कांग्रेस पार्टी का 85 वां अधिवेशन अभी पूरा नहीं हुआ है लेकिन अभी तक रायपुर में जो कुछ हुआ है, उसके बारे में क्या कहें? ढाक के वही तीन पात! इंदिरा गांधी के जमाने से देश की इस महान पार्टी के आकाश से आतंरिक लोकतंत्र का जो सूर्य अस्त हुआ था, वह अब भी अस्त ही है। इसमें कांग्रेस के वर्तमान नेतृत्व का दोष उतना नहीं है, जितना उसके अनुयायिओं का है। राहुल गांधी का तो मानना है कि कांग्रेस की कार्यसमिति चुनाव के द्वारा नियुक्त होनी चाहिए लेकिन रायपुर अधिवेशन में पार्टी की संचालन समिति ने सर्वसम्मति से तय किया है कि यह नियुक्ति कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ही करेंगे।जिन दो-तीन नेताओं ने शुरू में थोड़ी हिम्मत की और बोला कि कार्यसमिति के लिए चुनाव करवाए जाएं, उन्होंने भी झुण्ड के आगे मुण्ड झुका दिया। खड़गे ने भी कह दिया कि वह सोनिया, राहुल और प्रियंका से सलाह करके कार्यसमिति की घोषणा करेंगे। कांग्रेस के असली मालिक तो ये मां-बेटा और बेटी ही हैं। बाकी सब लोग तो कांग्रेस के अंग्रेजी संक्षिप्त नाम ( एनसी ) को चरितार्थ करते हैं। एनसी का अर्थ हुआ ”नौकरचाकर कांग्रेस ”। ये तीनों उस समय बैठक में जानबूझकर उपस्थित नहीं रहे, जब संचालन समिति कार्यसमिति के मुद्दे पर विचार कर रही थी । उन्हें पता था कि वहां उपस्थित सभी तथाकथित नेताओं की हिम्मत ही नहीं है कि वे अपने दम पर कोई फैसला कर सकेंगे लेकिन इस तथ्य के बावजूद यह सत्य काबिले-तारीफ है कि तीन बुजुर्ग नेताओं ने कार्यसमिति के चुनाव का आग्रह किया। इस मुद्दे पर ढाई घंटे बहस चली | यह बहस कुछ आशा बंधाती है। इससे जाहिर होता है कि सोनिया-परिवार थोड़ी छूट दे दे तो कांग्रेस का आतंरिक लोकतंत्र फिर से जिंदा हो सकता है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का तक काफी जानलेवा था। उन्होंने कहा कि जब कांग्रेस की प्रांतीय और राष्ट्रीय समिति का ही चुनाव नहीं होता है तो कार्यसमिति का चुनाव कैसे करवाया जा सकता है। कुछ हद तक यह ठीक भी है, क्योंकि कांग्रेस अभी अगले साल के आम चुनाव की तैयारी करे या आतंरिक दंगल में उलझ जाए? इस अधिवेशन का यह फैसला भी उसी दिशा में है कि अबकी बार 50 प्रतिशत सीटें अनुसूचितों , औरतों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और 50 साल से कम उप्र के लोगों के लिए रखी जाएंगी। जैसे राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी की नकल कर अपनी दाढ़ी बढ़ा ली है, उसी तरह राजनीतिक दांव-पेंचों में भी कांग्रेस मोदी का अनुकरण करती रहती है। मोदी ने पिछली बार पिछड़ों का राष्ट्रपति बनाया और इस बार एक आदिवासी महिला को यह पद दे दिया तो अब कांग्रेस भी भाजपा के मुकाबले वोट-बैंक की रणनीति अपना रही है।
अमेरिको राष्ट्रपति को यूक्रेन यात्रा के बाद जो हालात पैदा हुए हैं, उसने अब नई बहुस्तरीय चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। जरूरत इसकी थी कि यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध के एक साल पूरे होने पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चिंता बढ़ती और उसे खत्म करने के लिए नए सिरे से कोशिशें शुरू की जातीं। अगर किसी पक्ष के एक कदम पीछे हटने से युद्ध का अंत करने में मदद मिलने की संभावना होती तो उस विकल्प पर भी विचार किया जाता। लेकिन इसके उलट हुआ यह कि अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन की अघोषित यात्रा की और वहां के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के साथ एक तरह से एकजुटता जाहिर की । बाइडेन के इस कदम को यूक्रेन के साथ प्रयास है। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलने की योजना बना रहे हैं । रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका समेत कई पश्चिमी देश भले ही पुतिन की सेना को ललकारते दिख रहे हैं, लेकिन चीन ने जो कदम उठाया है उसने इन सभी देशों की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका ने कहा है कि चीन रूस को हथियारों की मदद पहुंचाने वाला है, जिससे पुतिन की सेना यूक्रेन पर और ज्यादा आक्रामक हो जाएगी। इससे पहले जेलेंस्की के कार्यालय ने कहा था कि यह युद्ध और भी विनाशकारी हो सकता है और यूक्रेनी सेना इससे निपटेगी। उधर, रूस ने डोनबास के पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र के सभी हिस्सों पर कब्जा करने के लिए अपना अभियान अब अमेरिका के प्रत्यक्ष रूप से खड़ा होने के तौर पर देखा जा रहा है और संकट में पड़े अपने सहयोगी के प्रति यह किसी भी देश के लिए स्वाभाविक और तेज करते हुए लगातार गोलाबारी कर रहा है। विशेषज्ञों ने भी चेताया कि यह युद्ध अभी वर्षों तक खिंच सकता है। लेकिन विडंबना यह है कि बाइडेन का यही कदम रूस और यूक्रेन में चल रहे युद्ध के बीच एक नई जटिल स्थिति बनने के हालात पैदा कर रहा है। दरअसल, बाइडेन की इस यात्रा पर रूस की प्रतिक्रिया का अंदाजा सभी को