राजस्थान में राजनेताओं और अफसरशाही के बीच विवाद कोई नई बात नहीं है। यह समस्या दशकों से चली आ रही है और हर सरकार के दौरान यह चर्चा का विषय बनती है। ब्यूरोक्रेसी और राजनेताओं के बीच तालमेल का अभाव अक्सर शासन के सुचारु संचालन में बाधा बनता है।
राजस्थान की ब्यूरोक्रेसी: क्यों है खास चर्चा में?
राजस्थान उन राज्यों में से एक है जहां अफसरों का प्रभाव राजनेताओं से अधिक दिखता है।
कई अधिकारी राजनीतिक दलों से जुड़ चुके हैं।
सत्ता में आने वाले हर दल ने इस समस्या का सामना किया है।
अफसरों का कामकाज कई बार राजनेताओं के फैसलों पर भारी पड़ता है।
ताजा विवाद: किरोड़ीलाल मीणा का बयान
कैबिनेट मंत्री डॉ. किरोड़ीलाल मीणा ने हाल ही में अफसरों पर उनके और मुख्यमंत्री के बीच गलतफहमी पैदा करने का आरोप लगाया।
उन्होंने सीएम से अपील की कि वे उन अफसरों की पहचान करें जो विवाद को बढ़ावा दे रहे हैं।
मीणा का बयान राजस्थान में अफसरशाही और राजनेताओं के तनावपूर्ण रिश्तों की एक और कड़ी है।
गहलोत सरकार के दौरान विवाद
अशोक चांदना बनाम सीएम सचिव:
तत्कालीन खेल मंत्री अशोक चांदना ने सीएम सचिव कुलदीप रांका पर नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया था कि उन्हें मंत्री पद से मुक्त कर दिया जाए।
रमेश मीणा बनाम बीकानेर कलेक्टर:
रमेश मीणा और कलेक्टर भगवतीप्रसाद कलाल के बीच खुलेआम विवाद हुआ।
भाजपा के आरोप
विपक्ष में रहते हुए भाजपा ने अफसरों पर भ्रष्टाचार और कार्य में बाधा डालने के आरोप लगाए।
सत्ता में आने के बाद कांग्रेस ने उन्हीं आरोपों को भाजपा के खिलाफ दोहराया।
अफसरों का प्रभाव और राजनीतिक दलों का बदलता रुख
विपक्ष में रहते हुए पार्टियां ब्यूरोक्रेसी के खिलाफ सवाल उठाती हैं।
सत्ता में आते ही वही पार्टियां अफसरशाही का समर्थन करती नजर आती हैं।
बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई को लेकर राजनीतिक दलों का रवैया अक्सर बदलता रहा है।
मुख्य समस्याएं और निष्कर्ष
सत्ता के समीकरण:
ब्यूरोक्रेसी और राजनेताओं के बीच सत्ता का संघर्ष विवाद का मुख्य कारण है।
भ्रष्टाचार और कार्यशैली:
भ्रष्टाचार और निर्णय लेने में देरी से विवाद बढ़ते हैं।
राजनीतिक दबाव:
अफसरों पर राजनीतिक दबाव और दलों से जुड़ाव शासन में संतुलन बिगाड़ता है।
राजस्थान में ब्यूरोक्रेसी और राजनेताओं के बीच बेहतर तालमेल के बिना शासन प्रणाली की दक्षता में सुधार संभव नहीं है। सत्ता में आने वाले दलों को इस समस्या का दीर्घकालिक समाधान निकालना होगा।
