अपराध के रखवाले ही बने अपराधी मेरठ में तैनात दो पुलिसकर्मियों और एक वकील के गिरोह ने राजस्थान में बड़े पैमाने पर अपराध को अंजाम दिया, लेकिन राजस्थान पुलिस की मुस्तैदी से इनका अपराधी खेल खत्म हो गया। ये आरोपी फर्जी एसओजी टीम बनाकर लोगों को डराते, अपहरण करते और फिरौती वसूलने की योजना बनाते थे। मामले के खुलासे के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया और एसएसपी ने दोनों पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित कर दिया।
अपराधी कैसे बने पुलिसवाले?
मेरठ के कंकरखेड़ा में तैनात कांस्टेबल रिंकू सिंह गुर्जर और हेड कांस्टेबल अमित खटाना ने काली कमाई के लालच में अपना एक गिरोह बना लिया था। इनके साथ कंकरखेड़ा निवासी वकील आकाश शर्मा भी इस अपराधी गिरोह का हिस्सा था। ये लोग खुद को यूपी की एसओजी टीम का अधिकारी बताकर लोगों को डराते थे। राजस्थान के झुंझुनूं में इस गिरोह ने फेरीवाले एक दंपती और उनके साथियों का अपहरण कर 5 लाख रुपये वसूलने की योजना बनाई, परंतु पुलिस ने इन्हें समय रहते दबोच लिया।
घटना का विस्तार: कैसे दी वारदात को अंजाम
गिरोह ने चूरू से झुंझुनूं की ओर जा रही रोडवेज बस में बैठे बुलंदशहर के जखिया और उनकी पत्नी नाजरीन सहित उनके सहयोगियों को जबरन अपनी गाड़ी में बैठा लिया। बस में मौजूद यात्रियों में से एक ने तुरंत पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने गांगियासर तिराहे पर नाकाबंदी की, लेकिन ये आरोपित यूपी नंबर की लाल कार से बैरिकेड्स तोड़ते हुए भाग निकले। पीछा कर रही पुलिस ने आखिरकार इन्हें रोकने में सफलता पाई। इस घटना में राजस्थान पुलिस का हेड कांस्टेबल अंकित घायल हो गया।
अपराधी बनने का सफर: कैसे बनाया अपना गिरोह?
रिंकू सिंह गुर्जर और अमित खटाना ने गिरोह में महिला समेत अन्य लोगों को शामिल कर एक साजिशन योजना बनाई थी। इनके गिरोह में गाजियाबाद की मीनू रानी, जो एक अस्पताल में रिसेप्शनिस्ट थी, हापुड़ का मुनकाद, दिल्ली का अनुज और अन्य अपराधी शामिल थे। ये सब मिलकर पुलिस की वर्दी का गलत फायदा उठाते हुए लोगों को फर्जी तरीके से डराते और लूटते थे।

फर्जी एसओजी टीम और उनके इरादे
मेरठ के 2016 बैच के कांस्टेबल रिंकू और 2006 बैच के हेड कांस्टेबल अमित ने पुलिस की कार्यप्रणाली का फायदा उठाते हुए अपने गिरोह के सदस्यों को प्रशिक्षण भी दिया था। उनके इस गिरोह ने खुद को एसओजी टीम का हिस्सा बताकर सीधे आम लोगों को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इनका मकसद हर बार अपनी फर्जी पहचान से लोगों को डराना और पैसों की अवैध उगाही करना था।
काली कमाई का लालच और इसका नतीजा
रिंकू और अमित ने अपने पथ से भटककर अवैध कमाई के लिए खतरनाक और शर्मनाक रास्ता चुना। दोनों ने मिलकर ऐसा गिरोह तैयार किया जो वर्दी का गलत फायदा उठाकर आम लोगों को धमकाता और पैसे लूटता। अंततः पुलिस ने इन्हें पकड़ लिया, और अब ये खुद कानून के शिकंजे में हैं।

