SDM थप्पड़ कांड: राजस्थान के देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र के समरावता गांव में हुए चर्चित SDM थप्पड़ कांड ने हिंसक रूप ले लिया। घटना के बाद पुलिस ने नरेश मीणा को हिरासत में लिया, लेकिन उनके समर्थकों ने इसका विरोध करते हुए पुलिस पर पथराव किया और इसी अफरा-तफरी में नरेश मीणा पुलिस की गिरफ्त से फरार हो गए।
घटना का विवरण
नरेश मीणा के समर्थकों द्वारा पुलिस हिरासत में लिए जाने पर हिंसक विरोध किया गया। गांव में करीब 100 गाड़ियों, बाइकों और जीपों में आग लगा दी गई, जिससे समरावता में तनाव का माहौल है। स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि पुलिस ने कई युवाओं को गिरफ्तार कर लिया है, जिससे गांव में दहशत फैल गई है। घटना के बाद प्रशासन ने एहतियात के तौर पर क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं, और गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
नरेश मीणा का बयान
फरारी के बाद नरेश मीणा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपनी पोस्ट में लिखा, “न डरे थे, न डरेंगे।” उन्होंने अपने समर्थकों को आश्वस्त करते हुए कहा कि वे पूरी तरह सुरक्षित हैं और जल्द ही आगे की रणनीति साझा करेंगे।
सरकार और पुलिस का रुख
घटना की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने डीजीपी यू आर साहू से मामले की जानकारी ली है और सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पूरे समरावता क्षेत्र में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किया गया है, जिसमें STF और RAC की तीन कंपनियां शामिल हैं। एडीजी लॉ एंड ऑर्डर विशाल बंसल ने कहा कि स्थिति अब नियंत्रण में है, और आगजनी में शामिल आरोपियों की पहचान कर 60 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। मुख्य आरोपी नरेश मीणा की लोकेशन ट्रेस करने के प्रयास किए जा रहे हैं, और उसे जल्द गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीमें गठित की गई हैं।
डॉ. किरोड़ीलाल मीणा की अपील
इस घटना के बाद सवाई माधोपुर से भाजपा नेता डॉ. किरोड़ीलाल मीणा भी समरावता पहुंचे और सोशल मीडिया पर ट्वीट कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि उन्होंने पुलिस महानिदेशक और टोंक जिला कलेक्टर से स्थिति का जायजा लिया है और सभी से धैर्य बनाए रखने का अनुरोध किया।
इस हिंसक घटना के बाद प्रशासन ने पूरे क्षेत्र को छावनी में तब्दील कर दिया है, और पुलिस द्वारा मामले की जांच की जा रही है।