था, लेकिन यह जिस तेवर में आई है, उससे अब वैश्विक स्तर पर कई तरह की आशंकाएं मंडराने लगी हैं। अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बाइडेन के अघोषित और अचानक यात्रा के जरिए यूक्रेन के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने न केवल नाराजगी जाहिर की, बल्कि रूस और अमेरिका के बीच परमाणु संधि को भी निलंबित करने की खबर है। अब अगर मौजूदा स्थिति को संभालने की कोशिश तत्काल शुरू नहीं हुई तो यह समझना बातचीत से इसका समाधान चाहते हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने यह टिप्पणी भी की कि अमेरिका सहित पश्चिमी देशों ने काम बिगाड़ दिया; अमेरिका ने यूक्रेन में जद्दोजहद चल रहे हैं, उसमें इस युद्ध को खत्म करना भी बेहद जरूरी है। यह छिपा नहीं है कि रूस-यूक्रेन युद्ध का असर किस तरह खाद्यान्न से भी वही खेल खेला है जो उसने इराक और सीरिया जैसे देशों में किया था। यों विश्व भर में जो भी देश इस युद्ध को खत्म करने की सदिच्छा रखते हैं, उन सबका यह मानना है कि समस्या का हल सिर्फ बातचीत के जरिए किया जा सकता है और रूस-यूक्रेन को इसी ओर कदम बढ़ाने की जरूरत है, लेकिन पुतिन ने भी यह दर्ज किया कि अपनी ताकत में इजाफे के मकसद से युद्ध को हवा देने की पश्चिमी देशों की कोशिशों के बरक्स यूक्रेन अगर बातचीत की मेज पर आ जाता तो इतना नुकसान नहीं होना था। जाहिर है, अमेरिकी राष्ट्रपति की मुश्किल नहीं है कि इसके कैसे नतीजे सामने आ सकते हैं। ताजा संदर्भों में अपने देश को संबोधित करते हुए पुतिन ने यह जरूर कहा कि हम युद्ध को आखिरी विकल्प मानते हैं और यूक्रेन यात्रा के बाद जो हालात पैदा हुए हैं, उसने अब नई बहुस्तरीय चुनौतियां खड़ी कर दी हैं। जबकि महामारी के बाद आर्थिक संकट से उबरने के लिए दुनिया भर में जिस तरह के लेकर तेल या अन्य जरूरी वस्तुओं के आयात-निर्यात पर पड़ा है। अब अगर दुनिया में मंदी की आशंका गहराती है तो उसमें युद्ध से उपजे हालात पहले से एक बड़ी भूमिका निभाएंगे। ऐसे में अमेरिका हो या रूस या कोई भी अन्य प्रभावशाली देश, सबको मिल कर युद्ध को खत्म करने की दिशा में ही समाधान खोजना चाहिए था। लेकिन कई बार ऐसा लगता है कि वैश्विक ताकतों का मकसद जंग से उपजी जटिलता का हल निकालने के बजाय अपने अहं की तुष्टि या फिर कुछ परोक्ष मकसद हासिल करना है। वरना वे युद्ध की तीव्रता को कमजोर करके उसे खत्म करने की कोशिश करते, न कि नए सिरे उस आग और भडकाते |
अजमेर“संवाददाता। राज्यपाल कलराज मिश्र ने राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव में आयोजित क्राफ्ट मेले और केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के अधीन कार्यरत सातों उद्घाटन किया। उन्होंने लोक वाद्यों की सुमधुर ध्वनियों और लोक गीतों की रासए रंग और रस की त्रिवेणी का लुत्फठठाया। डॉ. करणी सिंह स्टेडियम में शनिवार को शुरू हुए १4वें राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव के पहले दिन राज्यपाल ने ईरिक्शा में बैठकर सातों केंद्रों के आंगन का उद्घाटर और इनका अवलोकन किया। राज्यपाल ने दक्षिणी सांस्कृतिक क्षेत्र (तंजाबुर, तमिलनाड़), दक्षिण मध्य सांस्कृतिक क्षेत्र (नागपुर, महाराष्ट्र ) , उत्तरी सांस्कृतिक क्षेत्र (पटियाला, पंजाब), उत्तर मध्य सांस्कृतिक क्षेत्र (इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश), पूर्वी सांस्कृतिक क्षेत्र (कोलकाता, पश्चिम बंगाल), पूर्वोत्तर सांस्कृतिक क्षेत्र (दिमापुर, नागालैंड) एवं पश्चिमी सांस्कृतिक क्षेत्र (उदयपुर, राजस्थान) के आंगन का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने इन आंगनों में देश के विभिन्न राज्यों के लोक कलाकारों के लोक नृत्यों और लोक गीतों का अवलोकन किया और इनकी सराहना की । राज्यपाल ने दीप प्रज्बलित कर सांस्कृतिक केंद्रों के भव्य आंगन का 5 -. राष्ीय साकृति महोद्मव-राज्यपाल ने किया क्राफर मेले ओर सास्कृतिक केद्रो के आगन का उल्दाटन क्राफ्ट मेले का उद्घाटन किया। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यपाल की अगवानी की और राज्यपाल के साथ रहे। राज्यपाल ने यहां जयपुर की ब्लू पोट्री, बगरू प्रिंट, उदयपुर के लकड़ी के खिलौने, मेटल वियर, बीकानेर की उस्ता कला और मथेरन कला से जुड़ी स्टॉल का अवलोकन किया। बीकानेर की सुनहरी कमल वाली उस्ता कला से बने चरखे की सराहना की । राज्यपाल ने बीकानेर के मशहूर लोक कलाकार शिवजी सुथार के भजन, सुभाश्रीष सब्यसाची की बंबू से बने वाद्य यत्रों की संगीतमय प्रस्तुति, प्रेरणा पंचारिया के देशभक्ति गीतों तथा नोखा के अनिल नागौरी के गीतों का लुत्फठठाया। इंडियन आइडल फेम सवाई भाट ने गीतों की बेहतरीन प्रस्तुतियां दी । कार्यक्रम का संचालन ज्योति प्रकाश रंगा ने किया। शोभा यात्रा में झलकी विभिन्न राज्यों की बहुरंगी संस्कृति इससे पहले शोभायात्रा के साथ महोत्सव की शुरुआत हुई। केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने जूनागढ़ से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। यह शोभायात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए डॉ. करणी सिंह स्टेडियम पहुंची | शोभायात्रा में विभिन्न प्रदेशों के लोक कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। इस दौरान संस्कृति मंत्रालय के संयुक्त सचिव अमिता प्रसाद सरभाई , बीएसएफके डीआईजी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़, पश्चिमी क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र, उदयपुर की निदेशक किरण सोनी गुप्ता, उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र पटियाला के निदेशक फुरकान खान आदि मौजूद रहे।
