एक युवक जमीन पर बैठा हूं और एक दूसरा व्यक्ति नशे की हालत में सिगरेट पीता हुआ उसके शरीर पर पेशाब कर रहा है, लेकिन दुर्भाग्य तो देखिए जमीन पर बैठा युवक उस पेशाब कर रहे व्यक्ति का कोई विरोध नहीं कर पा रहा है, ये किसी मुंबईया फिल्म का दृश्य नहीं बल्कि आदिवासी बाहुल्य माने जाने वाले मध्यप्रदेश के सीधी जिले के कुबरी गांव की वो सच्ची और शर्मनाक तस्वीर है जिसने समूची इंसानियत और प्रदेश को शर्मसार कर दिया है।विडंबना तो ये है जो व्यक्ति उस असहाय आदिवासी युवक पर खुलेआम पेशाब कर रहा है उसे सत्तारूढ़ दल के एक विधायक का विधायक प्रतिनिधि बताया जा रहा है यद्यपि विधायक उस व्यक्ति काअपने आप से संबंध बताने से इंकार कर रहे हैं लेकिन उस व्यक्ति के जो फेटो अखबारों में प्रकाशित हुए हैं वो साफ-साफइस ओर इशारा करते हैं कि वो व्यक्ति सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक का बेहद करीबी है। कहते हैं सत्ता का नशा सबसे ज्यादा बुरा होता है विशेषकर उन लोगों के लिए जो बड़े नेताओं की चाटुकारिता कर छोटे .मोटे पद पा लेते हैं या फिर उनके प्रतिनिधि बन जाते हैं सीधी जिले के कुबरी गांव में जो व्यक्ति एक आदिवासी युवक पर पेशाब करता हुआ दिखाई दे रहा है वो भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला है जिसे सीधी के भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला का विधायक प्रतिनिधि बताया जा रहा है भले ही वे इस बात से इंकार कर रहे लेकिन सच्चाई वही है जो बताई जा रही है वर्तमान में सोशल मीडिया एक ऐसी ताकत बन चुका है जो मुख्यधारा मीडिया से भी ज्यादा बलशाली और लोगों तक पहुंचने में सक्षम है। इस वीडियों के वायरल होते ही सत्तारूढ़ भाजपा में हड़कंप मच गया जाहिर है विरोधी कांग्रेस दल इसका लाभ उठाने में पीछे नहीं रहता सो पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट करते हुए कहा कि आदिवासी समाज के इस युवक के साथ ऐसी जघन्य और गिरी हुई हरकत का सभ्य समाज में कोई स्थान नहीं है लघु शंका करने वाला व्यक्ति भाजपा से जुड़ा बताया जा रहा है प्रदेश पहले ही आदिवासी अत्याचार में नंबर वन है इस घटना ने पूरे प्रदेश को शर्मसार कर दिया। उधर दूसरी तरफवीडियों में जो कुछ दिखाई दे रहा है उसको लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा मेरे संज्ञान में सीधी जिले का वीडियो आया है मैंने प्रशासन को आदेश दिए हैं कि अपराधी को गिरफ्तार कर कड़ी कार्यवाही कर उस पर रासुका भी लगाया जाए, वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा ने भी ट्वीट करते हुए कहा कि सीधी में हुई मानवीय घटना की कड़े शब्दों में निंदा करता हूं प्रदेश में अपराधियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। यह तो सोशल मीडिया की ताकत ही कहा जाए कि मामला संज्ञान में आ गया। अन्यथा गांवों में इस तरह के मामले होते रहते हैं जिनमें दबंग निचली जातियों के लोगों के साथ ऐसे व्यवहार करते हुए दिखाई देते हैं एक तरफमध्यप्रदेश सरकार आदिवासियों के उत्थान और उन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए तरह.तरह की बयान जारी करती है हाल ही में प्रधानमंत्री ने आदिवासियों के साथ बातचीत कर उन्हें आश्वस्त किया कि उनके साथ अन्याय नहीं होगा आदिवासियों की जल जंगल और जमीन की मांग बहुत पुरानी है जिस पर हाल ही में मध्यप्रदेश शासन में पैसा कानून लागू किया है लेकिन यहां यह भी उल्लेखनीय है कि ये कानून 996में लागू हो गया था लेकिन आदिवासियों के हितों की दंभ भरने वाली भारतीय जनता पार्टी की मध्य प्रदेश सरकार इसे 2022 में लागू कर पाई दरअसल आदिवासियों के प्रति भारतीय जनता पार्टी हमेशा ने हमेशा से ही उपेक्षित रवैया अपनाया यही कारण था कि 208के विधानसभा चुनाव में आदिवासियों ने बीजेपी को छोड़ कांग्रेश के पक्ष में अपना मत दिया था जिसके चलते उनकी सरकार भी मध्यप्रदेश बन गई थी यह बात अलग है कांग्रेस के आपसी अंतद्ठठ् में उनकी सरकार 5 महीने में गिर गई । आदिवासियों का प्रभाव मध्य प्रदेश की लगभग पचासी सीटों पर है और चालीस से भी ज्यादा सीटें ऐसी हैं जो सुरक्षित मानी जाती है इसलिए उन्हें अपने पक्ष में करने के लिए भारतीय जनता पार्टी पूरी तरह से आदिवासियों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के मुताबिक मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर अत्याचार लगातार बढ़ता जा रहा है जिस पर लगाम नहीं लगाई जा रही है पिछले बरस जबलपुर के पास सिवनी जिले के कुरई ग्राम में तीन आदिवासियों को बुरी तरह पीटा गया था जिसमें से दो आदिवासियों की मौत हो गई थी इनकी हत्या का आरोप बजरंग दल के कार्यकर्ताओं पर लगा था मामले को लेकर जब विवाद बढ़ा तब मुख्यमंत्री ने वहां के तत्कालीन एसपी कुमार प्रतीक को हटाकर पुलिस मुख्यालय भेज दिया था लेकिन कुछ ही दिनों में अपने राजनीतिक जुगाड़ के चलते वे एक दूसरे जिले में बतौर एस पी बनाकर भेज दिए गए इससे भी यह सिद्ध होता है कि आदिवासियों के प्रति भारतीय जनता पार्टी का कया रवैया कैसा है।