उज्जैन में नकली घी का पर्दाफाश उज्जैन में दीपावली के त्योहारी सीजन से पहले खाद्य विभाग ने मिलावटखोरी के गंभीर मामले का खुलासा किया है। फव्वारा चौक स्थित महावीर इंटरप्राइजेस पर खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारते हुए 150 लीटर अमानक स्तर का घी जब्त किया, जो रुद्रांश ब्रांड के नाम से बाजार में बिक रहा था। विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि यह नकली घी राजस्थान के अलवर में तैयार किया गया था और इंदौर के रास्ते उज्जैन पहुंचाया जा रहा था।
खाद्य अधिकारी बीएस देवलिया ने बताया कि असली घी बनाने में लगभग 500 रुपये प्रति किलो का खर्च आता है। लाभ जोड़कर असली घी का मूल्य 600 रुपये से कम नहीं होना चाहिए। इसके बावजूद रुद्रांश ब्रांड का यह नकली घी बाजार में 340 रुपये प्रति किलो में बेचा जा रहा था। अधिकारियों ने इस घी को सेहत के लिए अत्यंत हानिकारक बताया और इसकी गुणवत्ता पर सवाल उठाए।
महावीर इंटरप्राइजेस पर कार्रवाई के दौरान अधिकारियों को हैरानी हुई कि इस नकली घी के डिब्बों पर “सेहत का ख्याल” जैसा झूठा स्लोगन लिखा था, जबकि इसमें मिल्क फैट के अलावा अन्य हानिकारक तत्वों की मिलावट की आशंका है। इस घी के सैंपल्स को अब प्रयोगशाला में भेजा गया है, ताकि उसकी शुद्धता की पुष्टि की जा सके। फूड डिपार्टमेंट के अधिकारी बसंत शर्मा ने भी माना कि इसमें मिल्क फैट के अलावा अन्य फैट भी मिला हो सकता है, जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है।
रुद्रांश ब्रांड घी, जिसे अलवर में निर्मित बताया गया है, ने केंद्र सरकार से FSSAI लाइसेंस भी ले रखा था। एक साल से यह नकली घी उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में महावीर इंटरप्राइजेस के संचालक राजेंद्र जैन द्वारा बेचा जा रहा था। अधिकारियों ने बताया कि अब इंदौर जिला प्रशासन को भी इस मामले की सूचना दे दी गई है ताकि और भी दोषियों पर कार्रवाई हो सके।
खाद्य विभाग की इस कार्रवाई से त्योहार के मौसम में लोगों की सेहत से जुड़े गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। विभाग ने आम जनता से अपील की है कि वे कम कीमत पर बिकने वाले खाद्य उत्पादों के प्रति सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध उत्पाद की जानकारी तुरंत दें।