अजमेर /संवाददाता। जवाहर कला केन्द्र का लॉन ध्रुवषद के सुरए लय और ताल से झंकृत हो उठा जब वरिष्ठ ध्रुवपद गायिका प्रो. मधु भट्ट तेलंग ने अपने साथियों के साथ विशिष्ट अंदाज में ध्रुवषद के सुर छेड़े। मौका था डेल्फिक गेम्स ऑफ राजस्थान द्वारा जवाहर कला केन्द्र में आयोजित 4 दिवसीय डेल्फिक गेम्सका। डेल्फिक गेम्स के दूसरे दिन की शुरूआत हेरिटेज डॉयलाग सिपोजियम के तहत ध्रुवपद गायकी की विश्व विख्यात गुरू प्रो. मधु भट्ट तेलंग के साथ हुई । कला एवं संस्कृति के साथ साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए काउंसिल की ओर से ध्रुवपद की परम्पराएं एवं नए आयाम विषय पर प्रो. मधु भट्ट तेलंग के व्याख्यान का आयोजन किया गया। खुले प्रागंण में संगीत पुरोधा प्रो. तेलंग ने संगीत की सुरीली वर्षा से आगमन्तुकों को सरोबोर कर दिया। उन्होंने अपनी प्रस्तुति के तहत डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की प्रशंसा करते हुए डेल्फिक गेम्स को कला और संस्कृति के लिए बेहतरीन प्रयास बताया। उन्होंने गुरु का महत्व बताते हुए गुरु वंदना से सुर साधना आरम्भ की। उन्होंने गायकी और उसकी व्याख्या को समाहित करते ध्रुवपद गायकी को सजीव रूप से समझाया । प्रो. तेलंग ने भेरव स्त्रोत से शुरूआत करते हुए श्रुवपद महिमा एवं भक्ति काल के कवियों के पदों का गायन किया। उन्होंने भ्रुवपद गायन शैली की बारीकिया समझाते हुए बताया कि श्रुवपद की दो परंपराएं हैं। पहली मंदिर परंपरा और दूसरी दरबारी परंपरा। जिसके तहत उन्होंने कई शानदार और कर्षप्रिय प्रस्तुतियां दी। जिसमें चंदरिया झीनी- झीनी, स्वच्छता पर विशेष गीत को प्रस्तुत किया। प्रो. तेलंग ने संगीत को धर्म जाति के भेदभाव से दूर बताते हुए महात्मा गांधी का प्रिय भजन रघुपति राघव राजा राम प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने प्रस्तुतिकरण के अन्त में होली गीत और शिव स्तुति के साथ ही पंडित श्रद्धाराम शर्मा फिल्लौरी की आरती का श्रुवषद शैली में गायन कर श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया। का भेद-ग्रो.म॥ भह तेलग के माध्यम से पूरब, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण भारत की विशिष्ट पारम्परिक परिधानों को सहेजने और उभारने का प्रयत्न किया गया है। कार्यक्रम में काउंसिल के महासचिव एवं जिला कलेक्टर, अलवर जितेन्द्र कुमार सोनी ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि डेल्फिक मूवमेंट का उद्देश्य है कि युवा एवं विशिष्ट कलाकारों के बीच सेतु स्थापित हो और नवोदित कलाकारों को मंच मिले । नार्थ ईस्ट डेल्फिक काउंसिल की समन्वय जाहन्वी फूंकन ने अतिथियों को दुशाला व प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया । काउंसिल की कोषाध्यक्ष एवं आरएएस अधिकररी क्षिप्रा शर्मा ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। इस मौके पर राजस्थान डेल्कि काउंसिल की अध्यक्ष एवं प्रमुख शासन सचिव श्रेया गुहा, उत्तर क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र एपटियाला के निदेशक फुरकान खान, इंडियन डेल्फिक काउंसिल के अध्यक्ष एन एन पांडे, इंटरनेशनल डेल्फिक इस अवसर पर तनेरा हेरिटेज साड़ियों के डिजाईनर प्रियंका माथुर और सिद्धार्थ आनंद ने बताया कि तनेरा साडियों के महासचिव रमेश प्रसन्ना सहित विभिन्न अधिकारी, प्रतिभागी एवं कला प्रेमी उपस्थित थे।
इैल्फिक गेम ऑफाशाजाथान-दूपरे दिन की मुर्मयी गु़आत धुवपद गायकी के साथ हुई मगीत मिदता है धर्म जाति का भेद-ग्रो.म॥ भह तेलग
Other Links
Subscribe Newspaper
हमारे न्यूजलेटर को सब्सक्राइब करें और ताज़ा समाचारों से अपडेट रहें।
© 2025 Umasamwad. Designed by TechnoAce.

