Author: UmaAbhi

नारी राष्ट्रका अभिमान है । नारी राष्ट्र की शान है। भारतीय परिवेश व परिधान की शोभा है नारी । नर से नारायण की कहावत को चरितार्थ करती है नारी । मानवता की मिशाल है नारी । महिला सशक्तिकरण से लैंगिक समानता का संचार होता है। महिला मानवता को धार देती है। नारी संघर्षों की कहानी है। प्यार और सम्मान की मूरत है नारी । महिला सशक्तिकरण से तात्पर्य है समाज में महिलाओं के वास्तविक अधिकार को प्राप्त करने के लिए उन्हें सक्षम बनाना अर्थात महिलाओं का शक्तिशाली होना। महिलाएं शक्तिशाली होंगी तो वह अपने जीवन से जुड़े प्रत्येक फैसले स्वयं ले सकती है। ऐसी महिलाएं परिवार और समाज को विकास की राह पर ले जाती हैं। महिलाओं को दिए गए अधिकार महिला सशक्तिकरण का आधार है। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय, भारत सरकार महिलाओं के विकास में निरंतर अग्रसर है। किसी ने क्या खूब कहा है – हर सफल इंसान के पीछे एक महिला का हाथ होता है, इसी प्रकार राष्ट्र निर्माण में एक नहीं बल्कि सैकड़ों महिला वैज्ञानिकों का सहयोग होता है। भारतीय संस्कृति में महिलाओं को देवी, दुर्गा व लक्ष्मी आदि का यथोचित सम्मान दिया गया है। अतः्उसे उचित सम्मान दिया ही जाना चाहिए राष्ट्र का गौरव है नारी सशक्तिकरण। अतएव हम कह सकते हैं कि सशक्त महिलाएं ही सशक्त देश का निर्माण करती हैं।

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हनिया की सदों में पश्ष और विपक्ष की पार्टियां जो फिजुल का दंगल करती हैं और अपना तथा देश का सम्रय नष्ट करती रहती हैं, उससे ग्रार, एथिया, अफ्रीका, अग्रेरिका और यूरोप के लोकतांत्रिक देशों को छुटकारा मगिलेगा। जो भरी सरकार सर्वगम्ति से बने, उसमें दलीय सख्या के अनुपात में मंत्री बनादिएजा सकते हैं। मत्रिमंदन के सभी फैसले बहुमत के आधार पर होंगे। नगालैंड से भारत और द्निया के सभी राजनीतिक दल प्रेरणा लेकर अपने- अपने देश में वैसी ही सरकारें बना सकते हैं, जैसी आजादी के बाद /947 में भ्रात में जवाहरलाल नेहरु के नेतृत्व में बनी थी। नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में भाजपा का डंका बज गया, यह देश ने जमकर देखा लेकिन वहां जो असली विलक्षण घटना हुई है, उसकी तरफ लोगों का ध्यान बहुत कम गया है। वह विलक्षण घटना यह है कि जिन पार्टियों ने चुनाव में एक-दूसरे का डटकर विरोध किया, उन्होंने भी मिलजुल कर अब नई सरकार बनाई है। इतना ही नहीं, वे छोटी-मोटी पार्टियां, जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा आदि का विरोध करती रही हैं, उन्होंने भी नगालैंड में ऐसी सरकार बनाई है, जैसी दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में भी नहीं है। नगालैंड की ताजा सरकार ‘नेशनलिस्टिक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्ट के नेतृत्व में बनी है। उसके नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं। उनकी 60 सदस्योंवाली विधानसभा में एक भी सदस्य ऐसा नहीं है, जो कहे कि मैं विपक्ष में हूं या में विरोधी दल हूं। तो क्या हम यह मान लें कि रियो ने साठों की साठ सीटें जीत लीं? नहीं, ऐसा नहीं हुआ है। उनकी पार्टी और भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं लेकिन उनकी संख्या कुल 37 हैं। महिलाएं सशक्त होंगी तभी देश बनेगा महाशक्ति तक यह निश्चित नहीं है कि इन विरोधी पार्टियों के विधायकों में से कुछ को मंत्री बनाया जाएगा या नहीं । शरद पवार की नेशनल कांग्रेस पार्टी को 7 सीटें मिली हैं। वह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। उसे दुविधा है, भाजपा से हाथ मिलाने में! इसीलिए वह सरकार को बाहर से ही समर्थन देगी। जो भी हो, नगालैंड में जो सरकार बनेगी और चलेगी, मेरी राय में वह दुनिया के सभी लोकतंत्रों के लिए आदर्श