कर्नाटक विधानसभा का चुनाव अभियान चरम पर पहुंच गया है। ऐसी चर्चा देश के अलावा अब विदेशों में भी हो रही है। विशेष रुप से राहुल गांधी की बगलकोट जिले की रैली ने सारे देश और दुनिया का ध्यान कर्नाटक की ओर मोड़ दिया है। बगलकोट जिले में 7 विधानसभा क्षैत्र हैं। इसमें अभी 5 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है। यह भाजपा के प्रभाव का क्षेत्र है। राहुल गांधी की रैली में जो अपार भीड़ उमड़ी। उसको देखकर सारे राजनीतिक समीकरण बदलते हुए नजर आ रहे हैं। कांग्रेस ने गृह लक्ष्मी योजना के तहत 2000 रुपये प्रति महिलाओं को, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, बेरोजगार युवाओं को भत्ता तथा 0 किलो अनाज मुफ्त में देने की घोषणा की है। इसका असर सारे कर्नाटक में पड़ा है। राहुल गांधी की इस समय सबसे असहाय व्यक्ति के रूप में कर्नाटक में पहचान बनी हैं। यहां पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और गांधी परिवार का बड़ा प्रभाव रहा है। राहुल गांधी को 2 साल की सजा, उनकी संसद सदस्य की सदस्यता समाप्त होने तथा उनका बंगला खाली करा लिए जाने से सहानुभूति की लहर कर्नाटक में दिख रही है।यहां की जनता गांधी परिवार को आदर की दृष्टि से देखती है। इसका असर चुनाव प्रचार के दौरान देखने में मिलने लगा है। अभी राहुल गांधी कर्नाटक में कन्क का विधानसभा चुनाव देश और दुनिया में वर्षा का विषय बना चुनाव प्रचार करने के लिए पहुंच रही हैं। दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी अपने ही नेताओं से लड़ रही है। भाजपा के लिंगायत और वोक्कालिंगा समाज का समर्थन कांग्रेस को मिल रहा है। भाजपा के लिए जो सर्वे एजेंसियां काम कर रही हैं। अंदर जो भगदड़ मची हुई है। उसे रोकने का प्रयास करना पड़ रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री येदुरप्पा को चुनाव जिताने के लिए कम, भगदड़ रोकने मैं ज्यादा मेहनत करना पड़ रही है। गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें चेतावनी दे दी है कि भाजपा छोड़कर कांग्रेस में गए नेता किसी भी कीमत में जीतना नहीं चाहिए। भाजपा के कार्यकर्ता बगावती नेताओं का कोई काम ना करें। सबसे बड़े आश्चर्य की बात यह है, कि भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री येदुरप्पा और बीएल संतोष के कहने पर 68विधानसभा की टिकट लिंगायतों को दी है। उसके बाद भी कर्नाटक का चुनाव उठ नहीं पा रहा है। कर्नाटक के विधानसभा चुनाव में भाजपा को भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं से ही लड़ना पड़ रहा है। राहुल गांधी को लेकर जो उत्साह आम जनता में देखने को मिल रहा है। उससे दिल्ली दरबार भी हतप्रभ है। जेडीएस और देवगोडा परिवार को भाजपा ने कांग्रेस की बी टीम के रुप में प्रचारित करने और देवगोड़ा परिवार के सदस्यों पर भ्रष्णाचार और जमीन कब्जाने के आरोप लगाए हैं। ईडी देवगोड़ा परिवार की जांच कर रही है। जेडीएस यदि कमजोर होती है। तो इसका लाभ भाजपा को ना मिलकर कांग्रेस के पक्ष में जाता हुआ दिख रहा है। चुनाव प्रचार कर रहे हैं। प्रियंका गांधी भी कांग्रेस के पक्ष में जाता हुआ दिख रहा है। हो गया है।
कर्नाटक का विधानसभा चुनाव देश और दुनिया में चर्चा का विषय बना
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