अजमेर। अजयमेरु प्रेस क्लब के वार्षिक चुनाव में डॉ. रमेश अग्रवाल सातवीं बार अध्यक्ष निर्वाचित हुए हैं | निर्वाचन अधिकारी राजेन्द्र गुप्ता ने बताया कि डॉ. रमेश अग्रवाल को 48 और उनके प्रतिद्वंद्वी नवाब हिदायत उल्ला को 32 वोट मिले । महासचिव पद पर आनन्द शर्मा ने पूर्व अध्यक्ष प्रताप सनकत को व सचिव पद पर जार जिलाध्यक्ष अकलेश जैन ने अपने प्रतिद्वंद्वी वचन सिंह रावत को पराजित किया । इससे पहले उपाध्यक्ष पद पर राजेन्द्र गुंजल, कोषाध्यक्ष पद पर सत्यनारायण जाला और कार्यकारिणी सदस्य के लिए जी .एस.वर्दी , अमित टण्डन, रजनीश रोहिल्ला, अब्दुल सलाम कुरेशी, विजय कुमार हंसराजानी निर्विरोध निर्वाचित घोषित किये गए। आज दिन भर अजयमेरु प्रेस क्लब के बाहर चुनावी माहौल गरमाया रहा । इस चुनाव में सम्पूर्ण अजमेर जिले के पत्रकारों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया । इनमें ब्यावर, किशनगढ़, नसीराबाद, भिनाय, श्रीनगर, जवाजा, कादेड़ा आदि स्थानों के पत्रकार मताधिकार का प्रयोग करने के लिए क्लब में आये | अजयमेरु प्रेस क्लब के अध्यक्ष डॉ. अग्रवाल ने शांतिपूर्ण मतदान के लिए सभी सदस्यों के प्रति आभार प्रकट किया । उपाध्यक्ष राजेन्द्र गुंजल ने निर्वाचन अधिकारी राजेन्द्र गुप्ता और सहायक निर्वाचन अधिकारी अनिल रांका व लक्ष्मण सिंह राठौड़ के प्रति आभार प्रकट किया । जार सदस्यों ने निर्वाचित साथियों का माल्यार्पण करके स्वागत किया।
अजमेर/संवाददाता। राज्य सरकार के चार वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में जिला प्रशासन तथा सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय की ओर से जोधपुर सूचना केन्द्र में शनिवार को आयोजित बहुआयामी कार्यक्रम में प्रदेश सरकार की उपलब्धियों की गूंज रही। इस अवसर पर जिले के प्रभारी मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने तीन दिवसीय विकास प्रदर्शनी का दीप प्रज्बलित कर शुभारंभ किया। प्रभारी मंत्री ने उच्च शिक्षा विभाग की ओर से 7 मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरण की । प्रभारी मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने प्रदर्शनी का अवलोकन करते हुए जिला जोधपुर के समग्र विकास और उपलब्धियों को अतुलनीय बताया और कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आमजन से लेकर सामुदायिक एवं आंचलिक विकास से जुड़ी योजनाओं और कार्यक्रमों की बदौलत राजस्थान को नई पहचान दी है। हर क्षेत्र और हर वर्ग के विकास के साथ ही सामाजिक सरोकारों के निर्वहन में आज राजस्थान देश में अव्वल है। प्रभारी मंत्री पुस्तिका का विमोचन किया । उन्होंने पुस्तिका की ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के कुशलतम नेतृत्व में सरकार की चार वर्ष में प्राप्त उपलब्धियों को ऐतिहासिक बताते हुए कहा कि राजस्थान मॉडल स्टेट के रूप में स्वर्णिम पहचान कायम करता जा रहा है। प्रभारी मंत्री ने सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा लगाई गई प्रदर्शनी की सराहना की और कहा कि इसके माध्यम से आमजन को सरकार की उपलब्धियों के बारे में जानकारी मिलेगी। जिला सूचना एवं जनसम्पर्क अधिकारी श्रीमती आकांक्षा पालावत ने प्रभारी मंत्री तथा अन्य अतिथियों को प्रदर्शनी में प्रदर्शित फ्लेक्स बोर्ड्स व उपलब्धियों की चित्रमय प्रस्तुति से अवगत कराया। जिला दर्शन पुस्तिका का विमोचन-प्रभारी मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने सूचना एवं जनसम्पर्क कार्यालय द्वारा जोधपुर जिले में सराहना करते हुए कहा कि इसके माध्यम से जिले में हुए व्यापक एवं तीत्रतर विकास की जानकारी का प्रसार होगा और मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में प्राप्त उपलब्धियों से रूबरू हुआ जा सकेगा। सूचना एवं जनसम्पर्क विभागीय अधिकारियों ने अतिथियों का पुष्पहार पहनाकर साफों एवं शॉलों से स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन व्याख्याता श्री रामनिवास विश्नोई ने किया। स्कूटी वितरण-प्रभारी मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग ने उच्च शिक्षा विभाग की देवनारायण स्कूटी वितरण योजना तथा काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना के अन्तर्गत 7 मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरण किया। प्रभारी मंत्री ने स्कूटी प्राप्त करने वाली छात्राओं से बातचीत करते हुए जीवन लक्ष्यों के बारे में जानकारी ली और वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सरकार द्वारा किए गए समग्र विकास एवं प्राप्त महत्त्वपूर्ण उपलब्धियों पर प्रकाशित ‘जिला_ दर्शन’ सरकार की योजनाओं का लाभ प्राप्त करते हुए भविष्य को संवारने के लिए हमेशा जागरुक रहने का आह्वान किया।