है। दुनिया की संसदों में पक्ष और विपक्ष की पार्टियां जो फिजूल 60 में से 37 याने आधी से सिर्फ 7 ज्यादा ! फिर भी क्‍या बात है कि नगालैंड में कोई विरोधी दल नहीं है? जिन आठ दलों ने विरोधी बनकर चुनाव लड़ा था, उनमें 4 पार्टियां नगालैंड के बाहर की थीं। सभी आठों पार्टियों के जीते हुए विधायकों ने कहा है कि हम सत्तारुढ़ गठबंधन के साथ है। अभी का दंगल करती हैं और अपना तथा देश का समय नष्ट करती रहती हैं, उससे भारत, एशिया, अफीका, अमेरिका और यूरोप के लोकतांत्रिक देशों को छुटकारा मिलेगा। जो भी सरकार सर्वसम्मति से बने, उसमें दलीय संख्या के अनुपात में मंत्री बना दिए जा सकते हैं । मंत्रिमंडल के सभी फैसले बहुमत के आधार पर होंगे । नगालैंड से भारत और दुनिया के सभी राजनीतिक दल प्रेरणा लेकर अपने-अपने देश में वैसी ही सरकारें बना सकते हैं, जैसी आजादी के बाद 947 में भारत में जवाहरलाल नेहरु के नेतृत्व में बनी थी। उस नेहरु सरकार में घनघोर गांधीविरोधी भीमराव आंबेडकर और जनसंघ के जनक श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी मंत्री थे। उसके ॥4 मंत्रियों में हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, दक्षिण भारतीय, दलित, महिला आदि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व था। वह सचमुच की राष्ट्रीय सरकार थी। आजकल की पार्टी-आधारित सरकारों में भी इन वर्गों का प्रतिनिधित्व रहता है लेकिन उन सब पर सेंतमेंत प्रहार करने के लिए हम एक विपक्ष भी फिजूल में खड़ा कर लेते हैं।

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राजस्थान में भाजपा की वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने चूरू जिले के सालासर बालाजी मंदिर क्षेत्र में अपने जन्मदिन मनाने के बहाने अपनी ताकत का एहसास कराया है। वसुंधरा राजे द्वारा यह एक तरह से सीधे भाजपा आलाकमान व अपने विरोधियों को चैलेंज के तौर पर देखा जा रहा है। हालांकि वसुंधरा राजे का जन्मदिन आठ मार्च को आता है। मगर उन्होंने चार दिन पूर्व ही शेखावारी क्षेत्र के सालासर में अपने जन्मदिन के बहाने एक बड़ी जनसभा का आयोजन कर अपनी ताकत का अहसास करवाया है। वसुंधरा राजे ने अपना जन्मदिन मनाने के लिए उसी दिन का चयन किया जिस दिन भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा जयपुर में विधानसभा का घेराव किया जाना था। विधानसभा का घेराव करने के कार्यक्रम को प्रदेश भाजपा द्वारा प्रायोजित किया जा रहा था। उसी के समानांतर वसुंधरा राजे का कार्यक्रम करना कुछ अलग ही कहानी बयां करता है। 2048का विधानसभा चुनाव हार जाने के बाद वसुंधरा राजे पार्टी में अलगथलग पड़ गई है पार्टी के बड़े कार्यक्रमों में भी वह अक्सर अनुपस्थित रहती है। प्रदेश भाजपा के संगठन में भी वसुंधरा विरोधियों की भरमार है। यहां तक कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया वसुंधरा विरोधी खेमे के माने जाते हैं। विद्यार्थी परिषद की पृष्ठभूमि से आए सतीश पूनिया राष्ट्रीय स्वयं संघ के नजदीकी है तथा संगठन में वर्षो से विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं। जाट समाज से आने वाले पूनिया अपनी सौम्य छवि के कारण राजस्थान भाजपा में खासे लोकप्रिय भी है। इसी के चलते वसुंधरा राजे पूनिया को पसंद नहीं करती है। इसी साल के अंत में राजस्थान विधानसभा के चुनाव होने हैं। ऐसे में वसुंधरा राजे को लगता है कि यदि उनकी इसी तरह चुनाव में भी उपेक्षा की गई तो उनका राजनीतिक प्रभुत्व समाप्त हो जाएगा । इसी आशंका के चलते वह भाजपा की मुख्यधारा में आने के लिए पूरा जोर लगा रही है। सालासर का कार्यक्रम भी इसी कड़ी का एक हिस्सा है। वसुंधरा राजे चाहती है कि अगले विधानसभा चुनाव में पार्टी आलाकमान उन्हें एक बार फिर नेता प्रोजेक्ट कर चुनाव लड़े। ताकि चुनाव में