रविवार से जी-20 शिखर सम्मेलन की शुरुआत हो चुकी है। साझा घोषणा पत्र जारी करने पर आम सहमति बनाने का प्रयास अध्यक्ष के रूप में भारत द्वारा किया जा रहा है इस मामले में यूरोपियन यूनियन का कहना है, कि यूक्रेन को छोड़कर वह सभी मामले में जो प्रस्ताव जी-20 की बैठक में प्रस्तुत किए जाएंगे। उनका वह समर्थन करेंगे। शनिवार से विदेशी मेहमानों का नई दिल्ली आना आना शुरू हो गया था। अमेरिका के राष्ट्रपति जो वाईडेन भारत पहुंच चुके हैं। इसके साथ ही तुरकियों के राष्ट्रपति, ओमान के उप प्रधानमंत्री, कनाडा के प्रधानमंत्री ,झूटली की प्रधाममंत्री, अफीका के राष्ट्रति, चीन के प्रधानमंत्री और रूस के विदेश मंत्री जी-20 के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए पहुंच चुके हैं रूस के राष्ट्रपति पुतिन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के नहीं आने से जी-20 के शिखर सम्मेलन में अमेरिका और यूरोपीय यूनियन का दबदबा बना रहेगा इस आशय के संकेत यूरोपियन यूनियन ने जी-20 बैठक का जो एजेंडा तैयार किया जा रहा है। उसे पर अपनी प्रक्रिया व्यक्त कर दी है यूक्रेन मुद्दे पर यूरोपियन यूनियन और अमेरिका पुक़ेत को छोड़कर जी-20 के सभी प्रताव एर ईयू का समर्थत अपने रुख पर कायम है। जिसके कारण शिखर सम्मेलन में रूस और चीन के साथ जी-20 के शिखर सम्मेलन में समन्वय को लेकर कोई बात होना संभव नहीं है।अमेरिका और यूरोपीय देशों चीन तथा रूस के बीच में आम सहमति बनाकर साझा घोषणा पत्र जारी हो इसके लिए भारत निरंतर इसके लिए प्रयासरत है। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध की निंदा करने के प्रस्ताव को लेकर भी तल्खी बनी हुई है। रूस और चीन, यूक्रेन के मुद्दे को शामिल करने के पक्ष में नहीं है। वहीं यूरोपीय यूनियन के सभी देश इस मामले पर। अड़े हुए हैं। जी 20 के शिखर सम्मेलन में अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने प्रधानमंत्री मोदी पर दबाव बनाया है। रूस और यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर । जी 20 के शिखर सम्मेलन में चर्चा की जाए और इसमें साझा प्रस्ताव जारी किया जाए।चीन और रूस लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। जी 20 के शिखर सम्मेलन पर एक पृथ्वी एक परिवार के मुख्य मुद्दे को आधार बनाकर सभी देश के बीच आपसी समन्वय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर पूरे विश्व की जो चिंता है उनका हल निकालने के लिए प्रस्ताव पर चर्चा कर आम सहमति बनाकर निर्णय लिए जाने थे उन पर निर्णय लिए जाने थे । जी-20 के शिखर सम्मेलन में रूस, चीन और अमेरिका के बीच जो तल्खी दिखने को मिल रही है। उसके कारण जी-20 के शिखर सम्मेलन में जिस तरह की आशा की जा रही थी।उसमें यह तीनों महाशक्ति चीन- रूस और अमेरिका के भंवर जाल में भारत भी फसता हुआ दिख रहा विश्व प्राथमिक विकित्मा दिवस हरे साल विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस किसी विशेष थीम के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष विश्व प्राथमिक चिकित्सा दिवस 2023 की थीम डिजिटल दुनिया में प्राथमिक चिकित्सा है। यह थीम प्राथमिक चिकित्सा ज्ञान को सभी के लिए सुलभ बनाने के हमारे लक्ष्य तक पहुंचने के लिए डिजिटल नवाचारों से संबंधित है।लोगों को अधिक से है ।एक तरह से अमेरिका ओर यूरोपीय देशों का दबाव भारत में देखने को मिल रहा है। चीन और रूस के राष्ट्रपति शिखर सम्मेलन में नहीं आ रहे हैं भारत के प्रधानमंत्री और जी-20 के शिखर सम्मेलन के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वह ताकत नहीं मिल पा रही है। जो इस सम्मेलन के लिए उन्हें मिलने थी। फिर भी जिस तरह से भारत जी-20 के शिखर सम्मेलन में सभी देशों के बीच में समन्वय बनाने की जो कोशिश भारत द्वारा की जा रही है। उसकी प्रशंसा ही की जा सकती है। जी-20 के शिखर सम्मेलन को लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी तीब्र प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। जिस तरह के हालात अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बने हुए हैं। उसको देखते हुए यह शिखर सम्मेलन बहुत महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकता है। भारत की भूमिका को लेकर सभी आसान्वित है।
यूक्रेन को छोड़कर जी-20 के सभी प्रताव पर यूरोप का समर्थत
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