अजमेर/संवाददाता। राज्य के जनजाति क्षेत्रीय विकास राज्य मंत्री एवं जालोर जिले के प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामनिया ने कहा कि सरकार ने जन घोषणा पत्र को नीतिगत दस्तावेज मानते हुए. जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से आमजन को लाभान्वित करते हुए विकास के नये आयाम स्थापित किए हैं। जालोर क्लब में राज्य सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित जिला स्तरीय समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जन घोषणा पत्र को सरकारी दस्तावेज मानकर लगभग 78प्रतिशत कार्यों को जनकल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से पूर्ण कर लिया है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा अग्रेजी माध्यम विद्यालय खोले जाने का क्रांति लाने वाला कदम बताते हुए कहा कि इससे गरीब व्यक्तियों का अपने बच्चों को अंगेजी शिक्षा दिलवाने का सपना पूर्ण हुआ है। उन्होंने मेधावी छात्राओं को स्कूटी वितरण करने की योजना की सराहना करते हुए कहा कि इससे नारी सशक्तीकरण को बल मिलेगा। प्रभारी मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा उच्च शिक्षा व तकनीकी शिक्षा आदि के क्षेत्र में गरीब व जरूरतमंद युवा वर्ग करवाने के लिए उच्च शिक्षा का सम्पूर्ण खर्च राज्य सरकार द्वारा वहन किया जा रहा हैं जिससे गरीब व योग्य व्यक्ति नई ऊँचाई हासिकल कर सकें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री कृषक ऊर्जा मित्र योजना से कृषकों को अनुदान दिया जा रहा हैं जिससे किसानों के बिल शून्य राशि के आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा 50 यूनिट तक निःशुल्क बिजली देने के साथ ही प्रत्येक वर्ग को बिजली की दोरं में निर्धारित कटौती कर लाभान्वित किया जा रहा हैं। उन्होंने सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं की सराहना करते हुए कहा कि इससे वृद्धजन, विशेष योग्यजन, एकल नारी, पालनहार इत्यादि वर्ग को लाभान्वित किया जा रहा हैं। उन्होंने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा चलाई गई जनकल्याणकारी योजनाओं से हर स्तर के व्यक्तियों को लाभ मिला हैं। उन्होंने कहा कि आगामी बजट को युवा, कृषक व महिला वर्ग को समर्पित बताते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा। अप्रेल से पात्र वर्गों को घरेलू रसोई सिलेण्डर 500 रूपये में उपलब्ध करवाया जायेगा। उन्होंने कहा कि राजीव गांधी ग्रामीण ओलम्पिक खेल के दौरान छोटे से लेकर बड़ी आयु के व्यक्तियों ने भाग लिया जिससे आपसी भाईचारा व सौहार्द बढ़ने के साथ ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे आने का मौका मिली। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के उद्देश्य से 2 प्रतिशत आरक्षण का लाभ दिया जा रहा हैं। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा कर्मचारी हित में लागू की गई ओपीएस की सराहना करते हुए इसे वृद्धावस्थ में कर्मचारियों के आर्थिक संबल का आधार बताया। कार्यक्रम के दौरान जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने राज्य सरकार के 4 वर्ष पूर्ण होने बधाई देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आमजन के हित में सदैव तत्पर है तथा विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने गत 4 वर्षो के दौरान कोरोनाकाल की विषम परिस्थितियों के बावजूद भी जालोर जिले में साथ.साथ पूरे राज्य में विकास के नये आयाम स्थापित किये है। उन्होंने कहा कि जालोर जिले में सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में करवाये गये जनकल्याणकारी कार्य सराहनीय है। उन्होंने कहा कि जालोर जिले में विकास के ऐतिहासिक कार्य हुए हैं जिससे प्रत्येक वर्ग को लाभ मिला है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रचारप्रसार कर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने की बात कही। जिले के प्रभारी सचिव आशुतोष एण्टीण्पेडणेकर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओ से आमजन को लाभान्वित किया जा रहा हैं जिसके लिए सभी विभाग आपसी सामंजस्य के साथ कार्य कर रहे हैं। जिला कलक्टर निशांत जैन ने अतिथियों का स्वागत व अभिनन्द करते हुए जिला प्रशासन व जिला सूचना एवं जन सम्पर्क कार्यालय द्वारा आयोजित कार्यक्रमों के तहत मॉडल स्टेट राजस्थान जिला स्तरीय कार्यक्रम, विकास प्रदर्शनी, साहित्य वितरण, जिला दर्शन पुस्तिका विमोचन तथा काली बाई मेधात्री छात्रा स्कूटी वितरण योजना व देवनारायाण स्कूटी वितरण योजना के तहत ॥