राजस्थान में हाल ही में सात सीटों पर हुए उपचुनाव के नतीजे 23 नवंबर को घोषित किए जाएंगे। इसके बाद राज्य सरकार चार बड़े और राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण फैसलों पर विचार कर सकती है। ये निर्णय सरकार की आगामी नीतियों और प्रदेश की राजनीतिक दिशा को काफी प्रभावित करेंगे।
1. एसआई भर्ती परीक्षा का फैसला
एसआई भर्ती परीक्षा को रद्द करने या बनाए रखने का निर्णय राज्य सरकार के लिए सबसे संवेदनशील मुद्दों में से एक है। विधि मंत्री जोगाराम पटेल की अध्यक्षता में गठित समिति ने इस मामले पर अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को सौंप दी है।
- चुनौतियां: परीक्षा रद्द करने पर चयनित अभ्यर्थी कोर्ट जा सकते हैं, जबकि परीक्षा जारी रखने पर कई युवाओं और मंत्री किरोड़ी लाल मीणा की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है।
- संभावना: कैबिनेट की आगामी बैठक में इस पर चर्चा होने और निर्णय सामने आने की संभावना है।
2. नए जिलों पर फैसला
पिछली सरकार द्वारा बनाए गए 17 नए जिलों के भविष्य को लेकर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर की अध्यक्षता में समिति का काम लगभग पूरा हो चुका है।
- संभावना: छोटे जिलों को वापस पुराने जिलों में विलय किया जा सकता है।
- समय सीमा: सरकार को 31 दिसंबर से पहले निर्णय लेना होगा, क्योंकि इसके बाद जनगणना के लिए जिलों की सीमाएं सील कर दी जाएंगी।
3. पिछली सरकार के फैसलों की समीक्षा
पिछली सरकार के अंतिम समय में लिए गए फैसलों की समीक्षा के लिए चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर की अध्यक्षता में गठित समिति ने कई भूमि आवंटनों सहित अन्य मुद्दों पर अपनी रिपोर्ट तैयार कर ली है।
- संभावना: सामाजिक संस्थाओं को छोड़कर कई भूमि आवंटन रद्द किए जा सकते हैं।
4. वन स्टेट वन इलेक्शन का निर्णय
निकाय चुनावों और पंचायतों के कार्यकाल समाप्त होने के साथ, सरकार को “वन स्टेट वन इलेक्शन” नीति पर निर्णय लेना होगा।
- संभावना: जिन 49 निकायों का कार्यकाल इस माह समाप्त हो रहा है, उनमें प्रशासक नियुक्त किए जा सकते हैं। जनवरी में छह हजार से अधिक पंचायतों का कार्यकाल समाप्त होने के बाद इस नीति पर फैसला लिया जा सकता है।
प्रमुख आयोजनों का प्रभाव
राज्य सरकार की पहली वर्षगांठ और “राइजिंग राजस्थान इन्वेस्टमेंट समिट” जैसे बड़े आयोजन इन फैसलों को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ निर्णय इन आयोजनों से पहले और कुछ बाद में लिए जा सकते हैं।
इन सभी मुद्दों पर लिए जाने वाले निर्णय राज्य की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था पर गहरा असर डालेंगे।
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