जीतने पर वह फिर से मुख्यमंत्री बन सके। मगर भाजपा आलाकमान वसुंधरा राजे को किसी भी परिस्थिति में नेता प्रोजेक्ट कर चुनाव नहीं लड़ना चाहता है। पार्टी आलाकमान द्वारा इस बात का खुलकर इजहार भी किया जाता रहा है। भाजपा आलाकमान चाहता है कि राजस्थान में नया नेतृत्व आगे आए। वसुंधरा राजे राजस्थान की राजनीति में लंबी पारी खेल चुकी है। ऐसे में उनके स्थान पर नए नेताओं को आगे करने से आने वाले समय में पार्टी को नया नेतृत्व मिलेगा। इसी सोच के तहत भाजपा आलाकमान प्रदेश में सतीश पूनिया, गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, दीया कुमारी, जोगेश्वर गर्ग, राज्यवर्धन सिंह राठौड, रामलाल शर्मा, मदन दिलावर, अनिता भदेल, ओम बिरला, सीपी जोशी, स्वामी सुमेधानंद सरस्वती, अश्विनी वैष्णव जैसे नए व युवा चेहरों को आगे बढ़ा रहा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे गुलाबचंद कटारिया को भी इसी सोच के तहत असम का राज्यपाल बनाया गया है। ताकि उनके स्थान पर उदयपुर डिवीजन में नया नेतृत्व उभर सके। जिस तरह से गुजरात विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी , उप मुख्यमंत्री रहे नितिन पटेल सहित बहुत से वरिष्ठ नेताओं के टिकट काटकर उनके स्थान पर नए लोगों को मौका दिया गया था। उसी तर्ज पर पार्टी आलाकमान राजस्थान में भी बदलाव करना चाहता है। अगले विधानसभा चुनाव के दौरान जहां अधिक उप्र वाले विधायकों के टिकट कटना तय माना जा रहा है। उसके साथ ही बहुत से ऐसे नेताओं के टिकट भी कटेंगे जिनकी क्षेत्र में परफॉर्मेंस अच्छी नहीं मानी जा रही है। इसमें वसुंधरा राजे समर्थक बहुत से मौजूदा विधायकों के नाम भी शामिल है। इसी बात से वसुंधरा समर्थक चिंतित नजर आ रहे हैं। वसुंधरा राजे समर्थक भवानी सिंह राजावत का पिछले विधानसभा चुनाव में लाडपुरा से टिकट काटकर उनके स्थान पर कोटा की महारानी कल्पना देवी को भाजपा प्रत्याशी बनाया गया था। जो चुनाव भी जीत गयी थी। अब भवानी सिंह राजावत के पास चुनाव लड़ने के लिए कोई क्षेत्र नहीं है। ऐसे में यदि वसुंधरा समर्थक अन्य नेताओं के टिकट भी कटठते हैं तो उनके सामने चुनाव लड़ने का विकल्प ही नहीं बचेगा। वसुंधरा समर्थकों को पता है कि वह सब लोग चुनाव अपने दम पर नहीं बल्कि पार्टी के निशान पर जीतते हैं। ऐसे में यदि उनके पास पार्टी का निशान नहीं रहेगा तो चुनाव जीतने का तो सवाल ही नहीं होगा। समर्थकों का दबाव व खुद को मुख्यधारा में शामिल करवाने के लिए ही वसुंधरा राजे ने अपने जन्मदिन के बहाने रैली कर पार्टी आलाकमान को खुला संदेश दिया है कि उनकी ताकत को कम कर नहीं आंका जाए प्रदेश में आज भी उनका जनाधार बरकरार है। वसुंधरा राजे के कार्यक्रम में गंगानगर सांसद निहालचंद मेघवाल, चूरु सांसद राहुल कस्वां, जयपुर सांसद रामचरण बोहरा, झालावाड़ सांसद व उनके पुत्र दुष्यंत सिंह, टोंक सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर जौनपुरिया, करौली-धौलपुर सांसद मनोज राजोरिया सहित करीबन दो दर्जन विधायक, कई पूर्व मंत्री, पूर्व विधायक, पूर्व सांसद भी शामिल हुए । हालांकि भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव व राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह भी जयपुर के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद रात को सालासर पहुंचकर वसुंधरा राजे को उनके जन्मदिन की बधाई दी। अरुण सिंह का वसुंधरा के कार्यक्रम में पहुंचना भाजपा आलाकमान का डैमेज कंट्रोल करना ही था। भाजपा आलाकमान चाहता है कि चुनाव तक वसुंधरा राजे को ऐसे ही लटकाए रखा जाए ताकि वह पार्टी से अलग जाकर कोई कदम नहीं उठा सके। मगर वसुंधरा राजे इस बात से पूरी तरह वाकिफ है कि उन्हें जो कुछ भी करना है चुनाव से पूर्व ही करना है। चुनाव की घोषणा होने के बाद उनके पास ज्यादा