07 छात्राओं को स्कूटी वितरण के बारे में जानकारी दी। समारोह में पूर्व उप मुख्य सचेतक रतन देवासी, पूर्व जिला प्रमुख मंजू मेघवाल, पूर्व विधायक डॉ. समरजीत सिंह, रामलाल मेघवाल व हीराराम विश्नोई एवं सवाराम पटेल ने संबोधित करते हुए सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन के लिए लाभकारी बताया। जिला स्तरीय समारोह के दौरान काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना व देवनारायण स्कूटी वितरण योजना के तहत सांकेतिक रूप से १4 छात्राओं को स्कूटी के दस्तावेज व चाबी सुपुर्द की तथा शेष छात्राओं को क्लब परिसर में स्कूटी का वितरण किया गया। कार्यक्रम के अंत में अतिरिक्त जिला कलक्टर राजेन्द्र प्रसाद अग्रवाल ने अतिथियों व उपस्थित लोगों का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन अम्बिका प्रसाद तिवारी ने किया। प्रभारी मंत्री व जन अभियोग निराकरण म्रमिति ने प्रद्गनी का किया गुभारभ सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जालोर क्लब परिसर में आयोजित जिला स्तरीय विकास प्रदर्शी का जिले के प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामणिया व जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने शुभारंभ कर अवलोकन किया। प्रदर्शनी में 45 फ्लेक्स बैनर के माध्यम से राज्य एवं जिले में किए गए विकास कार्यो व उपलब्धियों का प्रदर्शन किया गया है साथ ही प्रदर्शनी में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के द्वारा प्रकाशित विभिन्न साहित्य का भी वितरण किया जा रहा है। 07 छात्राओं को किया स्कूही व हेलमेट का वितरण जालोर क्लब परिसर में जिले के प्रभारी मंत्री अर्जुनसिंह बामणिया व जन अभियोग निराकरण समिति के अध्यक्ष पुखराज पाराशर ने काली बाई भील मेधावी छात्रा स्कूटी योजना व देवनारायण स्कूटी छात्रा वितरण योजना में चयनित १07 मेधावी छात्राओं को स्कूटी व हेलमेट का वितरण किया साथ स्कूटी के दस्तावेज सुपुर्द किए। इस दौरान जिला पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवालाए मुख्य कार्यकारी अधिकारी संजय कुमार वासुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डाण् अनुकृति उज्जैनिया सहित विभिन्न जनप्रतिनिधि व विभागों के अधिकारी-कार्मिक, स्कूटी वितरण में चयनित छात्राएँ एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
किसानदिवस:- कृषि धर्म व कर्म बहुत प्राचीनतम कर्म हैं। क्योकि प्रजा के पालन के लिए कृषि उत्पादन प्रमुख हैं । कृषि उत्पादन के बिना हमारा भरण पोषण असंभव होगा। जैन दर्शन के अनुसार भगवान् आदिनाथ जी ने षड़कर्म | असि 2 मसि 3 कृषि 4 बताये थे वाणिज्य 5 विद्या शिल्प किसान दिवस भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह की जयंती 23 दिसंबर को मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह किसानों के सर्वमान्य नेता थे। उन्होंने भूमि सुधारों पर काफी काम किया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में और केद्द्र में वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने गांवों और किसानों को प्राथमिकता में रखकर बजट बनाया था | उनका मानना था कि खेती के केन्द्र में है किसान इसलिए उसके साथ कृतज्ञता से पेश आना चाहिए और उसके श्रम का प्रतिफल अवश्य मिलना चाहिए। किसानों का महत्त्व:- किसान हर देश की प्रगति में विशेष सहायक होते हैं एक । किसान ही है जिसके बल पर देश अपने खाद्यान्नों की खुशहाली को समृद्ध कर सकता है । देश में राष्ट्रपिता गांधी जी ने भी किसानों को ही देश का सरताज माना था लेकिन देश की आजादी के बाद ऐसे नेता कम ही देखने में आए जिन्होंने किसानों के विकास के लिए निष्पक्ष रूप में काम किया। ऐसे नेताओं में सबसे अग्रणी थे देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह। पूर्व प्रधानमंत्री चरण सिंह को किसानों के अभूतपूर्व विकास के लिए याद किया जाता है। चौधरी चरण सिंह की नीति किसानों व गरीबों को ऊपर उठाने की थी। उन्होंने हमेशा यह साबित करने की कोशिश की कि बगैर किसानों को खुशहाल किए देश व प्रदेश का विकास नहीं हो सकता । चौधरी चरण सिंह ने किसानों की खुशहाली के लिए खेती पर बल दिया था। किसानों को उपज का उचित दाम मिल सके इसके लिए भी वह गंभीर थे। उनका कहना था कि भारत का संपूर्ण विकास तभी होगा जब किसान मजदूर ग़रीब सभी खुशहाल होंगे। किसानों के मसीहा का योगदान किसानों के मसीहा चौधरी चरण सिंह का जन्म 23 दिसम्बर 902 को उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में हुआ था। चौधरी चरण सिंह के पिता चौधरी मीर सिंह ने अपने नैतिक मूल्यों को विरासत में चरण सिंह को सौंपा था । चौधरी साहब ने किसानों पिछड़ों और