हनिया की सदों में पश्ष और विपक्ष की पार्टियां जो फिजुल का दंगल करती हैं और अपना तथा देश का सम्रय नष्ट करती रहती हैं, उससे ग्रार, एथिया, अफ्रीका, अग्रेरिका और यूरोप के लोकतांत्रिक देशों को छुटकारा मगिलेगा। जो भरी सरकार सर्वगम्ति से बने, उसमें दलीय सख्या के अनुपात में मंत्री बनादिएजा सकते हैं। मत्रिमंदन के सभी फैसले बहुमत के आधार पर होंगे। नगालैंड से भारत और द्निया के सभी राजनीतिक दल प्रेरणा लेकर अपने- अपने देश में वैसी ही सरकारें बना सकते हैं, जैसी आजादी के बाद /947 में भ्रात में जवाहरलाल नेहरु के नेतृत्व में बनी थी। नगालैंड, त्रिपुरा और मेघालय में भाजपा का डंका बज गया, यह देश ने जमकर देखा लेकिन वहां जो असली विलक्षण घटना हुई है, उसकी तरफ लोगों का ध्यान बहुत कम गया है। वह विलक्षण घटना यह है कि जिन पार्टियों ने चुनाव में एक-दूसरे का डटकर विरोध किया, उन्होंने भी मिलजुल कर अब नई सरकार बनाई है। इतना ही नहीं, वे छोटी-मोटी पार्टियां, जो राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा आदि का विरोध करती रही हैं, उन्होंने भी नगालैंड में ऐसी सरकार बनाई है, जैसी दुनिया के किसी भी लोकतांत्रिक देश में भी नहीं है। नगालैंड की ताजा सरकार ‘नेशनलिस्टिक डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्ट के नेतृत्व में बनी है। उसके नेता नेफ्यू रियो मुख्यमंत्री हैं। उनकी 60 सदस्योंवाली विधानसभा में एक भी सदस्य ऐसा नहीं है, जो कहे कि मैं विपक्ष में हूं या में विरोधी दल हूं। तो क्या हम यह मान लें कि रियो ने साठों की साठ सीटें जीत लीं? नहीं, ऐसा नहीं हुआ है। उनकी पार्टी और भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें मिली हैं लेकिन उनकी संख्या कुल 37 हैं। महिलाएं सशक्त होंगी तभी देश बनेगा महाशक्ति तक यह निश्चित नहीं है कि इन विरोधी पार्टियों के विधायकों में से कुछ को मंत्री बनाया जाएगा या नहीं । शरद पवार की नेशनल कांग्रेस पार्टी को 7 सीटें मिली हैं। वह तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है। उसे दुविधा है, भाजपा से हाथ मिलाने में! इसीलिए वह सरकार को बाहर से ही समर्थन देगी। जो भी हो, नगालैंड में जो सरकार बनेगी और चलेगी, मेरी राय में वह दुनिया के सभी लोकतंत्रों के लिए आदर्श है। दुनिया की संसदों में पक्ष और विपक्ष की पार्टियां जो फिजूल 60 में से 37 याने आधी से सिर्फ 7 ज्यादा ! फिर भी क्या बात है कि नगालैंड में कोई विरोधी दल नहीं है? जिन आठ दलों ने विरोधी बनकर चुनाव लड़ा था, उनमें 4 पार्टियां नगालैंड के बाहर की थीं। सभी आठों पार्टियों के जीते हुए विधायकों ने कहा है कि हम सत्तारुढ़ गठबंधन के साथ है। अभी का दंगल करती हैं और अपना तथा देश का समय नष्ट करती रहती हैं, उससे भारत, एशिया, अफीका, अमेरिका और यूरोप के लोकतांत्रिक देशों को छुटकारा मिलेगा। जो भी सरकार सर्वसम्मति से बने, उसमें दलीय संख्या के अनुपात में मंत्री बना दिए जा सकते हैं । मंत्रिमंडल के सभी फैसले बहुमत के आधार पर होंगे । नगालैंड से भारत और दुनिया के सभी राजनीतिक दल प्रेरणा लेकर अपने-अपने देश में वैसी ही सरकारें बना सकते हैं, जैसी आजादी के बाद 947 में भारत में जवाहरलाल नेहरु के नेतृत्व में बनी थी। उस नेहरु सरकार में घनघोर गांधीविरोधी भीमराव आंबेडकर और जनसंघ के जनक श्यामाप्रसाद मुखर्जी भी मंत्री थे। उसके ॥4 मंत्रियों में हिंदू, मुसलमान, सिख, ईसाई, पारसी, दक्षिण भारतीय, दलित, महिला आदि सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व था। वह सचमुच की राष्ट्रीय सरकार थी। आजकल की पार्टी-आधारित सरकारों में भी इन वर्गों का प्रतिनिधित्व रहता है लेकिन उन सब पर सेंतमेंत प्रहार करने के लिए हम एक विपक्ष भी फिजूल में खड़ा कर लेते हैं।
नागालैंड से आाडी दुनिया सीरने
Keep Reading
Add A Comment
Other Links
Subscribe Newspaper
हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें और ताज़ा समाचारों से अपडेट रहें।
© 2025 Umasamwad. Designed by TechnoAce.

