Rajasthan विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन भजनलाल सरकार एक अहम विधेयक “राजस्थान धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025” पेश करने जा रही है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा स्वयं इस विधेयक को सदन में प्रस्तुत करेंगे। यह विधेयक राज्य में जबरन धर्म परिवर्तन, धोखाधड़ी से धर्म परिवर्तन और लव-जिहाद जैसे मामलों को रोकने के उद्देश्य से लाया जा रहा है। विपक्ष ने इस विधेयक पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, जिससे सदन में हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं।
पूर्ववर्ती विधेयक की वापसी और नया विधेयक
इससे पहले भजनलाल सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में लाए गए “राजस्थान धर्म स्वातंत्र्य विधेयक 2008” को वापस ले लिया। यह विधेयक भी धर्म परिवर्तन की घटनाओं को रोकने के लिए लाया गया था और इसे विधानसभा से पारित कर राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा गया था। हालांकि, इस विधेयक को मंजूरी नहीं मिली और अब मौजूदा सरकार ने इसे औपचारिक रूप से वापस ले लिया है।
नए विधेयक “राजस्थान धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025” में कुछ नए प्रावधान जोड़े गए हैं, जिनमें लव-जिहाद और जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर सख्त सजा का प्रावधान किया गया है। सरकार का दावा है कि इस विधेयक से राज्य में धार्मिक स्वतंत्रता की रक्षा होगी और जबरन धर्म परिवर्तन जैसी अवैध गतिविधियों पर रोक लगेगी।
विपक्ष की रणनीति और संभावित हंगामा
यह विधेयक पेश होने से पहले ही विपक्ष ने विरोध की रणनीति तैयार कर ली है। पिछली बार जब वसुंधरा सरकार इस तरह का विधेयक लेकर आई थी, तब कांग्रेस ने इसका जमकर विरोध किया था। इस बार भी कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल सदन से लेकर सड़क तक सरकार को घेरने की तैयारी कर चुके हैं।
विपक्ष का आरोप है कि यह विधेयक राजनीतिक फायदे के लिए लाया जा रहा है और इससे समाज में सांप्रदायिक तनाव बढ़ सकता है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने इस विधेयक को “संविधान के खिलाफ” बताते हुए इसे लोकतंत्र के लिए खतरनाक करार दिया है।
विधानसभा में कार्य सलाहकार समिति की रिपोर्ट पेश होगी
आज विधानसभा में कार्य सलाहकार समिति (BAC) का आठवां प्रतिवेदन भी पेश किया जाएगा। मुख्य सचेतक जोगेश्वर गर्ग इस रिपोर्ट को सदन में प्रस्तुत करेंगे। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा शुरू होगी, जिसमें सरकार की नीतियों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। विपक्ष सरकार को प्रशासनिक बदलावों, अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की समीक्षा और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर फसलों की खरीद जैसे मुद्दों पर घेरने की योजना बना रहा है।
नए विधेयक भी होंगे पेश
सदन में इस बार कुछ नए विधेयक भी लाए जाएंगे। इनमें बीकानेर और भरतपुर में विकास प्राधिकरणों के गठन से जुड़े विधेयक शामिल हैं। सरकार पहले ही इनके अधिनियम जारी कर चुकी थी, लेकिन अब इन्हें संवैधानिक रूप से लागू करने के लिए विधेयक के रूप में पेश किया जाएगा।
इसके अलावा, कोचिंग संस्थानों पर नियंत्रण के लिए एक नया विधेयक भी लाने की तैयारी की जा रही है। राज्य सरकार ने राजस्थान हाईकोर्ट को पहले ही सूचित किया था कि वह इस विषय पर एक विधेयक लाने जा रही है, जिसका प्रारूप पिछले दो वर्षों से तैयार है।
सरकार की रणनीति और जवाबी तैयारी
सरकार को भी पता है कि विपक्ष इस विधेयक पर बड़ा विवाद खड़ा कर सकता है। इसीलिए सत्ता पक्ष ने अपने विधायकों को प्रशिक्षण देकर जवाबी रणनीति तैयार कर ली है। सरकार ने विधायकों को निर्देश दिया है कि वे विपक्ष के हर हमले का तथ्यात्मक और प्रभावी ढंग से जवाब दें।
निष्कर्ष
राजस्थान विधानसभा का यह बजट सत्र कई अहम मुद्दों और विधेयकों का गवाह बनने वाला है। “राजस्थान धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक 2025” पर जहां सत्ता पक्ष इसे **धार्मिक स्वतंत्रता और सामाजिक सुरक्षा का कदम बता रहा है, वहीं विपक्ष इसे सांप्रदायिक ध्रुवीकरण का प्रयास करार दे रहा है। सदन में इस पर बड़ी बहस और विवाद देखने को मिल सकता है। वहीं, अन्य विधेयकों और नीतियों को लेकर भी सरकार और विपक्ष आमने-सामने रहेंगे। अब देखना यह होगा कि सरकार अपनी रणनीति से विपक्ष के हमलों का किस तरह जवाब देती है।