विकल्प नहीं बचेंगे। अपनी सालासर रैली में वसुंधरा राजे ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई, पूर्व मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत की जमकर तारीफ की। भेरोंसिंह शेखावत को उन्होंने अपना राजनीतिक गुरु तक बताया जिनकी अंगुली पकड़ कर उन्होंने राजनीति में चलना सीखा। मगर प्रदेश के लोगों को पता है कि भैरोंसिंह शेखावत के अंतिम दिनों में वसुंधरा राजे ने उनको कैसे गुरु दक्षिणा दी थी। एक समय तो ऐसी परिस्थितियां हो गई थी कि भैरोंसिंह शेखावत ने निर्दलीय चुनाव…

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अजमेर“संवाददाता। अंतराष्ट्रीय होली महोत्सव 2023 के अंतर्गत रविवार को मेला मैदान में कैमल शो का आयोजन किया गया। राजस्थान पर्यटन विकास निगम द्वारा पुष्कर की होली को वैश्विक स्तर का दर्जा दिलाने के लिए आयोजित हो रहे अंतराष्ट्रीय होली महोत्सव में रविवार को ऊष्ट शो का आयोजन किया गया। इसमें विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। ऊष्टू परेड में 32 ऊट गाडियों ने भाग लिया। परेड में कच्ची घोड़ी और कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति हुईं। उछ्ट परेड में रोबिलो एयरपोर्ट की स्क्राड़न लीडर पूनम, शहनाई वादक, उष्द श्रृंगार श्री अशोक टांक, लोक वाद्य नगाड़ा का वादन, कैमल सफारी, दिव्यांग विद्यार्थियो तथा विदेशी सैलानियों ने अपनी उपस्थिति प्रदान की उष्ट्‌ श्रृंगार प्रतियोगिता में 40 प्रतिभागियों ने अपने ऊटो के साथ भाग लिया। इसमें सेवदड़ सीकर के विजेंद्र सिंह को प्रथम पुरस्कार के साथ में 5 हजार रूपए, चावंडिया के अशोक पंवार को द्वितीय पुरस्कार के साथ में 3 हजार रुपए तथा गनाहेड़ा के मोहन सिंह को तृतीय पुरस्कार के साथ में 2 हजार की राशि जीती। कार्यक्रम में उद्न नृत्य की संगीतमय प्रस्तुति की गईं। इसमें 7 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें मनवोचित नृत्य करतब, , हैरतंगेज कारनामे, ऊट और पालक का आपसी प्रेम , समझ , केमिस्ट्री तथा हार्मोनी , का प्रदर्शन किया। प्रतियोगी ऊटों ने गणमान्य व्यक्तियों का मालार्पण भी किया। प्रथम को 8हजार, द्वितीय को 7 हजार तथा तृतीय को 6हजार के साथ पुरस्कार दिया गया। प्रथम स्थान पर प्रभु सिंह, द्वितीय स्थान पर श्री मांगीलाल तथा तृतीय स्थान पर धर्मेन्द्र रहे। इसी प्रकार ढोलामारू प्रतियोगिता में दिनेश और मोरमा सपेरा प्रथम, प्रतीक वामन और पायल वामन द्वितीय तथा जवान नाथ एवं सेहरा सपेरा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। मेला मैदान में उद्न पोलो खेल भी खेला गया। यह खेल प्रशासन तथा पर्यटको के दलों के मध्य हुआ। प्रशासन के दल में पुलिस महानिरीक्षक रुपिंदर सिंह , जिला कलक्टर अंश दीप, पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट एवं पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. नवीन परिहार तथा पर्यटकों के दल में प्रतीक वासन, स्क्राडुन लीडर पूनम, निशांत वासन एवं पल्लव कुक्रेति थे। यह मैच टाई रहा। इस अवसर पर अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त अक्षय गोदारा, नगर निगम के आयुक्त सुशील कुमार, अतिरिक्त जिला कलक्टर भावना गर्ग, देविका तोमर, उपखंड अधिकारी निखिल कुमार, जवाहर फाउंडेशन के शिव प्रकाश बंसल, पार्षद हेमंत जोधा, सैयद फैजल, अजय कृष्ण, पाल सिंह , हरिप्रसाद जाटव सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

