भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी ने विनायक दामोदर सावरकर के माफी नामा को लेकर महाराष्ट्र में शिवसेना और कांग्रेस के संबंधों में दरार पड़ी थी। शिवसेना के संजय राउत ने इसमें कड़ी आपत्ति जताई थी। इसके बाद जयराम रमेश ने संजय राऊत से बात की। ऐतिहासिक तथ्यों पर सोशल मीडिया में भारतीय जनता पार्टी द्वारा जो गलत प्रचार किया जा रहा है। उस संदर्भ में वास्तविकता का उल्लेख किया । सावरकर के बारे में कोई गलत बयानी राहुल गांधी ने नहीं की । इस सफाई के बाद गठबंधन को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच सार्थक चर्चा हुई। इसके बाद राहुल गांधी ने भी संजय राऊत से फोन पर बात की। ईडी की कार्यवाही पर चर्चा करते हुए उनसे व्यक्तिगत बात करते हुए सहानुभूति जताई । राहुल गांधी से बात करने के बाद संजय राऊत शिवसेना और काग्रेस के बीच जो खटास आई थी । वह खत्म हो गई। राहुल गांधी ने भी सावरकर को लेकर चुप्पी साध ली है। कांग्रेस को जो माइलेज लेना था। वह कांग्रेस को मिल रहे । इसको लेकर अब दोनों के बीच की राजनैध्तिक एवं मानसिक राजनीत्ति क्षेत्रों में परिपक्कता को लेकर चर्चाएं होने लगी हैं। जैसे तैसे हिमाचल जीतने की उम्मीद हिमाचल प्रदेश के विधान सभा चुनाव का मतदान हो गया है। अब यह कहा जा रहा हैकि भाजपा को 35 सीटों पर जीत मिल जाएगी। सरकार भी भाजपा की ही बनेगी। भाजपा के नेता अब यह भी कहने लगे हैं कि बागियों को भाजपा के बड़े नेताओं ने ही चुनाव मैदान में उतारा था। जिसका नुकसान पार्टी को चुनाव में हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार के बाद स्थिति तेजी के साथ सम्भली। भाजपा नेताओं को 35 सीटों पर जीत मिलने की आशा अभी भी बनी हुई है। मतदान के पूर्व जिस तरह का असंतोष मतदाताओं में था उसके बाद कांग्रेस को उम्मीद है कि ताज उन्हीं के सिर पर सजेगा। निर्वाचित प्रतिनिधि और दिया। इन दोनों कारनामों की आलोचना और फायदे को लेकर चर्चा हो रही है। कांग्रेस के असंतुष्ट नेता भारत जोड़ो यात्रा से प्रभावित हैं। राहुल गांधी के लेकिन राहुल गांधी शांत है। मेघा पाटकर को गुजरात में भाजपा ने मुद्दा बनाया। अब मेधा को लेकर राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के बीच में तुलना होने लगी है। अरविंद केजरीवाल मेघा पाटकर को आम आदमी पार्टी द्वारा गुजरात का मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनाए जाने पर बुरी तरह से भड़क गए थे। वहीं राहुल गांधी के ऊपर कई गुना ज्यादा हमलों के बाद भी राहुल मर्यादा में बने राजनीतिक निर्णय और क्षमताओं से भी प्रभावित हैं। कांग्रेसियों में आशा की एक नई किरण जागी है। निर्वाचित प्रतिनिधि पार्टी छोड़कर जाते हैं तो उनका राजनीतिक कैरियर लगभग समाप्त हो जाता है। ऐसे में अब यह कहा जाने लगा है कि लोटस ऑपरेशन के दिन लद॒ गए हैं। भारत जोड़ो यात्रा और भारत तोड़ो यात्रा चर्चाओं में बनी हुई है।
संजय राऊत एवं राहुल गांधी
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