प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 115वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित करते हुए आत्मनिर्भरता पर जोर दिया और कहा कि यह केवल एक नीति नहीं है बल्कि देश का जुनून बन गया है। इस एपिसोड में उन्होंने सरदार पटेल और भगवान बिरसा मुंडा को भी श्रद्धांजलि दी, जो एकता और साहस के प्रतीक माने जाते हैं। पीएम मोदी ने बताया कि 31 अक्टूबर से सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष और 15 नवंबर से भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती वर्ष की शुरुआत होगी। इन दोनों महानायकों की उपलब्धियों को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उनके समर्पण से हमें देश की एकता का मार्ग प्रशस्त होता है।
आत्मनिर्भर भारत: एक जन-आंदोलन
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान अब जन-आंदोलन का रूप ले चुका है। उन्होंने लद्दाख के हान्ले में हाल ही में स्थापित एशिया के सबसे बड़े इमेजिंग टेलीस्कोप ‘MACE’ का जिक्र किया, जो 4300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यह दर्शाता है कि भारत अब अत्याधुनिक तकनीकों में आत्मनिर्भर बन रहा है। उन्होंने इस उपलब्धि को देश के साहसिक वैज्ञानिकों और स्थानीय उद्योगों की मेहनत का परिणाम बताया।
वोकल फॉर लोकल और त्योहारों का उत्सव
पीएम मोदी ने ‘वोकल फॉर लोकल‘ को त्योहारी खरीदारी के साथ जोड़ते हुए कहा कि हम सभी को इस अवसर पर ‘मेक इन इंडिया’ को प्राथमिकता देनी चाहिए। अब भारत ‘मेक फॉर द वर्ल्ड’ के मंत्र को अपनाते हुए इनोवेशन के क्षेत्र में एक वैश्विक पावरहाउस बनने की राह पर है।
एनिमेशन और गेमिंग में भारत की नई पहचान
प्रधानमंत्री ने भारत के एनिमेशन उद्योग की चर्चा करते हुए कहा कि जैसे-जैसे देश आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है, हमारे एनिमेशन किरदार जैसे छोटा भीम, कृष्णा, मोटू-पतलू और बाल हनुमान को पूरी दुनिया में पसंद किया जा रहा है। भारत का एनिमेशन और गेमिंग क्षेत्र अब वैश्विक स्तर पर पहचान बना रहा है, जिससे यह दुनिया में क्रांति लाने की राह पर है।
साइबर अपराध से बचाव के उपाय
प्रधानमंत्री मोदी ने साइबर सुरक्षा के प्रति सतर्क रहने का आह्वान किया। उन्होंने बताया कि कैसे डिजिटल फ्रॉड्स के कारण लोग बड़ी मात्रा में धनराशि गंवा चुके हैं। उन्होंने जनता को सतर्क रहने की सलाह दी कि किसी भी जांच एजेंसी का कॉल कभी फोन या वीडियो कॉल के माध्यम से नहीं आता है, ऐसे में ऐसे फर्जी कॉल से सावधान रहना चाहिए।
मन की बात की अनूठी शुरुआत
इस कार्यक्रम की शुरुआत 3 अक्टूबर 2014 को हुई थी, जो आज 22 भारतीय भाषाओं और 29 बोलियों के साथ 11 विदेशी भाषाओं में प्रसारित होता है, जिसमें फ्रेंच, चीनी, इंडोनेशियाई, तिब्बती, बर्मी, बलूची, अरबी, पश्तू, फारसी, दारी और स्वाहिली शामिल हैं। इसका प्रसारण आकाशवाणी के 500 से अधिक केंद्रों द्वारा किया जाता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में आत्मनिर्भरता और एकता के संदेश को जन-जन तक पहुँचाने का आह्वान किया, जो भारत को नई दिशा देने में सहायक होगा।