अजमेर विधानसभा आम चुनाव 2023 की निर्वाचन आयोग द्वारा घोषणा करने के साथ ही एकीकृत अजमेर जिले में आदर्श आचरण संहिता लागू हो गई है। जिला निर्वाचन अधिकारी डॉ. भारती दीक्षित ने बताया कि निर्वाचन आयोग द्वारा विधानसभा आम चुनाव-2023 की घोषणा की गई है। एकीकृत अजमेर जिले के अजमेर, पुष्कर, किशनगढ़, नसीराबाद, पीसांगन, अरांई, रूपनगढ़, केकड़ी, सावर, भिनाय, सरवाड़, ब्यावर, टॉडगढ़ तथा मसूदा उपखण्ड में आदर्श चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है।
इसके अनुसार किसी दल या अभ्यर्थी को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये, जो विभिन्न जातियों और धार्मिक या भाषाओं समुदायों बीच विद्यमान मतभेदों को बढ़ाये या घृणा की भावना उत्पन्न करें या तनाव पैदा करें। जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाये, तब उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्ववत और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिये। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिये, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो। दलों या उनके कार्यकर्ताओं के बारे में कोई ऐसी आलोचना नहीं की जानी चाहिये, जो ? से आरोपों पर जिनकी सत्यता स्थापित न हुई हो या तोड़-मरोड़कर कही गई बातों पर आधारित हो।
उन्होंने बताया कि मत प्राप्त करने के लिये जातीय या साम्प्रदायिक भावनाओं की दुहाई नहीं दी जानी
चाहिये। मस्जिदों, गिरजाघरों, मंदिरों या पूजा के अन्य स्थानों का निर्वाचन प्रचार के मंच के रूप में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिये। सभी दलों और अभ्यर्थियों को ऐसे सभी कार्यों से ईमानदारी के साथ बचना चाहिये, जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध है जैसे कि मतदाताओं को रिश्वत देना, मतदाताओं को अभिग्रस्त करना, मतदाताओं का प्रतिरूपण, मतदान केन्द्र के 100 मीटर के भीतर मत याचना करना, मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय को खत्म होने वाली 48 घंटे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभाएं करना और मतदाताओं को सवारी से मतदान केन्द्रों तक ले जाना और वहां से
वापस लाना।
राजनैतिक दलों या अभ्यर्थियों को इस बात का प्रयास करना चाहिये कि वे प्रत्येक व्यक्ति के शांतिपूर्ण और विघ्नरहित घरेलू जिन्दगी के अधिकार का आदर करें चाहे वे उसके राजनैतिक विचारों या कार्यों के कितने ही विरुद्ध क्यों न हों। व्यक्तियों के विचारों या कार्यों का विरोध करने के लिये उनके घरों के सामने प्रदर्शन आयोजन करने या धरना देने के तरीकों का सहारा किसी भी परिस्थति में नहीं लेना चाहिये। किसी भी राजनैतिक दल या अभ्यर्थी को ध्वजदण्ड बनाने, ध्वज टांगने, सूचनाएं चिपकाने, नारे लिखने आदि के लिये किसी भी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का उसकी अनुमति के बिना उपयोग करने की अनुमति अपने अनुयायियों को नहीं
उन्होंने बताया कि सभी देनी चाहिये।