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अजमेर/संवाददाता | आनासागर झील के किनारे मंद मंद उठती लहरों और मंच के पार्श्व में शान से लहराते तिरंगे की आभा में भक्ति और मस्ती की बहती बयार, गुलाल सरीखी उडती फूलों की रंगीन पंखुडियां, भजनों पर थिरकते श्याम के भक्त, आसमान से बरसती शीतलता से सराबोर रहा पत्रकारों की संस्था जर्नलिस्ट एसोसिएशन आफ राजस्थान की अजमेर इकाई का फगोत्सव एवं भजन संध्या का आयोजन | आनासागर झील किनारे जेटी पर रविवार की शाम 7 बजे से होली की मस्ती सा आनंद देने वाली सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का सिलसिला शुरू हुआ। एक हाथ व एक पैर ना होने के बावजूद उत्साह से लबरेज दिव्यांग अनुष्का राठौड की नृत्य प्रस्तुति पर तालियों की गडगडाहट गूंज उठी रैना शर्मा ने गणेश वंदना और होली के आनंद से भरे गीत पर नृत्य पेश किया। गायक कलाकार तेजपाल सिंह नरवर ने सूफ्य्राना अंदाज में गीत मैं तो पिया से नैन लडा बैठी….., गोकुल नगरिया….गाकर दाद हासिल की। अशोक शर्मा एंड पार्टी के कलाकार आरती +अक — गौड, दिव्या शर्मा, श्रुति शर्मा, रानी, पायल शर्मा, सोनाली, पिंकी वर्मा, चंचल सांखला, प्रिया तिवारी, प्रिति सिंगला ने समूह नृत्य होली आई रे फागुन की मस्ती छाई रे….., युगल नृत्य झूमे बाजू बंद की लूम लट उलझी इत्र से होली खेली गई | अंत में भोजन प्रसादी के साथ समापन हुआ। इस मौके पर उप महापौर नीरज जैन, नाडी रोग विशेषज्ञ पूरण सिंह चौहान, देवेन्द्र गर्ग, संजय गोयल, राजेश गर्ग, योगेश बंसल, सुदेश शर्मा, उलझी जाए…..कालबेलिया नृत्य काल्यो कूद पड़यो बेरा में…… की प्रस्तुति दी । मोहन जिसे पिलाए उसे होश कैसे आए….. चांदनी रात में रात 8:30 बजे से झील का किनारा भजनों से गूंज उठा। श्रीसर्वेश्वर संकिर्तन मंडल के गायक अशोक तोषनीवाल ने कीर्तन की है रात बाबा…., मेरा बांके बिहारी ….., मत कर तू अभिमान रे बंदे……हे गोविंद चले आओ गोपाल चले आओ……, श्याम धणी के दरबार….., रंग मत डारो रे सांवरिया….., श्याम डारो ना रंग मेरो भीगे है अंग….., फागुनवा रंग बरसे रे बरसे रे…., राधे कृष्ण राधे कृष्ण, मोहन जिसे पिला, उसे होश कैसे आए….आदि मनोहारी भजनों की प्रस्तुत किए। भजन संध्या परवान चढ़ने के साथ ही अशोक तोषनीवाल फाग गाते हुए मंच से उतरकर दर्शकों के बीच आ गए, फाग की मस्ती में झूम उठे और जमकर फूल और पूनमचंद मारोठिया, समाजसेवी महेश चौहान, अतुल पाटनी, मोहन खंडेलवाल, राजेश अंबानी, कमल गंगवाल, हरिश गिदवानी, उमेश गर्ग, एडवोकेट बबीता यांक, पार्षद सुनीता चौहान, विनीत लोहिया, आनंद शर्मा समेत बडी संध्या में गणमान्यजन मौजूद रहे। फागोत्सव आयोजन में इनका रहा सहयोग अजमेर सिटिजन कौंसिल, नगर निगम, अजमेर डेयरी, डॉ. हेडगेवार सेवा प्रयास, मानव सेवा मंगल न्यास, सबगुरु न्यूज, स्वास्तिक मोटर्स पेट्रोल पंप, होटल गोल्डन हेरीटेज पुष्कर, सज्जन टेंट हाउस, सतगुरु इंटरनेशनल स्कूल, श्रौणिक एंटरप्राइजेज, श्रीबालाजी फ्यूल्स बाघसुरी, श्रीराम नाम धन संग्रह बैंक ने फगोत्सव आयोजन में महत्वपूर्ण सहयोग प्रदान

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केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस के बड़े नेता राहुल गांधी को एक बार फिर पप्पू कहकर संबोधित किया। इससे कांग्रेस के नेता भड़क गए हैं। कांग्रेस समाचार विभाग के प्रमुख जयराम रमेश ने इसके जवाब में कानून मंत्री किरण रिजिजू को कलंक कहा है। राहुल गांधी ने कैंब्रिज में जो भाषण दिया था, उसका वीडियो ट्वीट करते हुए उन्होंने लिखा था कि कांग्रेस के स्वघोषित राजकुमार नेसारी हदें लांघ दी हैं। यह आदमी भारत की एकता के लिए बेहद खतरनाक है। यह लोगों को भारत को बांटने के लिए उकसा रहा है।