Rajasthan अलवर नगर निगम के राजस्व अधिकारी युवराज मीणा को एसीबी (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) ने तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए जयपुर में विधानसभा गेट के पास गिरफ्तार किया। यह रिश्वत यूडी टैक्स वसूलने वाली कंपनी का कामकाज आगे बढ़ाने के एवज में मांगी गई थी।
घटना का विवरण
आरोपी: युवराज मीणा, राजस्व अधिकारी, अलवर नगर निगम।
रिश्वत की राशि: ₹3 लाख।
स्थान: जयपुर, विधानसभा गेट।
पकड़ने की योजना:कंपनी प्रतिनिधि ने एसीबी को शिकायत दी।
एसीबी ने योजना बनाकर युवराज मीणा को रंगेहाथों पकड़ा।
रिश्वत की राशि लेने के लिए मीणा ने एक प्राइवेट व्यक्ति का सहारा लिया।
कार्रवाई का विवरण
गिरफ्तारी:युवराज मीणा और रिश्वत लेने वाले व्यक्ति को कार में बैठे हुए गिरफ्तार किया गया।
सर्च ऑपरेशन:जयपुर स्थित आमेर के घर और अलवर नगर निगम कार्यालय पर तलाशी।
सवेरे 4 बजे तक चली कार्रवाई में महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए।
पृष्ठभूमि और राजस्व हानि का मामला
होर्डिंग टेंडर में गड़बड़ी:
अलवर नगर निगम में होर्डिंग टेंडर को लेकर पहले से शिकायतें थीं।
टेंडर प्रक्रिया में देरी से नगर निगम को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था।
अन्य गड़बड़ियां उजागर होने की संभावना:
रिश्वतखोरी के मामले ने निगम में व्यापक भ्रष्टाचार की ओर संकेत किया है।
एसीबी ने जब्त दस्तावेजों की जांच शुरू की।
अन्य संभावित घोटालों की तहकीकात भी की जाएगी।
एसीबी का बयान
एएसपी अभिषेक पारीक:आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, युवराज मीणा के खिलाफ जांच तेज की गई है।
निगम की राजस्व हानि से जुड़े अन्य मामलों को भी खंगाला जाएगा।
निष्कर्ष
अलवर नगर निगम में भ्रष्टाचार का यह मामला प्रशासन की पारदर्शिता और ईमानदारी पर सवाल खड़ा करता है। एसीबी की कार्रवाई ने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी सजा का संदेश दिया है। इस घटना से निगम के कामकाज की समीक्षा और सुधार की आवश्यकता और भी स्पष्ट हो गई है।