ग़रीबों की राजनीति की । उन्होंने खेती और गाँव को महत्व वह ग्रामीण समस्याओं को गहराई से समझते थे और अपने मुख्यमंत्रित्व तथा केन्द्र सरकार के वित्तमंत्री के कार्यकाल में उन्होंने बजट का बड़ा भाग किसानों तथा गांवों के पक्ष में रखा था। वे जातिवाद को गुलामी की जड़ मानते थे और कहते थे कि जाति प्रथा के रहते बराबरी संपन्नता और राष्ट्र की सुरक्षा नहीं हो सकती है। आज़्ादी के बाद चौधरी चरण सिंह पूर्णत किसानों के लिए लड़ने लगे। चौधरी चरण सिंह की मेहनत के कारण ही जमींदारी उन्मूलन विधेयक साल १952 में पारित हो सका। इस एक विधेयक ने सदियों से खेतों में खून पसीना बहाने वाले किसानों को जीने का मौका दिया। दृढ़ इच्छा शक्ति के धनी चौधरी चरण सिंह ने प्रदेश के 27000 पटवारियों के त्यागपत्र को स्वीकार कर ‘लेखपाल ‘ पद का सृजन कर नई भर्ती करके किसानों को पटवारी आतंक से मुक्ति तो दिलाई ही प्रशासनिक धाक भी जमाई । लेखपाल भर्ती में 8प्रतिशत स्थान हरिजनों के लिए चौधरी चरण सिंह ने आरक्षित किया था। उत्तर प्रदेश के किसान चरण सिंह को अपना मसीहा मानने लगे थे। उन्होंने समस्त उत्तर प्रदेश में भ्रमण करते हुए कृषकों की समस्याओं का समाधान करने का प्रयास किया। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाक़ों में कृषि मुख्य व्यवसाय था | कृषकों में सम्मान होने के कारण इन्हें किसी भी चुनाव में हार का मुख नहीं देखना पड़ा । वर्तमान में सरकारों द्वारा किसानों के ऊपर बहुत अधिक शोषण होने के कारण उन्हें आंदोलन हेतु विवश होना पड़ रहा हैं। आजकल मंहगाई होने से किसानों को खेती की लागत मूल्य न मिलने से आत्महत्याएँ करने को मजबूर होना पड़ रहा हैं जो चिंतनीय विषय हैं।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा इन दिनों राजस्थान से गुजर रही है। राहुल गांधी की इस पदयात्रा से राजस्थान में कई गुग्ों में बंटी कांग्रेस जहां एकजुट हुई है। वही संगठन की दृष्टि से भी मजबूत हुई है। एक तरह से कहा जाए तो राजस्थान कांग्रेस के लिए यह पदयात्रा संजीवनी साबित हो रही है। राजस्थान विधानसभा के अगले चुनाव में एक वर्ष से भी कम का समय रह गया है। प्रदेश में सत्तारूढ़ कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार के खिलाफसत्ता विरोधी माहौल बना हुआ था। जिसे राहुल गांधी की पदयात्रा ने काफी हद तक कम करने का काम किया है। अब लगने लगा है कि अगले विधानसभा चुनाव में भाजपा को चुनावी मुकाबले में कांग्रेस से कड़ा संघर्ष करना पड़ेगा। चार दिसंबर को राहुल गांधी की भारत जोड़ो पदयात्रा ने राजस्थान के झालावाड़ जिले में प्रवेश किया था। झालावाड़ जिला पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का गढ़ रहा है। वहां से राजे व उनका पुत्र दुष्यंत सिंह लगातार चुनाव जीतते आ रहे हैं। झालावाड़ से अभी वसुंधरा के पुत्र दुष्यंत सिंह सांसद है। जिले की चारों सीटों पर भाजपा का कब्जा है। लंबे समय से कांग्रेस झालावाड़ जिले में प्रभाव जमाने में नाकामयाब रही है। लेकिन राहुल गांधी की पदयात्रा को वसुंधरा राजे के प्रभाव वाले इलाके में जो जनसमर्थन मिला उसे देखते हुए कहा जा सकता है कि अगले विधानसभा चुनाव में यहां कांग्रेस पहले से अधिक मजबूत होकर उभरेगी। राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के रूट को कुछ इस ढंग से बनाया गया था। जिससे भाजपा के बड़े नेताओं के प्रभाव बाले क्षेत्रों से होकर पदयात्रा गुजरे ताकि वहां कांग्रेस की जमीन मजबूत हो सके । राजस्थान में राहुल गांधी की पदयात्रा झालावाड़ कोटा बूंदी सवाईमाधोपुर टोंक दौसा अलवर जिलों से होकर गुजर रही है। अपनी यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने जहां सीधे आम लोगों से संवाद स्थापित किया। वहीं कई मौकों पर निर्धारित कार्यक्रम से अलग हटकर लोगों से मिलते नजर आए। राहुल गांधी की पदयात्रा के दौरान हजारों की संख्या में लोग बड़े उत्साह के साथ शामिल होते रहे हैं। राहुल गांधी को पदयात्रा में सबसे अधिक क्रेज युवा वर्ग में देखने को मिला । पूरे रास्ते युवक राहुल गांधी की यात्रा में शामिल होते रहे। राहुल गांधी ने भी युवाओं के साथ बातचीत करने व सेल्फी लेने में जरा कंजूसी नहीं बरती | वह हर जगह लोगों से खुलकर मिलते रहे | कई स्थानों पर तो वह लोगों के साथ बैठकर नुक्कड़ की दुकानों पर चाय पीते नजर आए तो कहीं खेतों में महिलाओं संग चारा काटने लगे। इस पदयात्रा से आमजन में कांग्रेस के प्रति एक सकारात्मक माहौल बना है। जिसका लाभ निश्चय ही आने वाले चुनाव में कांग्रेस को मिलेगा। राहुल गांधी की राजस्थान यात्रा के चलते कांग्रेस में चल रहे आपसी झगड़ों पर भी विराम लगा है। 