रिजिजू ने एक-दूसरे ट्वीट में लिखा था कि भारत के लोग जानते हैं कि राहुल गांधी पप्पू है। लेकिन विदेशियों को पता नहीं है कि राहुल गांधी हकीकत में पप्पू है। राहुल के फूलिश स्टेटमेंट पर प्रतिक्रिया देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, भारत की छवि को बिगाड़ने के लिए वह इस तरीके के बयान दे रहे हैं। इन दोनों ट्वीट के जवाब में कांग्रेस नेता भड़क कर पलटवार कर रहे हैं। जयराम रमेश की टिप्पणी तो ऊपर लिखी जा चुकी है। जिसमें उन्होंने रिजिजू को कलंक बताया। वहीं सोशल मीडिया विभाग के प्रभारी सुप्रिया श्रीनेत ने कानून मंत्री पर पलटवार करते हुए कहा, रिजिजू का अस्तित्व सिर्फ राहुल गांधी पर झूठे आरोप लगाने के कारण ही टिका हुआ है. इसलिए वह इस तरह के आरोप लगाते हैं। भारत की राजनीति में जिस तरह से आरोप-प्रत्यारोप के दौर चल रहा है। उसमें शब्दों की मर्यादा भी कहीं से कहीं तक देखने को नहीं मिलती है। जितने नीचे जाकर गुंडागर्दी की भाषा में एक दूसरे के लिए शब्दों का उपयोग कर सकता है, वह कर रहा है।जिस तरीके की स्थितियां देखने को मिल रही हैं। उसके बाद ऐसा लगने लगा है कि जो सत्ताधारी दल है, वह अपने आप को सर्वोच्च बताने के लिए सुप्रीम कोर्ट को भी अपने अधीन बनाना चाहता है। हाल ही में उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने एक बयान दिया उसमें उन्होंने सरकार और सरकार के निर्णयों एवं संसद को सर्वोच्च बताया। संविधान केवल मार्गदर्शी है।इसका मतलब यही हुआ कि आपातकाल जब इंदिरा गांधी ने लगाया था, संसद ने उसकी मंजूरी दी थी। उस समय इंदिरा गांधी की सरकार का निर्णय सही थी। इंदिरा गांधी को हाईकोर्ट में गवाही के लिए नहीं जाना चाहिए था। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने जब इंदिरा गांधी का चुनाव अवैधघोषित किया था, वह भी गलत था। भाजपा नेता सत्ता के मद में कुछ भी बोल रहे| हैं। धीरे-धीरे करके संविधान की सारी मर्यादा खत्म हो रही हैं। कहीं पर भी नैतिकता नहीं रह गई है। अब ऐसा लगने लगा है कि अब हम गुंडों के राज में रह रहे हैं। राजनेताओं की भाषा गुंडों वाली ही है। गैंगवार की तरह राजनीतिक दल एक दूसरे के ऊपर हमलावर हैं। वह अपने तीखे हमले से सामने वाले को हर तरह से प्रताड़ित करने ओर उसे भयभीत करने का प्रयास कर रहे हैं। पिछले कुछ वर्षो से कांग्रेस इस मामले में कुछ मर्यादा का पालन करती हुई दिखती थी। जिसके कारण भाजपा के नेता लगातार आक्रमक होते रहे। लेकिन लगता है कि अब काग्रेस ने भी समझ लिया है, कि गुंडागर्दी की लड़ाई गुंडागर्दी से ही लड़ी जाएगी। इसके लिए वह भी कोई ऐसा मौका नहीं छोड़ रही है, जिसमें उसे ऐसा लगे कि उसने क्रिया की प्रतिक्रिया नहीं दी है। कांग्रेस भी अब भाजपा और संघ केपुराने मुद्दों पर उनको घेर रही है। आम जनता भी कहने लगी है, कि गुंडे का अस्तित्व उसकी आक्रामकता के कारण होता है। कुछ इसी तरीके की स्थिति अब काग्रेस ने भी बिना हानि लाभ के भाजपा को उसी तरह से जवाब देना सीख लिया है।जिस तरह से भाजपा के नेता वार करते हैं। कहा जाता है सत्ता, स्त्री और धन उन्हीं हाथों में सुरक्षित रहता है, जहां आक्रमकता बनी रहती है। भीरु और डरपोक लोगों के हाथ में ना तो सत्ता सुरक्षित रहती है।नाही स्त्री और ना ही धन । ऐसी स्थिति में कांग्रेस का यह आक्रमक स्वरूप जनता को विश्वास दिला पाने में कामयाब हो रहा है। कांग्रेस आम जनता की लड़ाई लड़ने में सक्षम है। कांग्रेस उनकी लड़ाई अच्छी तरीके से लड़कर जीत भी सकती है। इसी कारण कांग्रेस और भाजपा का मुकाबला बराबरी पर आ गया है। भाजपा एक सुनाती है, कांग्रेस के नेता उसे दो सुना देते हैं। धीरे-धीरे यह आक्रामकता सभी विपक्षी दलों में भी देखने को मिलने लगी है। सीबीआई , ईडी एवं राज्यपालों के मामले में भी विपक्ष की सरकारें आक्रमक होकर सामने रही आ हैं। केन्द्रीय सत्ता पक्ष के लिए यह बहुत अच्छे शुभ संकेत नहीं है। सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है कि वर्तमान सरकार अपनी कार्यप्रणाली को सही साबित करने के लिए पूर्ववर्ती सरकार के कार्यों का समर्थन करती हुई नजर आ रही है। न्यायपालिका के संदर्भ में जो कहा जा रहा है, उसके बाद आपातकाल को सही मान लिया जाएगा। आपातकाल का निर्णय भी सरकार ओर संसद ने बहुमत से लिया था। पूर्ववर्ती सरकार सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के निर्णय को मानती थी। वर्तमान केन्द्र सरकार हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को जनादेश के बल पर अपने अधीन मान रही है। जिसके कारण अराजकता की स्थिति बन रही है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश की स्वतंत्र अधिकारता, वर्तमान सरकार स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं है।

