रेवाड़ी। हरियाणा की महिला पुलिसकर्मी और राजस्थान रोडवेज के कंडक्टर के बीच किराए को लेकर हुई बहस ने दो राज्यों के बीच विवाद को जन्म दे दिया है। इस घटना के बाद से रेवाड़ी के रोडवेज बस चालकों में भय का माहौल बन गया है, जिससे यात्री भी प्रभावित हो रहे हैं।
घटना तब शुरू हुई जब हरियाणा पुलिस की एक महिला सिपाही ने बस में यात्रा करते समय कंडक्टर द्वारा मांगी गई टिकट देने से इनकार कर दिया। कंडक्टर ने बस रोककर सिपाही से टिकट लेने का आग्रह किया, जिसके बाद दोनों के बीच बहस हुई। इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद हरियाणा पुलिस ने कार्रवाई की, जिसके परिणामस्वरूप राजस्थान रोडवेज की 50 से अधिक बसों के चालान काट दिए गए।
चालान का बढ़ता डर
अब रेवाड़ी से राजस्थान के विभिन्न जिलों में रोजाना चलने वाली 15 रोडवेज बसों के चालकों में चालान का डर बढ़ गया है। चालकों का कहना है कि भले ही उनके पास सभी आवश्यक कागजात हों, लेकिन राजस्थान और हरियाणा पुलिस के बीच चालान काटने की प्रतिस्पर्धा के कारण उन्हें हमेशा टेंशन में रहना पड़ता है। चालकों का कहना है कि यात्रा के दौरान पुलिस बीच रास्ते में बसों को रोककर चेकिंग करती है, जिससे यात्रियों का समय बर्बाद होता है और उन्हें असुविधा का सामना करना पड़ता है।
दो राज्यों के बीच विवाद

राजस्थान पुलिस ने हरियाणा रोडवेज की बसों के 90 चालान काटे हैं, जबकि हरियाणा पुलिस ने राजस्थान रोडवेज की 50 से अधिक बसों के चालान काटे हैं। चालान की वजह ओवरस्पीडिंग, सीट बेल्ट न लगाना और ड्राइवर का वर्दी न पहनना जैसी कमियां बताई जा रही हैं। इस स्थिति ने दोनों राज्यों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया है।
अधिकारियों की भूमिका
हरियाणा रोडवेज यूनियन के प्रधान राजपाल यादव ने कहा कि जब तक यह मामला सुलझ नहीं जाता, तब तक चालान कटने का डर बना रहेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही सरकार के स्तर पर बातचीत के जरिए समाधान निकाला जाएगा। वहीं, रोडवेज रेवाड़ी के महाप्रबंधक देवदत्त ने बताया कि यह मामला उच्च अधिकारियों के संज्ञान में है और आगे की बातचीत के आधार पर ही स्थिति स्पष्ट होगी।
दोनों राज्यों के बीच बढ़ते इस विवाद ने बस चालकों और यात्रियों को चिंतित कर दिया है, और फिलहाल स्थिति को सामान्य करने के लिए अधिकारियों द्वारा सक्रिय प्रयास किए जा रहे हैं।

