हरियाणा-राजस्थान। हाल ही में एक वायरल वीडियो के चलते हरियाणा और राजस्थान के बीच उत्पन्न विवाद अब सुलझ गया है। यह विवाद तब शुरू हुआ था जब हरियाणा की एक महिला कांस्टेबल ने राजस्थान रोडवेज की बस में किराया देने से मना कर दिया था, जिसके बाद परिचालक और कांस्टेबल के बीच बहस हो गई। इस मामले को लेकर दोनों राज्यों में एक-दूसरे की बसों पर चालान काटने का सिलसिला शुरू हो गया था।
उच्चस्तरीय बैठक में हुआ समाधान
इस विवाद को खत्म करने के लिए रोडवेज मुख्यालय के साथ उच्चस्तरीय बैठक की गई। बैठक के परिणामस्वरूप, सोमवार को दोनों राज्यों में बसों के चालान नहीं काटे गए। बैठक में यह सुनिश्चित किया गया कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त निर्देश जारी किए जाएंगे।
विवाद का विस्तार
विवाद की शुरुआत उस समय हुई जब रोहतक से दिल्ली जाने वाली एक बस में हरियाणा की महिला कांस्टेबल ने टिकट लेने से इनकार कर दिया। इस घटना के बाद, परिचालक और कांस्टेबल के बीच तीखी बहस हुई, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। वीडियो के वायरल होने के बाद राजस्थान रोडवेज की कर्मचारी यूनियन ने भी इस मुद्दे को उठाया और दोनों सरकारों के बीच मामला बढ़ गया।
चालान की स्थिति
इस विवाद के चलते राजस्थान में हरियाणा रोडवेज की 76 बसों के चालान काटे गए, जबकि 8 बसें जब्त की गईं। इसके जवाब में हरियाणा में 100 से अधिक राजस्थान रोडवेज बसों के चालान काटे गए। यह विवाद इतना बढ़ गया कि मामला सरकार के स्तर तक पहुंच गया, जहां राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने हरियाणा के डीजीपी को पत्र लिखकर महिला कांस्टेबल के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
बसों का आवागमन सामान्य
हरियाणा और राजस्थान के बीच करीब 300 बसें नियमित रूप से चलती हैं। हरियाणा की करीब 300 बसें राजस्थान के विभिन्न जिलों में संचालित होती हैं, जबकि राजस्थान रोडवेज की बसें हरियाणा होते हुए दिल्ली जाती हैं। अब, दोनों राज्यों के अधिकारियों के बीच बातचीत के बाद स्थिति सामान्य हो गई है और तय समय पर बसों का आवागमन जारी रहेगा।
रोडवेज डिपो रोहतक के जीएम भारत भूषण गोगिया ने कहा कि इस मामले को लेकर दोनों राज्यों के अधिकारियों ने मिलकर समाधान निकाल लिया है और भविष्य में ऐसी किसी भी समस्या से बचने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।