25 सितंबर की घटना के बाद राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के गुट के नेता एक दूसरे के खिलाफखुलकर बयान बाजी कर रहे थे। जिससे कांग्रेस की छवि लगातार खराब हो रही थी। मगर राहुल गांधी की पदयात्रा के व्यक्तिगत बातचीत कर फीडबैक लिया है। जिससे उनको राजस्थान की वास्तविक स्थिति का भी ज्ञान हो गया है। राजस्थान कांग्रेस को एकजुट करने का जो काम कांग्रेस आलाकमान नहीं कर पा रहा था। वह काम राहुल गांधी की पदयात्रा से अपने आप ही होता नजर आ रहा है। अपनी राजस्थान यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कांग्रेस के सभी नेताओं को संदेश दिया है कि एकजुट होकर अगले विधानसभा चुनाव में उतरे और फिर से सरकार बनाएं । भारत जोड़ो यात्रा के 400 दिन पूरे होने पर राहुल गांधी ने जयपुर में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि राजस्थान में चिरंजीवी योजना की लोग तारीफकर रहे है। इसके अलावा शहरी मनरेगा जो शुरु किया है। उसके बारे में भी लोग अच्छी बातें कर रहे है। हालांकि लोग कहते है कि यहां बिजली नहीं आ रही है या फ्लोराइड के पानी की शिकायतें आती कारण दोनों ही गुटों के नेता पूरी ताकत के साथ पदयात्रा को सफ्ल बनाने में जुट गए। जिसके चलते जहां आपसी बयानबाजी पर तो रोक लगी ही साथ ही पार्टी में गुटबाजी भी कम हुई है। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कई दिनों तक राजस्थान में रहने के कारण राहुल गांधी ने राजस्थान के अधिकांश नेताओं से है।लेकिन ऐसी छोटी मोटी शिकायतें तो हर जगह से आती रहती है। ओवरऑल देखा जाए तो राजस्थान सरकार के बारे में लोगों का बहुत अच्छा रिस्पॉन्स है। राहुल गांधी ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत गुटों के बीच चल रही बयानबाजी को लेकर कहा कि कांग्रेस पार्टी के अंदर लोकतंत्र है। इसलिए अगर कोई अपनी बात रखना चाहता है तो कांग्रेस पार्टी में उसे दबाया नहीं जाता है। सभी लोग मिलकर काम करते है। कोई भी नेता ऐसा बयान न दे जिससे पार्टी को नुकसान हो। उन्होंने ने कहा कि अगर कार्यकर्ता ने अच्छा काम किया तो जरूर फिर सरकार बनेगी। हिमाचल के परिणाम सामने है। कांग्रेस को अंडर एस्टीमेट ना करें। उन्होंने कहा कि पार्टी का आम कार्यकर्ता जो सड़क पर लड़ता है उसको हमें प्राथमिकता देनी है। राजस्थान में अपनी पद यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने पार्टी को एकजुट करने का बड़ा काम कर दिया है। उसके बाद अब राजस्थान के नेताओं को भी एकजुट होकर जनता के बीच जाना चाहिए और लोगों को पार्टी में ऑल इज वेल का संदेश देना चाहिए। तभी अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस भाजपा का मुकाबला कर पाएगी । वरना कुछ दिनो पूर्व प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं की जो स्थिति थी। उस स्थिति में तो कांग्रेस का फिर से जीत पाना मुश्किल लग रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश के सबसे बड़े नेता और सरकार के मुखिया हैं। उनकी जिम्मेवारी बनती है कि वह सचिन पायलट या अन्य किसी नेता के खिलाफगैर जरूरी बयानबाजी नहीं करें और सबको थे उनको भी हर हाल में पूरा करे | किसानों की कर्ज माफी युवाओं को रोजगार संविदा कर्मियों को नियमितीकरण नौजवानों को बेरोजगारी भत्ता देने जैसे कार्य अभी पूरे नहीं हुए हैं। प्रदेश के लोगों को मात्र 50 युनिट तक ही फी बिजली दी जा रही है।…
मध्यप्रदेश विधानसभा के अविश्वास प्रस्ताव के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष जय श्री राम और जय सियाराम के नारों से सदन गूंज उठा कांग्रेस ने भगवान राम और सीता पर मंत्री मोहन यादव द्वारा किए आपत्तिजनक बयान को आधार बनाते हुए भाजपा पर निशाना साधा। भाजपा के वरिष्ठ विधायक रामेश्वर शर्मा के बयान के बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच में माफी को लेकर तीखी नोकझोंक हुई। रामेश्वर शर्मा के इस कथन पर कि राम और सीता भाजपा के तो कांग्रेस का कौन । इस को लेकर विवाद बढ़ा और काफी देर तक सदन में पक्ष और विपक्ष के बीच में जमकर नारेबाजी होती रही। कांग्रेस माफी मांगने पर अड़ी रही । जय श्री राम और जय सियाराम को लेकर अब हिंदू भी दो भागों में बढ़ते हुए नजर आ रहे हैं। इसमें देशभर में एक नई राजनीति की गगा-बबव्देना-चौपार्ड्यों में गंगा मह्या तुम हो पावनतुम तो हो सबकी मनभावन। तुम हर लेतीं सबके दुख कोदेतीं हो फिर सबको सुख को।। गंगा मह॒या पापहारिणीसचमुच में हो दुखहारिणी। मोक्ष प्रदायकर्मंगलकारीगंगा मह्या तुम हितकारी।। प़िवजी-केशों से उद्धभृतागंगा याँ से सब अभिथूता। नी तुम्हारा पावन निर्मलसदियों से जो करता कल-कल।। तप जब भागीरथ ने कीन्हागंगे ने उनको वर दीन्न्हा। स्वर्गलोक से दौड़ीं आईवेग प्रखर लेकर के थाई ।। निज पुरखों को मोक्ष दिलायाभागीरथ ने तो फल पाया। थारतभूमि बनी पावनतममिटा धरा का सारा मातम ।। गंगाजी ऑधियार मिटातींयगहन तिमिर सारा पी जातीं। सबकी पूज्यसभी को भार्तीजनम-जनम के ज्ञाप मिटातीं ।। दया करो हे! गये माताजग से मेरा जी घबराता। तुम कर दो उपकार सुह्ावनजीवन मेरा हो मनभावन।। मुनासँग संगम करतींतीरथ में सबके दुख हरतीं। गंगा मढ़या तुम अविनाशीतुमसे ही पावन है