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कला संस्थान के तत्वावधान में मोती विहार, रामनगर स्थित लाखन मिनी थिएटर. नाटक से जुड़े विभिन्न आयाम सिखाए जाएंगे। कार्यक्रम के संयोजक नरेन्द्र | एट्टन कीदवाई क इतजाम बड़ी होती गुनिया कीमें रविवार 4] जून से 20 दिवसीय बाल नाट्य प्रशिक्षण शिविर आरंभ होगा । यह शिविर ॒ भारद्वाज होंगे। इस अवसर पर जयपुर के वरिष्ठ रंगकर्मी निर्देशक राजेंद्र शर्मा विवाह की दिता और जाददा मेहनत काने कीरोजाना सायं 6से साढ़े 7 बजे तक चलेगा । इसमें 6से 8वर्ष तक के बालक-बालिकाएं.. राजू और एस. पी. वर्मा को सम्मानित किया जाएगा। शिविर में भाग लेने के | बात/म्राथ में गनिया की माँ का भी मजदुग में हाथभाग ले सकेंगे। शिविर के शुभारंभ पर नाट्य कृति नाटक नहीं का मंचन किया जाएगा। लिए मोबाइल नंबर 943993247 पर निःशुल्क रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। | बटाना। दही तो दह मजदूर।दिवम्न एक दिन केइसका मंचन लाखन सिंह व सहनिर्देशन विकल्प सिंह के निर्देशन में होगा | संस्था के शिविर में प्रशिक्षण प्राप्त कर बच्चे अभिनय के क्षेत्रा में अपनी प्रतिभा को आगे | 7जा ह्विन मजदूर द्वेने का ताना मजदूप दिवम्तअध्यक्ष डॉ. हरबंस सिंह दुआ ने बताया कि प्रशिक्षणार्थियों के लिए शिविर निःशुल्क बढ़ा सकते हैं।

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अजमेर/संवाददाता। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राजभवन में कृषि विश्वविद्यालय सराहना भी की। कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर के कुलपति प्रो. बी.आर. चौधरी ने कहा मराशब को भ्रला बुरा कहना जोधपुर की ओर से अनुसूचित जनजाति उप परियोजना के अंतर्गत माउंट आबू क्षेत्र के कि विश्वविद्यालय द्वारा लाभार्थियों का चयन कर कृषि एवं पशुपालन से संबंधित की फरियाद। आदिवासी किसानों को मिनी दाल मिलए उन्नत कुक्कुट नस्ल एवं स्टील बीज भंडारण तकनीकियों का प्रशिक्षण निरंतर प्रदान किया जाता है। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्रों बा आओ टंकियों का वितरण किया। के माध्यम से आदिवासी क्षेत्रों में स्वावलंबन एवं सशक्तीकरण से जुड़ी गतिविधियां अगले साल की परीक्षा राज्यपाल मिश्र ने इस अवसर पर कहा कि जलए जंगल और जमीन को बचाने के संचालित की जा रही हैं। डेयरी एवं खाद्य प्रौद्योगिकी महाविद्यालय जोधपुर के की वयारी और बढ़ते प्रतिस्पर्धा मे साथ-साथ देश की संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण में आदिवासियों का महत्वपूर्ण विशेषाधिकारी डॉ. बनवारी लाल ने जनजातीय क्षेत्र के लोगों के लिए विश्वविद्यालय की 22४4 योगदान है। उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्र के लोगों को स्वावलंबी एवं आर्थिक रूप से पहल पर किए जा रहे कार्यों की जानकारी दी। पड़ोस के बच्चे का मरी से सशक्त बनाकर मुख्यधारा में लाने के लिए सतत प्रयास जरूरी हैं। राज्यपाल ने आबू रोड, इस अवसर पर राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी बखान पिंडवाड़ा एवं पाली में चयनित किसानों के सशक्तीकरण के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान गोविंदराम जायसवाल सहित विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारी और जनजाति क्षेत्र देखो देखो देखो परिषद की परियोजना के अंतर्गत कृषि विश्वविद्यालय जोधपुर द्वारा किए जा रहे कार्यों की के लोग उपस्थित रहे।

