अजमेर में संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर पर गृहमंत्री अमित शाह द्वारा की गई कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन हुआ। अधिवक्ताओं ने इस टिप्पणी के विरोध में गृहमंत्री का पुतला जलाया और सार्वजनिक रूप से माफी की मांग की, साथ ही इस्तीफे की चेतावनी भी दी।
प्रदर्शन का ब्योरा
- गुरुवार को कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के अधिवक्ताओं ने इस प्रदर्शन की शुरुआत डॉ. अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण से की।
- इसके बाद, अंबेडकर चौराहे पर नारेबाजी करते हुए गृहमंत्री अमित शाह का पुतला जलाया।
- प्रदर्शनकारियों का कहना था कि अमित शाह का बयान डॉ. अंबेडकर के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला है और यह संविधान निर्माता के प्रति अपमानजनक है।
माफी और इस्तीफे की मांग
- अधिवक्ताओं ने अमित शाह से सार्वजनिक रूप से माफी मांगने और इस्तीफा देने की मांग की।
- कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के नेता सुनील लारा ने आरोप लगाया कि बीजेपी संविधान को कमजोर करने और उसे बेचने की साजिश कर रही है।
- चंद्रभान सिंह राठौड़, अजमेर जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष, ने भी इस बयान को डॉ. अंबेडकर के व्यक्तित्व पर हमला बताया और इस्तीफे की मांग की।
आंदोलन तेज करने की चेतावनी
- प्रदर्शनकारी अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी कि अगर गृहमंत्री अमित शाह माफी नहीं मांगते, तो यह विरोध तेज किया जाएगा और इसे देशव्यापी आंदोलन में बदल दिया जाएगा।
- इस प्रदर्शन में बड़ी संख्या में कांग्रेस विधि प्रकोष्ठ के सदस्य और अन्य अधिवक्ता शामिल हुए।
इस घटनाक्रम ने राज्य और देशभर में गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ व्यापक विरोध को जन्म दिया है, और इस पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं तेज हो सकती हैं।