार, आग देर रात गुरुकुल के आवासीय हिस्से में लगी। बच्चे उस समय सो रहे थे, जब अचानक आग फैल गई। आग लगने के कारणों का अब तक पता नहीं चल पाया है, लेकिन प्राथमिक जांच में शॉर्ट सर्किट की संभावना जताई जा रही है। स्थानीय लोगों और गुरुकुल के स्टाफ की तत्परता से बच्चों को आग से बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक तीन बच्चे बुरी तरह झुलस चुके थे। स्थानीय प्रशासन की सक्रियता घटना की जानकारी मिलते ही नैनवा के पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल मीणा और देई थाना के अधिकारी मौके पर पहुंचे। पुलिस ने तुरंत बच्चों को नजदीकी अस्पताल में प्राथमिक उपचार दिलवाया, लेकिन गंभीर हालत देखते हुए उन्हें कोटा मेडिकल कॉलेज के एमबीएस अस्पताल रेफर किया गया। पुलिस उपाधीक्षक शंकर लाल मीणा ने कहा, “घटना की जांच शुरू कर दी गई है। हम आग के कारणों की पूरी तरह से जांच करेंगे और यह सुनिश्चित करेंगे कि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।” परिवारों में शोक घटना के बाद से घायलों के परिवार सदमे में हैं। गुरुकुल प्रशासन भी इस घटना से गहरा आहत है। प्रशासन ने आग की जांच के लिए एक विशेष टीम का गठन किया है, जो यह पता लगाएगी कि आग कैसे लगी और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं। आगे की जांच फिलहाल, पुलिस और स्थानीय प्रशासन द्वारा पूरे मामले की गहन जांच जारी है। घटनास्थल पर फॉरेंसिक टीम को भी बुलाया गया है ताकि आग लगने के सही कारणों का पता लगाया जा सके। पुलिस अधिकारी इस बात की भी जांच कर रहे हैं कि आग के समय गुरुकुल में सुरक्षा के क्या इंतजाम थे और क्या किसी प्रकार की लापरवाही इस घटना का कारण बनी। यह हादसा एक गंभीर चेतावनी है कि शैक्षणिक संस्थानों में अग्नि सुरक्षा उपायों की सख्त निगरानी और पालन आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचा जा सके।
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