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अजमेर“/संवाददाता। जवाहर नाना नानी का घर लाल नेहरू चिकित्सालय के पेन एंड परीक्षा परिणाम आते ही पैलिएटिव केयर विभाग द्वारा अग्नाशय करन ् एवं लिवर के कैंसर से पीड़ित मरीज के गांव के बच्चे गंभीर दर्द का अत्याधुनिक सी आर्म लि है छा मिविया गाइडेड सिलियक प्लेक्सस कीमोन्यूरोलिसिस पद्धति द्वारा सफ्ल जिसके 2 यार आवण का इलाज किया गया। पैलिएटिव मेडिसिन भाग कर बंधे से गेहूं ले जाकर देना के सह आचार्य डॉ. दीपक गर्ग ने बताया इस अनजान में क्या कीमत कि मरीज . राम (परिवर्तित नि नाम) बता कलम बाते क जड़ अग्नाशय एवं लिवर के स्टेज 4 कैंसर की पहले प्रना और लाल सुर्ख वजह से गंभीर दर्द से पीड़ित था। दर्द । जीफसे दोस्तो को पिद्यना लगातार बढ़ता जा रहा था। यहां तक कि चैलिएटिव मेडिसिन विभाग में दिखाने पर प्रक्रिया एवं पोस्ट ऑपरेटिव पीरियड में गुप्ता के अथक प्रयासों से यह सफल हो सका ह्य मल गए या गूता दिया वह आत्महत्या का विचार भी बना चुका उसे नर्व ब्लॉक की सलाह दी गई। सहमति कोई जटिलता भी नहीं हुईं। इलाज के है। विभाग में नियमित रूप से कैंसर एवं लालटेन का टिम्र टिमटाना था। अन्य कई जगह सलाह लेने के पश्चात क्रे पश्चात विभागाध्यक्ष डॉ. वीणा माथुर के उपरांत मरीज के दर्द में 95 प्रतिशत आराम अन्य लाइलाज बीमारी तथा सभी प्रकार के छततपर सोते टूटते बारे का भी मरीज को दर्द में कोई आराम नहीं निर्देशन में अत्याधुनिक तकनीक द्वारा नर्व॒हुआ है। दर्द जैसे कैंसर, कमर, कंधा, घुटने, गठिया, कोई मनोरथ 2०४ न फन मिला। इस दौरान लाखों रुपये भी खर्च हो ब्लॉक सी आर्म गाइडेड ट्रांसरओटिक वरिष्ठ आचार्य डॉ. अरविंद खरे के सियाटिका इत्यादि से पीड़ित मरीजों की होना जद! कीमो कीमोन्यूरोलिसिस लगाया गया। अनुसार जवाहरलाल नेहरू मेडिकल एविडेंस बेस्ड मेडिसन के आधार पर इच्छा पूरी होने का स्वांग मरीज को जवाहरलाल नेहरु इसमें खून की मुख्य धमनी से होकर दर्द कॉलेज राजस्थान का दूसरा ऐसा मेडिकल नियमित देखभाल की जा रही है। विभाग में चिकित्सालय के रेडिएशन ऑन्कोलजी के की मुख्य जगह पर जाकर दवाई से नस को कॉलेज है जिसमें पैलिएटिव मेडिसिन अत्याधुनिक सेवाएं जैसे प्लेटलेट रिच जा डॉ. धीरज डांगा ने पैलिएटिव मेडिसिन ब्लॉक किया जाता है। इस कारण विभाग की सुविधा उपलब्ध है। प्रधानाचार्य प्लाज्मा, अल्ट्रसाउण्ड, एक्सरे सी आर्म, नर्व करना या विभाग में दिखाने कौ सलाह दी। कॉम्प्लीकेशन का भी खतरा रहता हैं। पूरी डॉ. वी. बी. सिंह एवं अधीक्षक डॉ. नीरज ब्लॉक आदि उपलब्ध हैं।

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अजमेर/संवाददाता। सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा मंत्रालयिक संवर्ग के 0 कर्मचारियों को सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है। मंत्रालयिक संवर्ग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर वर्ष 2022-23 की रिक्ति के विरूद्ध नियमित पदोन्नति की जाकर ॥0 कर्मचारियों को सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति प्रदान की गई है। विभागीय पदोन्नति समिति द्वारा वरिष्ठ सहायक विक्रम सिंह, युवराज सिंह राठौड़, मोहिता बोहरा, सुनील दत्त पचौरी एवं स्वाति उपाध्याय को सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया है। इसी प्रकार प्रीतम सिंह, महेन्द्र कुमार, कुलदीप शर्मा, चतरलाल खराड़ी (सेवानिवृत) एवं दुर्गा मीणा को सहायक प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नत किया गया है

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