काशी बहे तुम्हारी अविरल धारारूप लगे है बेहद प्यारा। तुम्हारा सबसे न्याराअगरत थी उस पर है वारा।। गया माँ सब पर उपकारीकरते आज सभी जयकारी।। सकल देव भी हैं बलिहारीआशरफें देते त्रिपुरारी । गंगा-नीर बहुत उपयोगीकरे आचमन हर नरयोगी । संत होय या होवे भोगीस्वस्थ रहे या होवे रोगी ।। शुरुआत हो गई है। भाजपा ने जय श्री राम के नाम पर शायद अपना पेटेंट करा लिया है। वहीं कांग्रेस ने भी उत्तर भारत में राम की सीता के साथ पूजा करने एवं उत्तर भारत सभी वर्गों में अभिवादन में जय सियाराम सैकड़ों वर्षों से प्रचलित है। कांग्रेस ने इसी को आस्था के साथ जोड़कर अपना नारा बनाकर जय सियाराम को कांग्रेस का पेटेंट बना लिया है। इसे भाजपा स्वीकार नहीं कर पा रही है। कांग्रेस ने हिंदू समुदाय को अपने पक्ष में आकर्षित करने के लिए अब जय सियाराम के नारे लगाए जा रहे हैं। भाजपा अब इस मामले में सतर्क हो गई है। कांग्रेस और भाजपा की नई राजनीति मैं राम और सीता भी अब बंटे हुए नजर आ रहे हैं। मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव के विवादित बयान पर विजय लक्ष्मी साधो ने प्रदेश सरकार से पूछा यह कौन सी संस्कृति है कि वह माता सीता को नहीं मानते हैं। भाजपा और आरएसएस के लोग जय श्री राम क्यों बोलते हैं। जय सियाराम क्यों नहीं बोलते। विधायक रामेश्वर शर्मा का यह कहने पर कि माता सीता श्रीराम और अयोध्या सब हमारे हैं। तुम्हारा कया रामेश्वर शर्मा के इस कथन पर विपक्ष भड़क गया। सत्तापक्ष से माफी मांगने के लिए कहा सत्ता पक्ष ने कहा हम माफी का मा भी नहीं कहेंगे माफी की बात तो बहुत दूर है। कांग्रेस के इस सियासी दांव में भाजपा धीर-धीरे फंसती हुई नजर आ रही है। पिछले 30 वर्षों में जय श्रीराम के नारे के साथ हिंदुत्व को लेकर भाजपा ने वह सब पाया जो उसने सोचा था। अब इसकी काट लगता है कांग्रेस ने निकाल ली है। कांग्रेस ने जय सियाराम को अपनाकर उत्तर भारत के सभी राज्यों मैं जहां अभिवादन के साथ-साथ जय सियाराम की पूजा मां सीता भगवान राम और हनुमान की पूजा एक साथ की जाती कांग्रेस अब राम सीता और हनुमान को लेकर हिन्दुत्व की राजनीति के नए पथ की ओर चल पड़ी है। भाजपा के कुछ नेता समय.समय पर विवादित बयान देकर कांग्रेस की राह को आसान बनाने का काम कर रहे हैं। कांग्रेस के नेता कार्यकर्ता और आम जनता 80 फीसदी से ज्यादा हिंदू है। भगवान राम सीता और हनुमान उनके भी आररध्य हैं। घरों-घर इनकी पूजा होती है। कांग्रेस ने एक संवेदनशील और मनोवैज्ञानिक दबाव भाजपा के ऊपर बनाना शुरूकर दिया है। भाजपा के नेता कांग्रेस की नई रणनीति को समझ नहीं पा रहे हैं। भाजपा ने 3 दशकों में कांग्रेस को हिन्दुओं का विरोध करने और मुसलमानों को संरक्षित करने की पार्टी बताकर हिन्दू विरोधी जो छबि बनाई थी कांग्रेस अब हिन्दुओं को अपने पक्ष में लाने के लिये सीता-राम और हनुमान को एक मंच पर लेकर आ रही है। इसका असर हिन्दू मतदाताओं को भी विभाजित करेगा। राम और सीता को लेकर नया विवाद जो शुरु हो गया है।
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) सोसायटी की कार्यकारी परिषद् की प्रथम बैठक का आयोजन शासन सचिवालय स्थित एसएसओ भवन के सभागार में कार्यकारी परिषद के अध्यक्ष एवं ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार को अध्यक्षता में हुआ। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण मनरेगा एवं राजीविका के आपसी समन्वय एवं कन्वर्जेंस से गोबरधन योजना में गोबरगैस के प्लांट का मॉडल बनाए जाने का निर्णय एवं राजीविका के विलेज ग्रुप के माध्यम से घर-घर कचरा संग्रहण कार्य के मॉडल का जीवन्त प्रशिक्षण दिए जाने सहित विभिन्न विषयों पर चर्चा एवं विचार-विमर्श हुआ। अतिरिक्त मुख्य सचिव अभय कुमार ने कहा कि पूर्व में गोपालन विभाग द्वारा बनवाए गए कई गोबरगैस प्लांट आज भी सफलता से चल रहे हैं फील्ड | विजिट के जरिए ऐसे किसी सफल प्लांट का स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) की कार्यकारी परिषद की बैहक सम्पन्न अवलोकन करवाकर ग्रामीणों को इस योजना के लिए प्रेरित किया जा सकता है। पंचायती राज विभाग के शासन सचिव नवीन जैन ने कहा कि गोबरधन योजना की सफ्लता के लिए डेयरी के बजाय गांव के आम पशुपालकों को जोडना अधिक आवश्यक है। ग्रामीण विकास विभाग की शासन सचिव मंजू राजपाल ने छत्तीसगढ का उदाहरण देते हुए कहा कि अधिक पशु संख्या वाले जिलों में कार्यरत सीएलएफ एवं प्रोड्यूसर ग्रूप के माध्यम से इस योजना में एसबीएम और मनरेगा के सहयोग से काम किया जा सकता है। साथ ही प्लांट का निर्माण करने वाले ग्रामीणों में गैस वितरण का फार्मूला तय कर मॉडल को वायबल बनाया जा सकता है। अतिरिक्त मुख्य सचिव ने प्रदेशभर में एसबीएम के अन्तर्गत बनाए गए सामुदायिक स्वच्छता परिसरों को जिम्मेदारी तय कर उपयोग में लिया जाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
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